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पाकिस्तानियों के लिए वीजा पर पाबंदी नहीं, बल्कि कड़ी जांच होगी: डोनाल्ड ट्रंप

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वाशिंगटन, 27 जनवरी: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान तथा सऊदी अरब उन देशों में शामिल नहीं है, जिनके नागरिकों को अमेरिका आने के लिए वीजा प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा, "हालांकि, इन देशों के नागरिकों को कड़ी जांच का सामना करना पड़ेगा।"

एबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "हम (अमेरिका) लोगों (पाकिस्तान, सऊदी अरब तथा अफगानिस्तान निवासी) को इस देश में आने की मंजूरी क्यों देने जा रहे हैं..।"

इस सवाल का जवाब भी ट्रंप ने दिया और कहा, "हम कुछ देशों के लोगों को अमेरिका आने की मंजूरी नहीं दे रहे हैं। लेकिन अन्य देशों के लोगों की हम कड़ी जांच करेंगे। अमेरिका आना बेहद मुश्किल होगा। अभी तक यह बेहद आसान था। लेकिन अब यह बहुत, बहुत मुश्किल होने जा रहा है। हम इस देश में आतंकवाद नहीं चाहते हैं।"

ट्रंप का साक्षात्कार गुरुवार को प्रसारित हुआ। बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यह उनका पहला साक्षात्कार था, जिसमें उनसे ओबामाकेयर से लेकर आव्रजन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे व्यापक विषयों पर बातचीत की गई।

ट्रंप ने कहा कि उनकी योजना कई मुस्लिम देशों के लोगों का अमेरिका में प्रवेश बंद करना है, क्योंकि दुनिया 'पूरी तरह अव्यवस्थित' हो गई है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह मुसलमानों पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा, "नहीं, यह मुसलमानों पर प्रतिबंध नहीं, बल्कि उन देशों के लोगों पर प्रतिबंध है, जो आतंकवाद ग्रस्त हैं।"

उन्होंने कहा, "इन देशों के लोग अमेरिका आ रहे हैं और इससे समस्याएं गंभीर होती जा रही हैं। हमारे देश में पहले से ही पर्याप्त समस्याएं हैं। इन कई समस्याओं या कुछ समस्याओं के परिणाम तो घातक हो सकते हैं।"

ट्रंप ने उन देशों का नाम लेने से मना कर दिया, जिनके बारे में वह बात कर रहे थे, लेकिन कहा कि यूरोप ने उन लोगों को जर्मनी तथा अन्य देशों में आने की मंजूरी देकर भारी गलती की और आप सबको इसपर ध्यान देना है, क्योंकि जो भी वहां हो रहा है वह भयंकर मुसीबत है। 

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का धमाकेदार बयान ‘बहुत नीच हैं ISIS के आतंकवादी, गंदे चूहे जैसे हैं’

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वाशिंगटन, 27 जनवरी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों को 'नीच व गंदे चूहे' कहा है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, "कुछ दुष्ट हैं, जो वर्दी पहने बिना किसी कोने में छिपकर घात लगाए रहते हैं। हम जिनके खिलाफ हैं, वे वर्दी नहीं पहनते। वे नीच, गंदे चूहे हैं, जो लोगों को खरीदारी वाले स्थलों और चर्चो में निशाना बनाते हैं।"

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, "ये दुष्ट लोग हैं। जब आप जर्मनी से जंग करते हैं तो उनकी अपनी वर्दी होती है, जापान से युद्ध करते हैं तो भी उनकी अपनी वर्दी होती है और विमानों पर उनके झंडे होते हैं। लेकिन इस वक्त हम नीच, गंदे चूहों से लड़ रहे हैं, जो बीमार और विक्षिप्त है। निश्चित तौर पर हम जीतने जा रहे हैं।"

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह मुस्लिम बहुल कई देशों से यहां आने वालों पर रोक के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और यह कदम शुक्रवार को उठाया जा सकता है।

हालांकि आईएस को लेकर ट्रंप की ऐसी तल्ख टिप्पणी पहली बार नहीं आई है। उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान भी इस आतंकवादी संगठन से कड़ाई से निपटने की बात कही थी।

अमेरिका मेक्सिको के बीच दीवार बनने पर मेक्सिको नहीं करेगा दीवार के खर्च का भुगतान

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वाशिंगटन, 27 जनवरी: मेक्सिको और अमेरिका की सीमा पर दीवार बनाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर उत्तरी अमेरिकी देश ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह इसके लिए खर्च का भुगतान नहीं करेगा, अगर अमेरिका को दीवार बनाना है तो पूरा खर्चा खुद करना पड़ेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव से पहले वादा किया था कि राष्ट्रपति बनने पर वे अमेरिका और मेक्सिको के बीच दीवार बना देंगे ताकि रिफ्यूजी का भेष बनाकर आतंकी अमेरिका में ना घुस पाएं। 

मेक्सिको के विदेश मंत्री लुईस विदेगैरे ने गुरुवार को कहा कि यह उनके देश के सम्मान से जुड़ा है और दीवार पर आने वाले खर्च का भुगतान सरकार को स्वीकार नहीं है।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, विदेगैरे ने यहां मेक्सिको के दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "ये मुद्दे सीधे तौर पर सम्मान से जुड़े हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसका निर्यात या अर्थव्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह मेक्सिको के लोगों के दिलों व गौरव से जुड़ा मामला है।"

