महिला को पुराने नोटों को जमा कराने का समय नहीं मिला, SC में याचिका डालने का समय मिल गया

Hearing a women petition agaisnt demonetisation SC asks Centre to give genuine cases 'another chance'
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भारत सरकार ने नोटबंदी के निर्णय के बाद पुराने नोट जमा कराने के लिए 50 दिनों का समय दिया था, इतने समय तक हर आदमी को अपने पुराने नोट बैंकों में जमा करवा देने चाहिए थे लेकिन कुछ लोग अभी भी पुराने नोट लेकर घूम रहे हैं. हाल ही में एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में पुराने नोटों को जमा कराने के लिए याचिका दायर की जिसपर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर इमानदार लोगों को पुराने नोट जमा कराने के लिए एक और मौका दिया जा सकता है तो दिया जाय.

आप खुद सोचिये, केंद्र सरकार ने पुराने नोटों को जमा करने के लिए 50 दिनों का समय दिया था, उसके बाद भी रिज़र्व बैंक में पुरानें नोट जमा कराने के लिए तीन महीनें का समय दिया गया, जिस महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है, उसके पास सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए तो समय मिल गया लेकिन पुरानें नोटों को जमा करने के लिए बैंक जाने का समय नहीं मिल सका.

यह भी हो सकता है कि कालाधन रखने वालों ने अपने नोट लोगों में बाँट दिए हों और उन्हें कमीशन देने का लालच देकर उनके जरिये नोट बदलवाना चाहते हों, नोटबंदी के बाद हजारों लोगों ने अपने पुरानें नोटों को फेंक दिया, कई लोगों ने गरीबों में बाँट दिया, कई लोगों ने गरीबों के जन धन खाते में जमा करा दिया, जिसको जहाँ सेट करना था वहां सेट कर दिया. हो सकता है कि कई लोगों के पास अब भी पुराने नोट जमा हों और वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर शातिराना तरीके से कालेधन को सफ़ेद करना चाहते हों. केंद्र सरकार को इसपर जरूर ध्यान देना चाहिए और सोच विचार कर फैसला करना चाहिए.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महिला वकील सुधा मिश्रा और उनके साथियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुरानें नोटों को जमा करने के लिए याचिका डाली थी, आज सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है. अब देखना है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानती है या नहीं.
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