New Delhi, 30 June: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पार्लियामेंट की सेंट्रल हॉल में GST लांच के मौके पर भाषण दिया. मोदी ने GST को सिर्फ एक दल का नहीं बल्कि सभी दलों की विरासत बताया है, उन्होंने कहा कि GST एक लम्बी विचार प्रक्रिया का परिणाम है. इसके लिए सालों तक चर्चा हुई है, गहन विचार विमर्श के बाद ही GST बिल लागू किया जा रहा है.
पढ़ें, अपने भाषण में क्या कहा मोदी ने
मोदी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं जिसमें हम नए मोड़ पर जाते हैं और नए मुकाम पर पहुँचने की कोशिश करते हैं. आज इस मध्य रात्रि के समय हम सब मिलकर देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं. कुछ देर बार देश एक नयी व्यवस्था की तरफ चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी होंगे.
मोदी ने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानता कि GST की ये प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यावस्था के दायरे तक सीमित है. पिछले कई वर्षों से अलग अलग महानुभावों के मार्गदर्शन में नेतृत्व में, अलग अलग टीमों के द्वारा जो प्रक्रियाएं चली हैं, वह एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की, भारत के संघीय ढाँचे की, Cooperative Federalism के हमारे कॉन्सेप्ट की, एक बहुत बड़ी मिसाल के रूप में आज ये अवसर आया है.
मोदी ने कहा कि इस पवित्र अवसर पर आप लोग अपना बेशकीमती समय निकालकर आये हैं, मैं ह्रदय से आपका स्वागत करता हूँ, आपका आभार व्यक्त करता हूँ.
मोदी ने कहा कि ये जो दिशा हम सबने निर्धारित की है, जो रास्ता हमने चुना है, जिस व्यवस्था को हमने खड़ा किया है यह किसी एक दल की सिद्धि नहीं है, यह किसी एक सरकार की सिद्धि नहीं है, यह हम सबकी साझी विरासत है, हम सबके साझे प्रयासों का परिणाम है.
मोदी ने कहा कि आज रात्री के 12 बजे इस सेंट्रल हाल में हम इकठ्ठे हुए हैं, यह वो जगह है जिस जगह पर इस राष्ट्र के अनेक महापुरुषों के पदचिन्हों ने इस जगह को पावन किया हुआ है. आज सेंट्रल हॉल में इस घटना के साथ हम याद करते हैं कि 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक यहीं पर हुई थी. हम उस स्थान पर पहुंचे हैं जब संविधान सभा की प्रथम बैठक हुई तो पंडित जवाहर लाल नेहरु, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, आचार्य कृपलानी, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू, ये सब महापुरुष पहली कतार में बैठे हुए थे.
मोदी ने कहा कि यह स्थान 14 अगस्त 1947 में देश की स्वतंत्रता की पवित्र महान घटना का साक्षी है, 26 नवम्बर 1949 को देश ने संविधान को स्वीकार किया था, यही जगह उस महान घटना की भी साक्षी है और आज कई वर्षों के बाद एक नयी अर्थव्यवस्था के लिए संधीय ढाँचे की एक नयी ताकत के लिए GST के रूप में इस पवित्र जगह से बढ़कर कोई अन्य स्थान नहीं हो सकता था, ऐसा मैं मानता हूँ.
मोदी ने कहा कि संविधान का मंथन 2 साल, 11 महीने और 17 दिन चला था, हिन्दुस्तान के कोने कोने से आये विद्वान् उस बहस में हिस्सा लेते थे, वाद-विवाद होते थे, राजी-नाराजगी होती थी, सब मिलकर बहस करते थे और रास्ते खोजते थे, कभी इस पार और कभी उस पार नहीं जा पाए तो बीच का रास्ता खोजने का प्रयास करते थे, ठीक उसी तरह ये GST भी एक लम्बी विचार प्रक्रिया का परिणाम है.