उन्होंने कहा, "हम दूसरों को सम्मान देते हैं और चाहते हैं कि हमें, हमारे इतिहास और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नें को भी सम्मान मिले।"

मैडोना ने कहा, मेरा व्हाइट हाउस उड़ाने का कई बार मन किया है, ट्रम्प ने सिखा दिया सबक: पढ़ें

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Los Angeles, 26 January: जब से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं कुछ लोगों को बात हजम नहीं हो रही है, अभी कुछ दिनों पहले महिलाओं ने ट्रम्प के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाला था जिसमें अमेरिका के कई कलाकार भी शामिल हुए थे, पॉप सिंगर मैडोना भी विरोध मार्च में शामिल हुई थीं और उन्होंने ट्रम्प के खिलाफ आक्रामक भाषण भी दिया लेकिन उन्होंने जोश जोश में कुछ ज्यादा ही बोल दिया। 

उन्होंने भाषण में कहा कि जब से ट्रम्प राष्ट्रपति बने हैं मैंने व्हाइट हाउस उड़ाने के बारे में कई बार सोचा है, ऐसी बात बोलना मैडोना को भारी पड़ा है क्योंकि आतंकवादी भी व्हाइट हाउस उड़ाने की बात बोलते हैं। 

मैडोना का ऐसा भाषण सुनकर टेक्सास के एक रेडियो Heats 105 ने उनके गीतों पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया है। रेडियो स्टेशन के प्रबंधन तेरी थॉमस का कहना है कि उनके गीतों को प्रतिबंधित करने राजनीतिक नही बल्कि देशभक्ति का मामला है क्योंकि उन्होंने एमेरिका के विरोध में बयान दिया है और अमेरिका की पहचान व्हाइट हाउस उड़ाने की बात की है। 

उन्होने अन्य रेडियो स्टेशन से भी अपील की है कि मैडोना को सबक सिखाने के लिए उन्हें बैन किया जाए।

MODI ने रूस के राजदूत के निधन पर जताया शोक, बोले, भारत का महान दोस्त चला गया

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नई दिल्ली, 26 जनवरी: भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन का गुरुवार को निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे। दूतावास ने जारी बयान में कहा गया कि कदाकिन भारत, रूस संबंधों को बढ़ावा देने के अभियान से जुड़े हुए थे। उन्होंने 1971 में अपने राजनयिक करियर की शुरुआत की थी।

बयान के मुताबिक, "पिछले कुछ समय से बीमार कदाकिन का नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कदाकिन के निधन पर दुख जताया।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "कदाकिन के निधन से दुखी हूं। वह एक प्रशंसनीय राजदूत, भारत के महान दोस्त और हिदी के अच्छे वक्ता थे, जिन्होंने भारत-रूस संबंधों को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया।"

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी कदाकिन को श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, "हमने कदाकिन के रूप में एक मूल्यवान दोस्त को खो दिया, जिन्होंने एक विशिष्ट रूसी दूत के रूप में वर्षो से भारत-रूस संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया।"

कदाकिन 2009 से भारत में रूस के राजदूत थे।

राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने ओबामा केयर पर चला दी कैंची

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वाशिंगटन, 21 जनवरी: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत कई चौंकाने वाले नीतिगत फैसलों के साथ की। उन्होंने सबसे पहले ओबामा हेल्थकेयर नीतियों पर हथौड़ा चलाया, नई अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहल की और अमेरिका को सुरक्षित करने के एक नए युग का सूत्रपात किया। ट्रंप ने चार साल के अपने कार्यकाल की शुरुआत कई कार्यकारी फैसलों के साथ शुरू की, जो उनकी सरकार की दिशा और दशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि इस सरकार की नीतियां 'अमेरिका पहले' की होगी।

वाशिंगटन में कई कार्यक्रमों में शिरकत करने से पहले नए राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा जनता को किए गए सबसे अहम वादे को पूरा करना यानी अफोर्डेबल केयर एक्ट (एसीए) या ओबामाकेयर को खत्म करना है।

यह आदेश स्वास्थ्य व मानव सेवा विभाग तथा अन्य संघीय एजेंसियों को ऐसे किसी भी कानून के क्रियान्वयन को विलंबित करने का अधिकार प्रदान करता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर किसी तरह का बोझ पड़ सकता है।

इसी तरह के आदेश का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप ने एक नए स्वदेश प्रेम दिवस के लिए कानून तथा ईरान व उत्तर कोरिया से खतरे के मद्देनजर, देश की सुरक्षा के लिए एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली के विकास का संकेत दिया।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट के कई उपखंडों की जगह केवल छह- ऊर्जा, विदेश नीति, नौकरी व विकास, सेना, कानून प्रवर्तन तथा व्यापार सौदे ने ले ली है।

उन्होंने पहले जारी किए गए आदेशों को निरस्त करने और अमेरिकी जनसंहार को बंद करने की प्रतिबद्धता जताई।

