केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिसा के 44 आकांक्षी जिलों के सात हजार से अधिक गांवों में फोर-जी मोबाइल सेवाएं प्रदान करने को मंजूरी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में बताया कि इन राज्यों के वाम उग्रवाद प्रभावित इलाकों में मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि इस कार्य में लगभग छह हजार 466 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
ठाकुर ने कहा कि परियोजना के लिए धन, सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष-यूएसओएफ उपलब्ध कराएगा। ये परियोजना हस्ताक्षर होने के 18 महीनों के अंदर पूरी हो जाएगी और इसके 23 नवम्बर 2023 तक पूरा होने की संभावना है।
इन गांवों में फोर-जी मोबाइल सेवा, खुली प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित की जाएगी। आकांक्षी जिलों में मोबाइल सेवा पहुंचने से डिजिटल संपर्क बढेगा, सीखने और जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी तथा कौशल उन्नयन तथा विकास में तेजी आएगी। श्री ठाकुर ने कहा कि इससे डिजिटल इंडिया का दृष्टिकोण पूरा होगा और घरेलू विनिर्माण के प्रोत्साहन से आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल होगा।
ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले और दूसरे चरण की परियोजनाओं के साथ-साथ सडक सम्पर्क परियोजना को जारी रखने की भी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के फैसले से इन योजनाओं से वाम उग्रवाद प्रभावित तथा जनजातीय क्षेत्र लाभान्वित होंगे। श्री ठाकुर ने कहा कि घने जंगलों, पहाडी क्षेत्रों और नदियों पर सडकें बनाई जाएंगी।
ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने पूर्वोतर और पहाडी राज्यों को अपने अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए सहायता प्रदान करने की समय-सीमा अगले वर्ष सितम्बर तक बढा दी है। समिति ने वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सडक संपर्क परियोजना मार्च-2023 तक जारी रखने की भी स्वीकृति दी।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अंतर्गत ग्रामीण सडकों के निर्माण में नई और हरित प्रौद्योगिकी को बढावा दिया जा रहा है। अब तक नई और हरित प्रौद्योगिकी के उपयोग से एक लाख किलोमीटर सडक बनाने का लक्ष्य रखा गया है इसमें से 61 हजार किलोमीटर सडक निर्माण का काम पूरा हो चुका है। सरकार ने 2019 में एक लाख 25 हजार किलोमीटर सडक वर्ष 2025 तक बनाने के लिए प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना के तीसरे चरण की शुरूआत की थी। इस चरण के लिए 72 हजार किलोमीटर सडक स्वीकृत की गई हैं इनमें से 17 हजार 750 किलोमीटर की सडक बनाई जा चुकी है।
वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सडक संपर्क परियोजना 2016 में शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत नौ राज्यों के 44 जिलों में पांच हजार 412 किलोमीटर सडक का निर्माण और उन्नयन तथा रणनीतिक महत्व के 126 पुलों का निर्माण शामिल है। आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिसा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 11 हजार 725 करोड रूपये के परिव्यय से ये कार्य होगा।
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