हथीन: जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक राष्ट्रीय चैनल को दिए साक्षात्कार में स्वरोजगार के रूप में पकौड़ा बेचने की मिशाल दी, तभी से विपक्षी दलों ने इसका जमकर मजाक बनाया तथा सुर्खियों में छाए रहने के लिए आए दिन पकौड़े तलने के कार्यक्रम भी किये।
इस मामले पर हथीन में पकौड़े बेचने वाले उमर मुहम्मद का कहना है कि पकौड़ा बेचना कोई गुनाह या छोटा काम नहीं है, बल्कि एक अच्छा स्वरोजगार है। उमर मुहम्मद हथीन बस अडडा क्षेत्र में वर्ष 1985 से पकौड़ा बनाकर बेच रहे हैं। उनका कहना है कि मेहनत और लगन से जिस काम को किया जाए, उसमें कामयाबी जरूर मिलती है।
उमर मुहम्मद ने बताया कि वो वर्ष 1985 से पकोडा बना का कार्य कर रहे हैं। इसी पकोडे बेचने के कार्य की बदौलत से उन्होंने अपने सातों बच्चों (4 लडके, 3 लडकियां) की परवरिश की तथा उनकी शादी कराई। इसी रोजगार के चलते उन्होंने अपना मकान और दुकान बनाए तथा अपने बच्चों के लिए एक दुकान किराए पर लेकर पकोडे के रोजगार को आगे बढाया।
उमर मुहम्मद ने बताया कि उनके दो लडके इसी पकोडे के काम में उनका हाथ बंटाते हैं तथा पकोडे बेचने से ही उनके परिवार का अच्छा लालन पोषण हो रहा है। उनका कहना है कि आज के अधिकांश युवा स्वरोजगार पर कम बल्कि नौकरी पर ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। जबकि देखा जाए तो स्वरोजगार के सामने नौकरी कुछ भी नहीं हैं। यदि स्वरोजगार अच्छा चल निकले तो दूसरों को भी नौकरी देने में सक्षम होता है। (रिर्पोटर देवराज शर्मा)
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