इस दौरान वाशिंगटन में ट्रंप के विरोध में प्रदर्शन भी हुए। इन प्रदर्शनों में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए और 217 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शनकों के दौरान दुकानों की खिड़कियां तोड़ दी और लिमोजिन सहित वाहनों में आग लगा दी।

न्यूयॉर्क, बर्लिन, लंदन और बर्लिन में भी ट्रंप के विरोध में प्रदर्शन हुए।

शहर की सड़कों पर शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेताओं ने अमेरिका के नए कमांडर इन चीफ को बधाई व शुभकामनाएं दीं।

मोदी ने ट्वीट किया, "आने वाले वर्षो में महान उपलब्धि के लिए अमेरिका को ढेर सारी शुभकामनाएं।"

वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आने वाले दिनों में ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत कर सकते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि अगले सप्ताह के बजाय कुछ महीनों में दोनों नेताओं के बीच एक बैठक हो सकती है। उन्होंने कहा कि टेलीफोन पर बातचीत के बाद बैठक की तारीख तय की जा सकती है।

पोप फ्रांसिस ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति को बधाई दी।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने एक बयान जारी कर ट्रंप को हार्दिक बधाई दी।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी एक बयान जारी कर ट्रंप को बधाई दी।

वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट कर ट्रंप को बधाई दी।

मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने ट्वीट कर ट्रंप को बधाई दी। उन्होंने लिखा, "शपथ लेने पर मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देता हूं। साझा जिम्मेदारी के साथ हम अपनी साझेदारी को मजबूत करेंगे।"

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप के सत्ता संभालते ही अमेरिकी सीनेट ने उनके कैबिनेट के दो सदस्यों को हरी झंडी दे दी। रक्षा मंत्री जेम्स एन.मैट्टिस और होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री जॉन एफ.केली की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई, लेकिन डेमोक्रेट ने सीआईए के निदेशक के रूप में माइक पोंपियो की नियुक्त को अस्थायी तौर पर रोक दिया।

ट्रंप ने शुक्रवार को अपने 16 मिनट के शपथ ग्रहण संबोधन में हजारों की तादाद में मौजूद प्रशंसकों के समक्ष कहा, "मैं अपने शरीर में हर एक सांस बाकी रहने तक आपके लिए लड़ूंगा और आपको कभी झुकने नहीं दूंगा। अमेरिका दोबारा जीतना शुरू करेगा, ऐसी जीत पहले कभी नहीं हुई होगी। हम रोजगारों को वापस लाएंगे। हमारी सीमाओं की सुरक्षा करेंगे। अपना पैसा वापस लाएंगे और अपने सपने वापस लाएंगे।"

ट्रंप ने शपथ ग्रहण के दौरान अपना दाहिना हाथ पारिवारिक बाइबिल और दूसरा पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन की बाइबिल पर रखकर देश के संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और रक्षा करने का वादा किया।

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिमी कार्टर ने भी शिरकत की। हिलेरी क्लिंटन भी दर्शकदीर्घा में मौजूद रहीं।

इस बीच बराक ओबामा ने द ओबामा फाउंडेशन का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य पूरे शहर, देश तथा दुनिया में परियोजनाओं को सुगम बनाना है।

ओबामा दंपति फिलहाल छुट्टियां मनाने के लिए कैलिफोर्निया के पॉम स्प्रिंग्स में हैं। उनकी योजना वाशिंगटन में ही रहने की है। उनकी छोटी बेटी साशा ने सेकंडरी स्कूल की शिक्षा पूरी कर ली है।

डोनाल्ड के राष्ट्रपति बनते ही इस अभिनेत्री के जागे अरमान, बोली, मेरे प्यार में पागल थे ट्रम्प

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लॉस एंजेलिस, 21 जनवरी: डोनाल्ड ट्रम्प पहले से ही रंगीन छवि के नेता के रूप में जाने जाते थे लेकिन उनके राष्ट्रपति बनते ही कुछ महिलाओं के अरमान जाग चुके हैं, आज अभिनेत्री क्रिस्टन स्टुअर्ट ने भी दावा किया कि कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले उनके पीछे पागल थे। ट्रंप ने 2012 में स्टुअर्ट के निजी जीवन पर कुछ टिप्पणि भी की थी।

स्टुअर्ट ने वेबसाइट वेरायटी डॉट कॉम को बताया, "कुछ साल पहले वह मेरे पीछे पागल थे जो पागलपन था।"

स्टुअर्ट ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के संदर्भ में कहा, "मैं इसे समझ भी नहीं सकती। मैं बिल्कुल नहीं समझ सकती। यह समझ से परे है कि यह सच में हो रहा है। यह पागलपन है।"

ट्रंप ने शुक्रवार को देश के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

ट्रंप ने 2012 में ट्वीट कर कहा था, "रॉबर्ट पैटिंसन को क्रिस्टन के साथ दोबारा संबंधों में नहीं जाना चाहिए। क्रिस्टन ने रॉबर्ट को धोखा दिया है और वह यह दोबारा करेगी। बस देखते जाओ। वह (रॉबर्ट) अच्छा कर सकता है।"

