New Delhi, 2 Feb: आपने सुना होगा कि नोटबंदी के बाद सरकारी खजाने में 14 लाख करोड़ रुपये जमा हुए थे तो लोगों ने कहा था कि बहुत पैसा जमा हो गया, बहुत माल आ गया, अब 14 लाख करोड़ में से 10 लाख करोड़ किसानों के लिए खोल दिया जाए तो आप समझिये कि यह कितनी बड़ी रकम होगी।
मोदी सरकार ने इस बजट में सरकारी खजाना एक तरह से किसानों के लिए खोल दिया है लेकिन किसानों को बैंक से पैसा निकालकर तय समय में वापस जमा करना होगा, इस बजट में किसानों के कर्ज देने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं, अगर किसान 60 दिनों में कर्ज वापस कर देता है तो उसे कोई व्याज भी नहीं देना पड़ेगा।
अब आप खुद सोचिये 10 लाख करोड़ रुपये कितनी बड़ी रकम होती है, अगर किसान 2 लाख रुपये लोन लेता है और उसे 2 महीने के भीतर वापस कर देता है तो उसे कोई व्याज नहीं देना पड़ेगा। एक बार पैसा वापस जमा करने के बाद किसान 2 के बजाय 4 लाख ले सकता है और उससे ट्रेक्टर खरीद सकता है, मछली पालन, मुर्गा पालन, डेरी या अन्य काम कर सकता है और मोटी कमाई कर सकता है।
अब आप खुद सोचिये 10 लाख करोड़ रुपये कितनी बड़ी रकम होती है, अगर किसान 2 लाख रुपये लोन लेता है और उसे 2 महीने के भीतर वापस कर देता है तो उसे कोई व्याज नहीं देना पड़ेगा। एक बार पैसा वापस जमा करने के बाद किसान 2 के बजाय 4 लाख ले सकता है और उससे ट्रेक्टर खरीद सकता है, मछली पालन, मुर्गा पालन, डेरी या अन्य काम कर सकता है और मोटी कमाई कर सकता है।
इसके अलावा 40 फ़ीसदी किसानों यानी 10 करोड़ किसानों को कोऑपरेटिव सोसायटीज से क्रेडिट कार्ड मिलेगा जिससे वे अपने खर्च के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं और वापस जमा कर सकते हैं।
इसके अलावा अगले मंच साल में टेक्नोलॉजी, डेरी प्रोसेसिंग, फ़ूड प्रोसेसिंग, ड्रिप इरीगेशन, सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर किसानों की आय पांच साल में डबल करने का ऐलान है।
बजट में ऐसी और भी बातें हैं जो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है।
विरोधी कह रहे हैं कि बजट में किसानों को कुछ नहीं दिया गया, राहुल गांधी : "हम तो आतिशबाजी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उसकी जगह हमें एक फुस्स बम मिला है। बजट में दूरदर्शिता की कमी है। सरकार ने नोटबंदी के जरिए आम जनता को जो दर्द दिया था, उसके बाद उम्मीद थी कि गरीबों, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ करेगी, लेकिन इसमें कोई स्पष्ट दृष्टिकोण लक्षित नहीं हो रहा है।"
राहुल ने कहा, "वित्तमंत्री का काम रोजगार सृजन, किसानों की परेशानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक विस्तृत खाका पेश करना है। लेकिन उन्होंने इन बुनियादी बातों पर कुछ नहीं कहा। मोदी ने बुलेट ट्रेन शुरू करने की बात की थी। क्या वह शुरू हुई?"
नीतीश कुमार : "बजट से उन्हें काफी निराशा हुई है। बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है। इसमें कोई ठोस बात नहीं की गई है। सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। किसानों से जो वादे किए थे, उन पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़े।"
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