मोदी ने कहा कि सभी राज्य सामान रूप से, केंद्र सरकार उसी की बराबरी में और सालों तक चर्चा की गयी, वर्तमान सांसदों ने, इसके पूर्व के सांसदों ने, लगातार इस पर बहस की, एक प्रकार से देश के बेस्ट विद्वानों ने लगातार इस काम को किया है, उसी का परिणाम है कि आज ये GST को हम साकार होते देख सकते हैं, जब संविधान बना तो पूरे देश के नागरिकों को सामान अवसर, सामान अधिकार दिए. आज GST एक प्रकार से सभी राज्यों के उन मोतियों को एक धागे में पिरोने का और आर्थिक व्यवस्था के अन्दर एक सुचारू व्यवस्था लाने का एक अहम् प्रयास है. GST Cooperative Federalism की के मिसाल है जो हमें हमेशा हमेशा और अधिक साथ मिलकर चलने की ताकत देता है. GST एक टीम इंडिया का परिणाम है.
मोदी ने कहा कि GST काउंसिल केंद्र और राज्य ने मिल करके उन व्यवस्थाओं को विकसित किया है जिसमें गरीबों को जो पहले उपलब्ध सेवाएँ थी उन सेवाओं को बरकरार रखा है, दल कोई भी हो, सरकार कोई भी हो, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता इस GST के साथ जुड़े हुए सभी लोगों ने समान रूप से चिंता की है.
मोदी ने कहा कि मैं GST काउंसिल को बधाई देता हूँ, मैं उन सबको भी बधाई देता हूँ जिन्होंने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है, आज GST काउंसिल की 18वीं मीटिंग थी और उसके तुरंत बाद GST लागू हो गया, ये एक संयोग है कि गीता के भी 18 अध्याय हैं और GST काउंसिल की भी 18 मीटिंग हुई है और आज हम उस सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
मोदी ने कहा कि हम कल्पना करें, जब देश आजाद हुआ तो 500 से अधिक रियासतें थीं, अगर सरदार बल्लभभाई पटेल ने इन रियासतों को मिलाकर देश को एक ना किया होता तो देश का राजनीतिक मानचित्र कैसा होता, आजादी तो होती लेकिन हमारे देश का मानचित्र बिखरा होता, जिस तरह से सरदार पटेल ने रियासतों को मिलाकर राष्ट्रीय एकीकरण का एक महान काम किया था उसी प्रकार से आज GST के द्वारा आर्थिक एकीकरण का एक महान काम हुआ है.
मोदी ने कहा की 29 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेश, केंद्र के 7 टैक्स, राज्यों के 8 टैक्स और हर चीजों के अलग अलग टैक्स का हिसाब लगाएं तो 500 करोड़ के टैक्स हम पर लग रहे थे, आज उन सबसे मुक्ति पा करके गंगानगर से लेकर ईटानगर तक, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तक एक राष्ट्र एक टैक्स का सपना साकार हो गया है.
मोदी ने कहा कि हम देखते हैं कि एक ही चीज का दिल्ली में कुछ दाम होता है और 20-25 किलोमीटर दूर गुरुग्राम में दूसरा रेट लगेगा और नॉएडा में अलग रेट होगा क्योंकि हरियाणा का टैक्स अलग, दिल्ली का रेट अलग और यूपी का टैक्स अलग होता है, अब इन सारी विविधताओं के कारण आम आदमी के मन में आता है कि यही चीज मुझे दिल्ली, गुरुग्राम और नॉएडा में अलग अलग मिल रही है, एक प्रकार से हर किसी के मन में कंफ्यूजन करती थी. आज हम इससे मुक्ति पा रहे हैं.
मोदी ने कहा कि GST के रूप में आज देश एक आधुनिक टैक्सेशन सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है. यह एक ऐसी व्यवस्था है तो बहुत ही सरल है, ज्यादा पारदर्शी है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो कालेधन और भ्रष्टाचार को रोकने का अवसर प्रदान करती है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो ईमानदारी को अवसर देती है, ईमानदार व्यापरियों को उत्साह और ऊर्जा देती है. यह एक ऐसी व्यावस्था है तो नए गवर्नेंस के कल्चर को जन्म देती है.
मोदी ने कहा कि टैक्स टेररिज्म या इंस्पेक्टर राज, ये बात कोई नई नहीं है, लोग परेशान होते हैं लेकिन अब GST के बाद अफसरशाही ख़त्म हो रही है, अब सामान्य कारोबारियों को अफसरों के द्वारा जो परेशानियां होती रही हैं, अब वह परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी.