यह पूछने पर कि क्या उस समय ट्रंप के ट्वीट से उन्हें कुछ फर्क पड़ा। स्टुअर्ट ने कहा, "उस समय वह रियलिटी स्टार की तरह थे। मेरे पास कोई संदर्भ नहीं था। पहले, किसी ने मुझे याद दिलाया था कि और मैंने कहा था कि तुम सही हो।"

70 साल में भी डोनाल्ड ट्रम्प ने महफ़िल में लगा दी आग: VIDEO

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वाशिंगटन, 21 जनवरी: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कल पद संभाल लिया, कल उन्होंने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रम्प के साथ पहला बॉल डांस किया। इस जोड़े ने लिबर्टी हॉल में फ्रैंक सितारा के गाने 'माई वे' पर डांस किया। दोनों का डांस देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा थी, दोनों ने भीड़ को निराश नहीं किया और खासकर डोनाल्ड ट्रम्प जो इस वक्त 70 साल में हैं, उन्होंने महफ़िल में ऐसी आग लगा दी कि लगा ही नहीं कि वे 70 वर्ष पार कर चुके हैं।

इस दौरान मेलानिया ट्रम्प भी आधुनिक ड्रेस पहने हुई थी, मेलानिया ट्रम्प एक खूबसूरत मॉडल रही हैं और ट्रम्प की वह तीसरी पत्नी हैं, दोनों के डांस के दौरान रोमांस भी दिखा और जोश भी दिखा, लोगों ने दोनों के डांस का खूब आनंद लिया और सीटियाँ बजाकर दोनों का हौसला बढ़ाया। 

इस दौरान उपराष्ट्रपति माइक पेंस और उनकी पत्नी भी डोनाल्ड और मेलानिया के साथ डांस में शरीक हुए। (Photo and Video Credit ABC News, Youtube)

डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ के बाद मेलानिया के साथ किया ‘बॉल डांस’

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वाशिंगटन, 21 जनवरी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के कुछ घंटों बाद पत्नी और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप के साथ पहला बॉल डांस किया। सीएनएन के मुताबिक, इस जोड़े ने लिबर्टी हॉल में फ्रैंक सितारा के गाने 'माई वे' पर डांस किया।

सिंतारा ने 1981 में पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के शपथ ग्रहण समारोह के बॉल डांस कार्यक्रम में पेशकश दी थी।

इस दौरान उपराष्ट्रपति माइक पेंस और उनकी पत्नी भी डोनाल्ड और मेलानिया के साथ डांस में शरीक हुए।

यह जोड़ा 'फ्रीडम बॉल' में भी हिस्सा लेगा।

ट्रंप ने शुक्रवार को देश के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।

राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने कट्टर इस्लामिक आतंकवाद ख़त्म करने की ली शपथ: पढ़ें क्या कहा

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वाशिंगटन, 20 जनवरी: डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप ने देशवासियों से कहा कि वे उनके लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, "यह समय आपका है, उनका है, जो यहां आए हैं और अमेरिका के लोग जो इसे देख रहे हैं। हम अपना सपना पूरा करेंगे। हम देश का निर्माण करेंगे। नई सड़कें, नए पुल बनाएंगे, क्योंकि अब बात करने का समय खत्म हो चुका है और काम करने का समय आ गया है।"

ट्रंप ने कहा, "आज से अमेरिकी सरजमीं पर एक नए दृष्टिकोण का शासन होगा। आज से केवल अमेरिका पहले होगा। अमेरिका पहले। आज से व्यापार, कर, आव्रजन, विदेश मामले को लेकर कोई भी फैसला अमेरिकी कर्मचारियों और परिवारों के हितों को देखते हुए होगा। आज से हम वॉशिंगटन डीसी से लोगों को ताकत लौटा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं अपनी अंतिम सांस तक आपके लिए लड़ूंगा और कभी आपका सिर कभी नीचा नहीं होने दूंगा। हम दुनिया से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे।"

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि अमेरिका के राजनीतिक और आर्थिक यथास्थिति को बदलने का काम आरंभ हो रहा है। 

खास बात यह है ट्रंप ने शपथ के लिए उसी बाइबिल का इस्तेमाल किया, जिसका राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने किया था। शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ लाख लोग एकत्र हुए।

शपथ समारोह यूएस कैपिटॉल के वेस्ट ग्राउंड्स पर हुआ। कैपिटॉल हिल को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले रखा था।

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को यहां प्रार्थना के लिए सैंट जॉन्स एपिसकोपल चर्च पहुंचे। ट्रंप के साथ उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।

ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया का चर्च के द्वार पर पादरी ने स्वागत किया।

शपथ ग्रहण की तैयारी के लिए देश को एकजुट करने के आह्वान के साथ गुरुवार को ट्रंप के वाशिंगटन में प्रवेश करते ही उनके विरोधियों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। सैकड़ों की संख्या में ट्रंप विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रेस क्लब भवन के पास सड़क पर आग लगा दी। ट्रंप के समर्थक प्रेस क्लब में जश्न मना रहे थे। दंगा रोकने को तैयार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काली मिर्च स्प्रे से जवाब दिया।

