राष्ट्रपति के इस फैसले से श्रीलंका के लोगों को मिली थोड़ी राहत

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आजादी के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। जैसे ही विरोध तेज हुआ, मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया, जिससे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके भाई प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे परेशान हो गए। और देश में आपातकाल लगा दिया, नागरिकों के लगातार विरोध के बाद राष्ट्रपति ने आपातकाल को रद्द कर दिया। आपातकाल को रद्द करने का आदेश 5 अप्रैल, 2022 की मध्यरात्रि से लागू हो गया, आपातकाल रद्द होने से श्रीलंका के लोगों को थोड़ी राहत मिली है.

बता दें कि  श्रीलंका में साल 2015 के बाद से महंगाई रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है. जिसके बाद सब्जी और किराना के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल और डीजल की भारी किल्लत के बाद पंप पर सैना तैनात कर दी गई है. साथ ही बिजली संकट भी पैदा हो गया है.  

भूखमरी को खत्म करने के लिए भारत ने श्रीलंका के लिए 40000 टन चावल का सप्लाई किया है। सबसे राहत की बात ये है कि चावल की सप्लाई श्रीलंका में एक प्रमुख त्योहार से पहले की जा रही है। उम्मीद है कि भारत द्वारा की गई इस मदद से श्रीलंका को कुछ राहत मिलेगी।

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