बड़ी मुसीबत में फंसे केजरीवाल, एक्शन में आया चुनाव आयोग, FIR दर्ज करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली, 29 जनवरी: निर्वाचन आयोग ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को, आयोग को निशाना बनाने को लेकर, कड़ी फटकार लगाई और गोवा के अधिकारियों को उनके एक बयान को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया। आयोग ने मीडिया में जारी खबरों पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल की उन टिप्पणियों को 'निराधार' और 'अत्यधिक अपमानजनक' कहा, जिनमें उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता है कि आयोग प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेशानुसार काम कर रहा है।

आयोग ने केजरीवाल को सख्त शब्दों में लिखे एक पत्र के जरिए कहा, "एक संवैधानिक निकाय के तौर पर निर्वाचन आयोग के खिलाफ उनके संबोधन की भाषा और उनका रुख न केवल 'निराधार' और 'अत्यधिक अपमानजनक' है, बल्कि यह गैरसैद्धांतिक भी है।"

आयोग ने गोवा में एक रैली के दौरान दिए केजरीवाल के बयान पर सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश भी दिया।

एक आधिकारिक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "हमने एक प्राथमिकी दर्ज करने और 31 जनवरी तक उसकी अनुपालन रपट पेश करने का निर्देश दिया है।"

केजरीवाल ने पिछले साप्ताहांत गोवा में पार्टी की चार रैलियों को संबोधित किया था। हर रैली में उन्होंने कहा था कि लोगों को पैसों का प्रस्ताव देने वाले राजनेताओं से केवल 5,000 रुपये ही स्वीकार नहीं करने चाहिए, बल्कि उनसे 10,000 रुपये की मांग करनी चाहिए, लेकिन वोट उन्हें आम आदमी पार्टी को देना चाहिए।

आयोग ने कहा, "ये बयान रिश्वतखोरी पर प्रावधानों के अनुसार गलत हैं और इनका किसी तरह बचाव नहीं किया जा सकता। ऐसी टिप्पणियां आयोग के लिए अस्वीकार्य हैं।"

आयोग ने केजरीवाल को इस मुद्दे पर 20 जनवरी को भी फटकार लगाई थी। लेकिन इस पर उन्होंने कहा था कि वह लोगों को उस पार्टी को वोट देने से मना कर रहे हैं, जो उन्हें पैसे का प्रस्ताव देती है। इसलिए यह रिश्वतखोरी को बढ़ावा देना नहीं है।

आयोग ने इस पर रविवार को लिखे अपने पत्र में कहा, "आप आदर्श आचार संहिता का निरंतर उल्लंघन कर रहे हैं और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे।"

आयोग ने कहा, "निर्वाचन आयोग के परामर्श को सही भावना से लेने के स्थान पर आप निरंतर आपत्तिजनक गतिविधियों में लिप्त हैं।"

आयोग ने केजरीवाल को बेबुनियाद आरोप लगाने के स्थान पर भ्रष्ट आचरण का सबूत पेश करने की हिदायत भी दी।

आयोग ने साथ ही कहा कि केजरीवाल के बयान मतदाताओं की ईमानदारी पर भी सवाल खड़े करते हैं, मानो कि वे मूर्ख और भ्रष्टाचारी हैं।

हालांकि, केजरीवाल ने आयोग की चेतावनी का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया।

लेकिन आप नियंत्रित दिल्ली सरकार के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने कहा कि क्या यह महज एक संयोग है कि प्रधानमंत्री मोदी के यह कहने के 24 घंटे के बाद ही निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को फटकार लगा दी कि निर्वाचन आयोग की आलोचना अस्वीकार्य है।

शर्मा ने ट्वीट कर कहा, "क्या निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष है? इसके एक आयुक्त 2013 में सेवानिवृत्त होने से पहले गुजरात के मुख्य सचिव थे।"

शर्मा के इस ट्वीट को केजरीवाल ने साझा किया है।
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