इससे पहले लिंकन मेमोरियल में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, "हम देश को एकजुट करने जा रहे हैं और अमेरिका को उसके लोगों के लिए एक बार फिर महान बनाने जा रहे हैं।"

ट्रंप ने गुरुवार शाम लिंकन मेमोरियल पर अपने समर्थकों से कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत करूंगा। हम बदलाव करने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि वह अमेरिका में नौकरियां वापस लाएंगे और सेना व देश की सीमाओं को मजबूत करेंगे।

'पोलिटिको' के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, "हम कुछ ऐसे बदलाव करने जा रहे हैं, जो हमने अपने देश के लिए कई दशकों से नहीं किया। बदलाव होने जा रहा है। मैं आपसे वादा करता हूं। बदलाव होने जा रहा है।"

सीबीएस न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप गुरुवार को अपने परिवार के साथ शपथ-ग्रहण समारोह के लिए एक विमान से वाशिंगटन पहुंचे। 

उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित माइक पेंस के साथ ट्रंप ने अपने दिन की शुरुआत अर्लिगटन नेशनल सीमेंट्री में टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर्स पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ की।

वहीं डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से चंद घंटे पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना विदाई पत्र सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक पर साझा किया। 

अमेरिकी लोगों के लिए कड़ी मेहनत करूंगा: डोनाल्ड ट्रंप

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वाशिंगटन, 20 जनवरी: अमेरिका में अगले चंद घंटों में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन डी.सी. में विशाल जनसमूह के समक्ष एकता का संकल्प लेते हुए देश में एक ऐसे बदलाव का वादा किया, जो दशकों में नहीं हुआ। ट्रंप ने गुरुवार शाम लिंकन मेमोरियल पर अपने समर्थकों से कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत करूंगा। हम बदलाव करने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि वह अमेरिका में नौकरियां वापस लाएंगे और सेना व देश की सीमाओं को मजबूत करेंगे।

'पोलिटिको' के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, "हम कुछ ऐसे बदलाव करने जा रहे हैं, जो हमने अपने देश के लिए कई दशकों से नहीं किया। बदलाव होने जा रहा है। मैं आपसे वादा करता हूं। बदलाव होने जा रहा है।"

सीबीएस न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप गुरुवार को अपने परिवार के साथ शपथ-ग्रहण समारोह के लिए एक विमान से वाशिंगटन पहुंचे। 

उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित माइक पेंस के साथ ट्रंप ने अपने दिन की शुरुआत अर्लिगटन नेशनल सीमेंट्री में टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर्स पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ की, जो व्हाइट हाउस में काबिज होने की औपचारिक शुरुआत है।

ट्रंप ने लिंकन मेमोरियल में छह मिनट से थोड़ा ही अधिक समय तक बोला और अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दिए गए भाषणों के वाक्यांशों को दोहराया। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार को एक 'आंदोलन' करार देते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने जून 2015 के उन लम्हों को याद किया, जब इसकी शुरुआत हुई थी और समय के साथ रैलियों में लोगों की भीड़ अनुमान से कहीं अधिक बढ़ती गई। उन्होंने अपने समर्थकों को याद दिलाया कि यह उनका आंदोलन है और वह केवल संदेशवाहक हैं। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा कि अब तक जो होता आया है, उसे देखकर सब थक चुके हैं और वास्तविक बदलाव चाहते हैं।

ट्रंप के मुताबिक, "हम अमेरिका को फिर से महान बनाने जा रहे हैं और मैं इसे पहले से भी ज्यादा महान बनाऊंगा।" 

इस संगीत कार्यक्रम में गायक व संगीतकार टॉबी कीथ, रॉक बैंड 3 डोर्स डाउन, भारतीय मूल के डीजे रविंद्रम्स और हॉलीवुड अभिनेता जॉन वॉइट सहित अन्य शामिल हुए।

हिन्दुओं के लिए गर्व की बात, हवन और मंत्रोच्चार से गूंजेगा डोनाल्ड ट्रम्प का शपथग्रहण समारोह

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New York, 20 January: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का आज शपथग्रहण है। आज वे अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल लेंगे और अमेरिका को फिर से महान बनाने के अपने वादे को पूरा करने में लग जाएंगे। 

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण की सबसे ख़ास बात यह होती कि इसमें हिन्दू पुजारियों के द्वारा हवन किया जाएगा साथ ही वेदों के महत्वपूर्ण मन्त्रों का पाठ किया जाएगा। 

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण की दूसरी ख़ास बात यह होगी कि यह समारोह अब तक का सबसे मंहगा सरकारी समारोह होगा। इसका बजट 1263 करोड़ रुपये रखा गया है। 

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण की तीसरी ख़ास बात यह है कि, समारोह में इसाई पादरी भी होंगे, हिन्दू पुजारी भी होंगे लेकन मुस्लिम मौलवी नहीं होंगे क्योंकि मौलवियों की जरूरत नहीं समझी गयी। 

शपथग्रहण की थीम 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन रखी गयी है, अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश ट्रम्प को शपथ दिलाएंगे, ट्रम्प दो बाइबिल से शपथ लेंगे जिसमें से एक बाइबिल वह होगी जिससे पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन से शपथ ली थी और दूसरी बाइबिल उन्हें बचपन में उनकी माँ से दी थी।