मोदी ने कहा कि इस पूरी व्यावस्था में छोटे व्यापारियों को या 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को पूरी तरह से मुक्ति दे दी गयी है और जो 75 लाख व्यापार करने वाले व्यापारी हैं उन्हें भी इस व्यवस्था से कम से कम जोड़ा जा रहा है, ये बात ठीक है कि स्ट्रक्चर में लाने के लिए कुछ ना कुछ व्यवस्था की गयी है.
मोदी ने कहा कि अगर सही भाषा में कहें तो देश के गरीबों के लिए यह व्यवस्था बहुत सार्थक सिद्ध होने वाली है, आजादी के 70 साल बाद भी जो चीजें हम गरीबों तक नहीं पहुंचा पाए हैं अब उन्हें पहुंचा सकते हैं. मोदी ने कहा कि अब कच्चा बिल और पक्का बिल के खेल ख़त्म हो जाएंगे, अब बड़ी सरलता हो जाएगी.
मोदी ने Goods and Services Tax को Good and Simple Tax बताया. मोदी ने विरोधियों से आग्रह किया कि अफवाहें फैलाने का काम बंद करें और सकारात्मक दिशा में काम करें.
मोदी ने कहा कि आज रात्री के 12 बजे इस सेंट्रल हाल में हम इकठ्ठे हुए हैं, यह वो जगह है जिस जगह पर इस राष्ट्र के अनेक महापुरुषों के पदचिन्हों ने इस जगह को पावन किया हुआ है. आज सेंट्रल हॉल में इस घटना के साथ हम याद करते हैं कि 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक यहीं पर हुई थी. हम उस स्थान पर पहुंचे हैं जब संविधान सभा की प्रथम बैठक हुई तो पंडित जवाहर लाल नेहरु, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, आचार्य कृपलानी, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू, ये सब महापुरुष पहली कतार में बैठे हुए थे.
मोदी ने कहा कि यह स्थान 14 अगस्त 1947 में देश की स्वतंत्रता की पवित्र महान घटना का साक्षी है, 26 नवम्बर 1949 को देश ने संविधान को स्वीकार किया था, यही जगह उस महान घटना की भी साक्षी है और आज कई वर्षों के बाद एक नयी अर्थव्यवस्था के लिए संधीय ढाँचे की एक नयी ताकत के लिए GST के रूप में इस पवित्र जगह से बढ़कर कोई अन्य स्थान नहीं हो सकता था, ऐसा मैं मानता हूँ.
मोदी ने कहा कि संविधान का मंथन 2 साल, 11 महीने और 17 दिन चला था, हिन्दुस्तान के कोने कोने से आये विद्वान् उस बहस में हिस्सा लेते थे, वाद-विवाद होते थे, राजी-नाराजगी होती थी, सब मिलकर बहस करते थे और रास्ते खोजते थे, कभी इस पार और कभी उस पार नहीं जा पाए तो बीच का रास्ता खोजने का प्रयास करते थे, ठीक उसी तरह ये GST भी एक लम्बी विचार प्रक्रिया का परिणाम है.
मोदी ने कहा कि सभी राज्य सामान रूप से, केंद्र सरकार उसी की बराबरी में और सालों तक चर्चा की गयी, वर्तमान सांसदों ने, इसके पूर्व के सांसदों ने, लगातार इस पर बहस की, एक प्रकार से देश के बेस्ट विद्वानों ने लगातार इस काम को किया है, उसी का परिणाम है कि आज ये GST को हम साकार होते देख सकते हैं, जब संविधान बना तो पूरे देश के नागरिकों को सामान अवसर, सामान अधिकार दिए. आज GST एक प्रकार से सभी राज्यों के उन मोतियों को एक धागे में पिरोने का और आर्थिक व्यवस्था के अन्दर एक सुचारू व्यवस्था लाने का एक अहम् प्रयास है. GST Cooperative Federalism की के मिसाल है जो हमें हमेशा हमेशा और अधिक साथ मिलकर चलने की ताकत देता है. GST एक टीम इंडिया का परिणाम है.
मोदी ने कहा कि GST काउंसिल केंद्र और राज्य ने मिल करके उन व्यवस्थाओं को विकसित किया है जिसमें गरीबों को जो पहले उपलब्ध सेवाएँ थी उन सेवाओं को बरकरार रखा है, दल कोई भी हो, सरकार कोई भी हो, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता इस GST के साथ जुड़े हुए सभी लोगों ने समान रूप से चिंता की है.
