अखिलेश यादव को कायर बताकर सपा से अलग हुए मुलायम सिंह, नहीं करेंगे चुनाव प्रचार: पढ़ें क्यों?

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लखनऊ, 29 जनवरी: उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर आयी है, खबर के अनुसार मुलायम सिंह सपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन से काफी नाराज हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी की तरफ ने प्रचार ना करने का फैसला किया है, मुलायम सिंह ने इशारों इशारों में अखिलेश यादव को कायर और डरपोक बताया है। 

मुलायम सिंह का कहना है कि पिछले पांच साल से हमारी पार्टी के कार्यकर्त्ता और नेता मेहनत कर रहे थे, पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे, सपा अपने दम से उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ सकती थी और जीत भी सकती थी लेकिन 105 सीटें कांग्रेस के खाते में जाने से हमारे 105 नेताओं को टिकट नहीं मिला, अब वे पांच साल क्या करेंगे, अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके उनका टिकट काट दिया और उनका एक तरह से कैरियर ख़त्म कर दिया। 

मुलायम सिंह ने कहा कि हमने पार्टी को बहुत मेहनत से खड़ा किया था, अब 105 विधानसभा में हमारा कोई नेता नहीं होगा, कार्यकर्त्ता मेहनत करना छोड़ देंगे, वहां हमारी ताकत ख़त्म हो जाएगी। लोगों का पार्टी से विश्वास ख़त्म हो जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल के साथ रविवार को लखनऊ में मंच साझा किया। 

दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए मुलायम ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए साफ कर दिया कि वह इसके पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।

अखिलेश और राहुल ने रविवार को ही लखनऊ स्थित ताज होटल में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान हालांकि अखिलेश यादव से यह सवाल भी पूछा गया था कि क्या उनके पिता मुलायम सिंह प्रचार करने को तैयार हैं? जवाब में उन्होंने केवल इतना ही कहा कि उम्मीद है कि बड़े लोगों का आशीर्वाद मिलेगा। अखिलेश और राहुल ने साझा रोड शो भी किया। दोनों ने कहा कि यूपी के युवा उनके साथ हैं।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच समझौते के तहत सत्तारूढ़ सपा 298 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस को 105 सीटें दी गई हैं। दोनों पार्टियों का कहना है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को यूपी की सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए यह गठबंधन किया गया है। इस चुनाव में भाजपा की ओर से कोई मुख्यमंत्री चेहरा नहीं है, पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'छवि' पर भरोसा है। 
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