MODI के बारे में पाकिस्तानी जर्नलिस्ट का यह VIDEO देखकर आप नहीं रोक पायेंगे अपनी हंसी: देखें

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New Delhi, 20 January: पाकिस्तान की तरह वहां के मीडिया चैनल और वहां पर काम करने वाले पत्रकार भी लाजवाब हैं, अगर कुछ पत्रकारों की एंकरिंग को देखें तो कपिल शर्मा और राजू श्रीवास्तव का शो देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। एक महिला पत्रकार ने तो केवल पांच मिनट की एंकरिंग में भारत को दुनिया से नक़्शे से ही समाप्त कर दिया साथ ही मोदी के बारे में औकात से बढ़कर बातें बोल दीं।

अगर आप भी यह वीडियो देखेंगे तो अपनी हंसी नहीं रोक पायेंगे। एंकर ने भले ही भारत और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोला है लेकिन VIDEO देखकर आपको गुस्सा नहीं आएगा, उल्टा हंसी आएगी क्योंकि महिला पत्रकार ने अपनी औकात से बहुत ऊपर की बात बोल दी है।

पढ़ें क्या कहा है VIDEO में:
मोदी जी आपको लाख बार समझाया है लेकिन आप को कब समझ में आया है,
सुर्ख शोलों से ना खेलो, जल जाओगे, बारूद से ना खेलो नेस्तनाबूद हो जाओगे,
हर बार आते हो, बुरी नीयत लाते हो, हर बार पीठ दिखाते हो, दुम दबाकर भागते हो,
हर बार मार खाते हो और पहले से बुरी तरह खाते हो,
तुम्हारे फौजी, हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, तुम्हारे ड्रोन गलती से हमारी सरहद में घुस जाते हैं
हम माफ कर देते हैं, लेकिन उस वक्त से दरो,
जब हमने सरहद पार करने की गलती कर दी तो,
ना मान होगा, ना हनुमान होगा और ना ही कोई शक्तिमान,
हर लंका ढा दी जाएगी,
मोदी साहब आप भी फ़िल्में देख देख कर पूरे फ़िल्मी हो गए हो,
कितनी बार समझाया है ज़रा सामने से आओ,
आँखों से आँखें मिलाओ, कुछ हमारी सुनो, कुछ अपनी सुनाओ,
ये क्या छुप छुपकर आने की कोशिश करते हो और हमें देखकर नजरें चुराकर, मुंह मोड़कर और मैदान छोड़कर भाग जाते हो,
कश्मीर में बेदर्दी के साथ बच्चों की आँखों से उनकी रोशनी छीनकर
ताकत से जज्बे हुर्रियत को दबाकर, कंट्रोल लाइन पर दहशत, बर्बरियत का खेल खेलकर
ना जाने मोदी सरकार क्या समझने लगी है,
हमारी रफ़्तार आपकी सोच से भी अधिक तेज है,
हमारे इरादे आपके तवक्को से भी अधिक मजबूत हैं और
हमारे अजाइम आपकी नीयत से भी ज्यादा बुलंद हैं,
जमीन हो आसमान हो या समुंदर की गहराईयाँ,
हर जगह आग और ख़ाक, आपका ही इस्तख्बाल करेगी,
लेकिन हम नहीं चाहते कि कल हर आदमी किताबों में पढ़े, एक था भारत और एक था नरेन्द्र मोदी,
इसीलिए आज हमारा और हम पाकिस्तानियों का सबसे बड़ा मसला ये हैं कि
मोदी सरकार को किस जबान में समझाया जाए,
क्या भारत को उसी की जुबान में समझाया जाए, उसे बताया जाए कि,
हमें ये जबान भी आती है या फिर मौसत सिफारिशकारी के जरिये भारत को, मोदी सरकार को युद्ध से नुकसान और अमन से रहने का तरीका बताया जाए। 

ब्रिटिश चांसलर की यूरोपीय संघ को चेतावनी ‘रास्ता बंद करोगे तो विल्कुल अलग हो जाएगा ब्रिटेन’

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लंदन, 15 जनवरी: चांसलर फिलिप हेमंड ने कहा कि यदि यूरोपीय संघ ब्रेक्सिट के बाद बाजार सुलभ कराने संबंधित समझौते से पीछे हटता है तो ब्रिटेन अपने आर्थिक मॉडल को एक कॉरपोरेट टैक्स हेवेन में तब्दील कर देगा। समाचार पत्र इंडिपेंडेंट में रविवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, हेमंड ने एक जर्मन अखबार से कहा है कि यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद यदि ब्रिटेन को यूरोपीय बाजारों से वंचित किया गया तो उनका देश यूरोपीय शैली के सामाजिक मॉडल, यूरोपीय शैली की कराधान प्रणाली और यूरोपीय शैली की नियमन प्रणाली को त्यागने पर विचार करेगा और एक अलग तरह का देश बनेगा।

हेमंड ने यूरोपीय संघ के 27 अन्य देशों को एक कड़ी चेतावनी में कहा है कि ब्रेक्सिट के बाद फिर से खड़ा होने के लिए जो भी करने की जरूरत होगी, ब्रिटेन उसे करेगा।

