राहुल गाँधी और कांग्रेसियों को चाहिए मुफ्त के 15 लाख रुपये, देश के विकास से इन्हें क्या मतलब

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New Delhi, 27 December: मोदी ने लोकसभा चुनावों से पहले कहा था कि विदेशों में इतना काला धन है कि अगर भारत में आ जाए तो हर एक के खाते में 15-15 लाख रुपये आ सकते हैं। उन्होंने ये नहीं कहा था कि मै कालाधन लाकर सभी के खातों में 15-15 लाख डलवाऊंगा लेकिन कांग्रेस ने उनके बयान का गलत मतलब निकालकर देश में ये कहना शुरू कर दिया कि मोदी ने 15 लाख अकाउंट में डालने का वादा पूरा नहीं किया। 

आज की तारीख में अगर मोदी चाहें तो सभी देशवासियों को 15-15 लाख रुपये दे सकते हैं लेकिन अगर ऐसा करेंगे तो देश का विकास नहीं हो पाएगा, सड़कें नहीं बन पाएगी, रेल नहीं चल पाएगी, पुल नहीं बन पाएंगे, बुलेट ट्रेन नहीं आ पाएगी, स्कूल नहीं बन पाएंगे, अस्पताल नहीं बन पाएंगे, सिंचाई के लिए नहरें नहीं बन पाएंगी, लोगों को लोन नहीं मिल पाएगा, देश का विकास पूरी तरह से रुक जाएगा। 

कांग्रेसियों को देश का विकास नहीं चाहिए, उन्हें तो अपने हिस्से का 15 लाख चाहिए ताकि वे मुफ्त में अपना जीवन जी सकें, मुफ्त में खा सकें, मुक्त में घूम सकें। उन्हें लगता है कि मुफ्तखोरी की आदत लग चुकी है, देश के विकास से उनका लेना देना नहीं है। 

पिछले कई दिनों से राहुल गाँधी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं और सभी रैलियों में मोदी से 15 लाख मांग रहे हैं। वे अपने कांग्रेसी भाइयों से भी पूछ रहे हैं कि आपके खाते में 15-15 लाख आये नहीं। 

मोदी चाहें तो सभी को 15 लाख दे लेकिन वे देश का विकास चाहते हैं, वे चाहते हैं कि देश में बढ़िया सड़कें बने, 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं ताकि देश के लोगों को रोजगार मिल सके साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन, प्रदुषण और ग्लोबल वार्मिंग से बच सके, वे देश में बुलेट ट्रेन लाना चाहते हैं, सभी शहरों मे एयरपोर्ट बनाना चाहते हैं ताकि लोग जल्द से जल्द एक शहर से दूसरे शहर का सफ़र तय कर सकें, सस्ती फ्लाइट देना चाहते हैं, वर्ल्ड क्लास की सड़कें बनवाना चाहते हैं, देश को अमेरिका से भी आगे ले जाना चाहते हैं। 

राहुल गाँधी, कांग्रेसियों और आपियों को यह सब नहीं चाहिए, उन्हें तो 15 लाख चाहिए। 
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