मोदी ने कहा कि मैं GST काउंसिल को बधाई देता हूँ, मैं उन सबको भी बधाई देता हूँ जिन्होंने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है, आज GST काउंसिल की 18वीं मीटिंग थी और उसके तुरंत बाद GST लागू हो गया, ये एक संयोग है कि गीता के भी 18 अध्याय हैं और GST काउंसिल की भी 18 मीटिंग हुई है और आज हम उस सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
मोदी ने कहा कि हम कल्पना करें, जब देश आजाद हुआ तो 500 से अधिक रियासतें थीं, अगर सरदार बल्लभभाई पटेल ने इन रियासतों को मिलाकर देश को एक ना किया होता तो देश का राजनीतिक मानचित्र कैसा होता, आजादी तो होती लेकिन हमारे देश का मानचित्र बिखरा होता, जिस तरह से सरदार पटेल ने रियासतों को मिलाकर राष्ट्रीय एकीकरण का एक महान काम किया था उसी प्रकार से आज GST के द्वारा आर्थिक एकीकरण का एक महान काम हुआ है.
मोदी ने कहा की 29 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेश, केंद्र के 7 टैक्स, राज्यों के 8 टैक्स और हर चीजों के अलग अलग टैक्स का हिसाब लगाएं तो 500 करोड़ के टैक्स हम पर लग रहे थे, आज उन सबसे मुक्ति पा करके गंगानगर से लेकर ईटानगर तक, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तक एक राष्ट्र एक टैक्स का सपना साकार हो गया है.
मोदी ने कहा कि हम देखते हैं कि एक ही चीज का दिल्ली में कुछ दाम होता है और 20-25 किलोमीटर दूर गुरुग्राम में दूसरा रेट लगेगा और नॉएडा में अलग रेट होगा क्योंकि हरियाणा का टैक्स अलग, दिल्ली का रेट अलग और यूपी का टैक्स अलग होता है, अब इन सारी विविधताओं के कारण आम आदमी के मन में आता है कि यही चीज मुझे दिल्ली, गुरुग्राम और नॉएडा में अलग अलग मिल रही है, एक प्रकार से हर किसी के मन में कंफ्यूजन करती थी. आज हम इससे मुक्ति पा रहे हैं.
मोदी ने कहा कि GST के रूप में आज देश एक आधुनिक टैक्सेशन सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है. यह एक ऐसी व्यवस्था है तो बहुत ही सरल है, ज्यादा पारदर्शी है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो कालेधन और भ्रष्टाचार को रोकने का अवसर प्रदान करती है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो ईमानदारी को अवसर देती है, ईमानदार व्यापरियों को उत्साह और ऊर्जा देती है. यह एक ऐसी व्यावस्था है तो नए गवर्नेंस के कल्चर को जन्म देती है.
मोदी ने कहा कि टैक्स टेररिज्म या इंस्पेक्टर राज, ये बात कोई नई नहीं है, लोग परेशान होते हैं लेकिन अब GST के बाद अफसरशाही ख़त्म हो रही है, अब सामान्य कारोबारियों को अफसरों के द्वारा जो परेशानियां होती रही हैं, अब वह परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी.
मोदी ने कहा कि इस पूरी व्यावस्था में छोटे व्यापारियों को या 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को पूरी तरह से मुक्ति दे दी गयी है और जो 75 लाख व्यापार करने वाले व्यापारी हैं उन्हें भी इस व्यवस्था से कम से कम जोड़ा जा रहा है, ये बात ठीक है कि स्ट्रक्चर में लाने के लिए कुछ ना कुछ व्यवस्था की गयी है.
मोदी ने कहा कि अगर सही भाषा में कहें तो देश के गरीबों के लिए यह व्यवस्था बहुत सार्थक सिद्ध होने वाली है, आजादी के 70 साल बाद भी जो चीजें हम गरीबों तक नहीं पहुंचा पाए हैं अब उन्हें पहुंचा सकते हैं. मोदी ने कहा कि अब कच्चा बिल और पक्का बिल के खेल ख़त्म हो जाएंगे, अब बड़ी सरलता हो जाएगी.
मोदी ने Goods and Services Tax को Good and Simple Tax बताया. मोदी ने विरोधियों से आग्रह किया कि अफवाहें फैलाने का काम बंद करें और सकारात्मक दिशा में काम करें.
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