रपट के अनुसार, हेमंड ने स्वीकार किया है कि यदि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग होता है और यूरोपीय बाजारों तक उसकी पहुंच समाप्त होती है, तो उसे आर्थिक नुकसान हो सकता है। 

उन्होंने कहा है, "इस स्थिति में हमें मजबूरन अपना आर्थिक मॉडल बदलना होगा और हमें प्रतिस्पर्धात्मकता फिर से हासिल करने के लिए अपने मॉडल को बदलना होगा।"

हेमंड ने कहा है, "और आप इस बात को तय मान लीजिए कि हमें जो भी करना होगा, हम उसे करेंगे। ब्रिटिश लोग अब और चोट नहीं खाने वाले हैं, हम पहले ही बुरी तरह जख्मी हो चुके हैं। हम अपना मॉडल बदलेंगे, और हम वापसी करेंगे और हम प्रतिस्पर्धा में शामिल होंगे।"

हेमंड को आशा है कि दोतरफा आधार पर एक नई व्यवस्था पर सहमति बन जाएगी, जिसमें ब्रिटेन बाकी के ईयू सदस्यों के साथ आवाजाही की आजादी स्वीकार किए बगैर अनुकूल शर्तो पर व्यापार कर सकेगा।

डोनाल्ड ट्रम्प जैसी हिम्मत अगर भारत में कोई नेता दिखाये तो बिकाऊ मीडिया हमेशा के लिए सुधर जाएं

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न्यूयॉर्क, 13 जनवरी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प किसी की भी परवाह नहीं करते हैं, इसका कारण शायद यह है कि उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है, पैसों की कमी नहीं है और उन्हें केवल 4 साल में काम करके निकल जाना है, उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए भी नहीं सोचना है इसीलिए उन्हें अमेरिका के बिकाऊ मीडिया चैनलों की भी कोई परवाह नहीं है। 

कल डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरी दुनिया के सामने CNN के पत्रकार को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि CNN के भ्रष्ट मीडिया संस्था है, फर्जी ख़बरें छपता है, लोगों में झूठ फैलाता है। उन्होंने अन्य बिकाऊ मीडिया चैनलों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने खुद में सुधार नहीं लाया और फेक ख़बरें छापना जारी रखा तो उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। 

डोनाल्ड ट्रम्प जैसी हिम्मत शायद ही विश्व का दूसरा कोई नेता दिखा सकता है, भारत में तो आजतक ऐसा नहीं हुआ, यहाँ जमकर फेक ख़बरें छापी जाती हैं, प्रधानमंत्री मोदी के बारे में भी फेक ख़बरें छापी जाती हैं, मीडिया वाले 10 हजार के सूट को 10 लाख का बताते हैं लेकिन किसी नेता की हिम्मत नहीं होती कि उनके खिलाफ कोई कुछ बोल सके, कोई मुकदमा दायर कर सके, कोई कार्यवाही कर सके। 

यहाँ के नेता ऐसा इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि मीडिया वाले उनके खिलाफ प्रचार शुरू कर देंगे, और वे फिर से चुनाव नहीं जीत सकेंगे, इसी डर से बिकाऊ मीडिया पर कोई कार्यवाही नहीं होती और उनका मनोबल बढ़ा रहता है। अगर मोदी सरकार मन में ठान ले कि मीडिया वालों को सुधार कर ही रहता है भले ही दूसरी बार सरकार ना बना पायें, अगर दो तीन मीडिया चैनलों को भी बंद कर दिया गया तो बिकाऊ मीडिया अपने आप सुधर जाएंगे। 

डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के बारे किया सनसनीखेज खुलासा

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वाशिंगटन, 12 जनवरी: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्हें लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान साइबर हमलों की साजिश में रूस का हाथ था। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद न्यूयॉर्क में अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "जहां तक हैकिंग की बात है तो मुझे लगता है कि इसमें रूस का हाथ था।"

बता दें कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन भी रूस पर हैकिंग का आरोप लगाते थे साथ ही यह भी कहते थे कि यह हैकिंग ट्रम्प को चुनाव जितवाने के लिए की गयी थी। 

ट्रंप ने कहा, "उन्हें (पुतिन) को यह नहीं करना चाहिए और वह नहीं करेंगे। अमेरिका में मेरे नेतृत्व के तहत रूस को अधिक सम्मान मिलेगा।"

ट्रंप ने हैकिंग में रूस के शामिल होने से इनकार करने के कई महीनों बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर इससे सहमति जताई।

गौरतलब है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां अक्टूबर से ही रूस पर हैकिंग का आरोप लगाती आ रही हैं।

अगर इरान परमाणु समझौता रद्द हुआ तो होगा अमेरिका की साख का नुकसान: जॉन केरी

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वाशिंगटन, 11 जनवरी: अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को ईरान परमाणु समझौैते को रद्द करने के खिलाफ ट्रंप के नेतृत्व वाले आगामी प्रशासन को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है और अमेरिका की साख को नुकसान पहुंच सकता है। 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, केरी ने वाशिंगटन में स्थित 'यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस' में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि साल 2015 में ईरान परमाणु करार के लागू होने के बाद ईरान का परमाणु हथियार के निर्माण का मार्ग बंद हो गया है। 

