पढ़ें, जुनैद की ह्त्या के बाद मीडिया ने अपनी डिक्शनरी से Mob Lynching शब्द क्यों निकाला

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आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अचानक भारत के मीडिया चैनलों ने Mob Lynching शब्द अपनी डिक्शनरी से क्यों निकाल लिया, इस शब्द का मतलब क्या है और मीडिया द्वारा इसके इस्तेमाल के पीछे साजिश क्या है. आपने देखा होगा, कश्मीर में पता नहीं कितने हिन्दू पंडितों की हत्या कर दी गयी, केरल में पता नहीं कितने आरएसएस और बीजेपी के लोग मार दिए गए, बंगाल में पता नहीं कितने लोगों को मारकर उनका घर जला दिया गया लेकिन मीडिया ने कभी भी इन राज्यों में बवाल नहीं मचाया और ना ही Mob Lynching शब्द का प्रयोग किया जबकि केरल, बंगाल और कश्मीर में असली Mob Lynching हो रही है, हाल ही में कश्मीर में DSP अयूब पंडित को भीड़ ने मार दिया, ये असली Mob Lynching थी लेकिन मीडिया ने इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि मारने वाले कश्मीर के मुसलमान थे.

इसके अलावा कर्नाटक में प्रशांत पुजारी को मार दिया गया, दिल्ली में डॉ नारंग को मार दिया गया, दिल्ली में ही एक ई-रिक्शा चालक रविन्द्र को मार दिया गया, इन सब लोगों को मुस्लिमों की भीड़ ने मारा था इसलिए मीडिया ने इन घटनाओं के लिए Mob Lynching शब्द का इस्तेमाल नहीं किया.

लेकिन हाल ही में बल्लभगढ़ में ट्रेन में दो पक्षों में मारपीट होने के बाद जुनैद की चाकू लगने से मौत हो गयी तो मीडिया ने इसे Mob Lynching का नाम दे दिया जबकि ये Mob Lynching नहीं थी क्योंकि यहाँ पर दोनों पक्षों में झगडा हुआ था, दोनों पक्षों ने अपने अपने लोगों को फोन करके बुलाया गया था और दोनों पक्षों के लोगों ने एक दूसरे से मारपीट की थी. यहाँ पर किसी इंसान को भीड़ ने नहीं बल्कि उन लोगों ने मारा था जिनसे जुनैद का झगडा हुआ था इसके बावजूद भी मीडिया इसे Mob Lynching, Faridabad Lynching, Ballabgarh Lynching बता रही है.

अगर मीडिया के लिखने पर गौर करें तो ऐसा लग रहा है कि फरीदाबाद, बल्लबगढ़ में Mob यानी भीड़ घूम रही है और लोगों की पकड़ पकड़कर ह्त्या कर रही है जबकि ऐसा नहीं है, जुनैद की हत्या ट्रेन में झगड़े में हुई थी लेकिन इसे Mob Lynching का नाम देकर मीडिया अपनी TRP बढाने के साथ साथ हिन्दुओं को बदनाम भी कर रही है. इसके पीछी बहुत बड़ी साजिश है, आप खुद देख लीजिये, जब प्रशांत पुजारी, डॉ नारंग, ई-रिक्शा चालाक रवींद्र की ह्त्या हुई थी तो मीडिया ने इसे Mob Lynching का नाम नहीं दिया था क्योंकि यहाँ पर मारने वाले मुस्लिम थे लेकिन जैसे ही जुनैद ही ह्त्या हुई और मीडिया को पता चला कि मारने वाले हिन्दू हैं तो इसे Mob Lynching का नाम दे दिया गया.
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