प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में बहुत काम किया है, वह रोजाना 18 घंटे तक काम करने वाले दुनिया के इकलौते नेता हैं लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ कार्यवाही करके करोड़ों लोगों को नाराज कर दिया है, अब उनके पास सिर्फ गरीबों और मिडिल क्लास का वोट है लेकिन गरीबों का वोट लेने के लिए उन्हें जनता के लिए काम भी करना पड़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार पता चल रहा है कि बीजेपी के अधिकतर सांसदों ने उतना काम नहीं किया जितना जनता उनसे उम्मीद कर रही थी. अब दोबारा इन सांसदों को जनता वोट नहीं देगी इसलिए 2019 में मोदी के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.
अभी मोदी को कई काम करने हैं, देश में भ्रष्टाचार पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है, GST पूरी तरह से इप्लेमेंट हो गया है लेकिन इसका फायदा अब मिलना शुरू होगा, सत्ता में दोबारा वापसी करने के लिए मोदी के पास सिर्फ एक ही रास्ता है, सभी कामचोर बीजेपी सांसदों का अगली बार टिकट काट दें.
अगर सभी कामचोर सांसदों के टिकट काट दिए जाएंगे तो इनके खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी ख़त्म हो जाएगी और जनता नए उम्मीदवारों को फिर से वोट देगी, बीजेपी ने कुछ दिनों पहले दिल्ली MCD चुनावों में ऐसा ही किया था और उसकी बम्पर जीत हुई थी. सूत्रों से पता चला है कि बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में यही फार्मूला अपनाएगी और अधिकतर सांसदों के टिकट काटेगी.
वैसे भी अगर बीजेपी ऐसा नहीं करेगी तो गुजरात की कहानी यहाँ भी दोहराई जाएगी, वहां पर कई मंत्री भी चुनाव हार गए. हाल में नगर निगमों को छोड़कर नगर पंचायतों में जनता ने बीजेपी के बजाय निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट दिया था. जनता ने बीजेपी को सन्देश दे दिया है कि अगर काम करोगे तभी 2019 में वोट देंगे, वरना अपना अंजाम समझ लेना.
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