केरी ने कहा, "अब, अगर इस करार को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया, तो तत्काल ही फिर से संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाएगी।"

उन्होंने कहा, "इससे विश्व में हमारी साख को नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि मुझे संदेह है कि रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन करार को कायम रखेंगे।"

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले वर्ष अपने चुनाव अभियान के दौरान ईरान परमाणु करार की निरंतर आलोचना की थी। उन्होंने इसे 'सबसे बुरा समझौता' करार दिया था।

20 साल में पहचान बनाने के लिए शिकागो आये थे ओबामा, बन गए अमेरिका के राष्ट्रपति: पढ़ें आखिरी भाषण

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वाशिंगटन, 11 जनवरी: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त होने के मद्देनजर मंगलवार को शिकागो में आखिरी बार देश की जनता को संबोधित किया। 

सीएनएन के अनुसार ओबामा ने अपने विदाई भाषण में कहा, "जब मैं पहली बार शिकागो आया था, तब मेरी आयु 20 वर्ष के करीब थी। मैं अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा था और अपने जीवन का लक्ष्य खोज रहा था।" 

उन्होंने कहा, "यह वह जगह है, जहां मैंने सीखा है कि परिवर्तन तभी होता है, जब आम लोग इसमें शामिल होते, जुड़ते हैं और साथ मिलकर इसकी मांग करते हैं।"

ओबामा ने कहा कि अमेरिका अब एक बेहतर जगह है। उन्होंने अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें एक बेहतर राष्ट्रपति बनने में मदद की है। 

ओबामा ने अपने अंतिम औपचारिक संबोधन के लिए ओवल ऑफिस या ईस्ट रूम के बजाए शिकागो को चुना। इस शहर से ही ओबामा ने 2008 और 2012 में जीत की घोषणा की थी।

इससे पहले ओबामा ने फेसबुक पर लिखा था कि वह उस शहर में वापस जा रहे हैं, जहां से यह सब शुरू हुआ था।

अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप ने डोनाल्ड ट्रंप को सुनाई खरी-खोटी

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लॉस एंजेलिस, 9 जनवरी: दिग्गज हॉलीवुड अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप ने 74वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा। मेरिल को हॉलीवुड में अपने उत्कृष्ट योगदाने के लिए 'सेसिल बी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को ग्रहण करने के दौरान देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जमकर बरसी।

स्ट्रीप ने कहा, "हॉलीवुड बाहरी लोगों से मिलकर बना हुआ है, यदि आप हम सभी को बाहर निकाल देंगो तो आपके पास फुटबाल और मार्शल आर्ट के अलावा और कुछ नहीं बचेगा जो आर्ट नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा कि वह खुद न्यूजर्सी में पली-बढ़ी हैं। इतना ही नहीं सारा पॉलसन, सारा जेसिका पार्कर, एमी एडम्स, नतालिया पोर्टमैन, रूथ नेगा, वॉयला डेविस, देव पटेल और रेयान रेनॉल्डस सभी बाहरी हैं।

मेरिल ने कहा, "हम लोग कौन हैं और हॉलीवुड क्या है? यह बाहर से आए लोगों का समूह है। इनके जन्म प्रमाण पत्र कहां है?"

मेरिल स्ट्रीप ने एक रैली के दौरान ट्रंप द्वारा एक विकलांग रिपोर्टर का सार्वजनिक तौर पर उड़ाए जाने पर भी उनकी आलोचना की।

उन्होंने कहा, "तिरस्कार से तिरस्कार की भावना जन्म लेती है और हिंसा से हिंसा पनपती है।"

2016 में बमबारी करने में ओबामा ने तोड़ दिया सबका रिकॉर्ड, पढ़ें, कितने गिराए बम

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वाशिंगटन, 8 जनवरी: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के पिछले साल 2016 के कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने सात देशों में एक अनुमान के अनुसार 26,171 बम गिराए, जो 2015 की तुलना में 3,027 अधिक थे।

विदेश संबंध परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश बम आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन अभियान के तहत इराक और सीरिया में गिराए गए। अमेरिकी सैनिकों द्वारा दोनों देशों पर करीब 12,000 से अधिक बम गिराए गए।

इसके अतिरिक्त 1,337 विस्फोटक अफगानिस्तान में गिराए गए जो 2015 की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। 

ओबामा प्रशासन के पदभार छोड़ने से पहले सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की मूल योजना के बावजूद वर्तमान में अफगानिस्तान में 9,800 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।

लीबिया में भी अमेरिकी बमबारी में वृद्धि हुई। उसे 496 विस्फोटकों का सामना करना पड़ा। अन्य 34 बम यमन और 14 बम सोमालिया में गिराए गए। इसके अलावा पाकिस्तान में तीन बम गिराए गए। 

इतनी बड़ी संख्या में बमबारी के बावजूद अमेरिका की इन सातों देशों में से किसी के साथ भी आधिकारिक तौर पर युद्ध की स्थिति नहीं रही है।