वाशिंगटन, 21 जनवरी: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत कई चौंकाने वाले नीतिगत फैसलों के साथ की। उन्होंने सबसे पहले ओबामा हेल्थकेयर नीतियों पर हथौड़ा चलाया, नई अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहल की और अमेरिका को सुरक्षित करने के एक नए युग का सूत्रपात किया। ट्रंप ने चार साल के अपने कार्यकाल की शुरुआत कई कार्यकारी फैसलों के साथ शुरू की, जो उनकी सरकार की दिशा और दशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि इस सरकार की नीतियां 'अमेरिका पहले' की होगी।
वाशिंगटन में कई कार्यक्रमों में शिरकत करने से पहले नए राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा जनता को किए गए सबसे अहम वादे को पूरा करना यानी अफोर्डेबल केयर एक्ट (एसीए) या ओबामाकेयर को खत्म करना है।
यह आदेश स्वास्थ्य व मानव सेवा विभाग तथा अन्य संघीय एजेंसियों को ऐसे किसी भी कानून के क्रियान्वयन को विलंबित करने का अधिकार प्रदान करता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर किसी तरह का बोझ पड़ सकता है।
इसी तरह के आदेश का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप ने एक नए स्वदेश प्रेम दिवस के लिए कानून तथा ईरान व उत्तर कोरिया से खतरे के मद्देनजर, देश की सुरक्षा के लिए एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली के विकास का संकेत दिया।
व्हाइट हाउस की वेबसाइट के कई उपखंडों की जगह केवल छह- ऊर्जा, विदेश नीति, नौकरी व विकास, सेना, कानून प्रवर्तन तथा व्यापार सौदे ने ले ली है।
उन्होंने पहले जारी किए गए आदेशों को निरस्त करने और अमेरिकी जनसंहार को बंद करने की प्रतिबद्धता जताई।
इस दौरान वाशिंगटन में ट्रंप के विरोध में प्रदर्शन भी हुए। इन प्रदर्शनों में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए और 217 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शनकों के दौरान दुकानों की खिड़कियां तोड़ दी और लिमोजिन सहित वाहनों में आग लगा दी।
न्यूयॉर्क, बर्लिन, लंदन और बर्लिन में भी ट्रंप के विरोध में प्रदर्शन हुए।
शहर की सड़कों पर शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेताओं ने अमेरिका के नए कमांडर इन चीफ को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
मोदी ने ट्वीट किया, "आने वाले वर्षो में महान उपलब्धि के लिए अमेरिका को ढेर सारी शुभकामनाएं।"
वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आने वाले दिनों में ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि अगले सप्ताह के बजाय कुछ महीनों में दोनों नेताओं के बीच एक बैठक हो सकती है। उन्होंने कहा कि टेलीफोन पर बातचीत के बाद बैठक की तारीख तय की जा सकती है।
पोप फ्रांसिस ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति को बधाई दी।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने एक बयान जारी कर ट्रंप को हार्दिक बधाई दी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी एक बयान जारी कर ट्रंप को बधाई दी।
वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट कर ट्रंप को बधाई दी।
मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने ट्वीट कर ट्रंप को बधाई दी। उन्होंने लिखा, "शपथ लेने पर मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देता हूं। साझा जिम्मेदारी के साथ हम अपनी साझेदारी को मजबूत करेंगे।"
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप के सत्ता संभालते ही अमेरिकी सीनेट ने उनके कैबिनेट के दो सदस्यों को हरी झंडी दे दी। रक्षा मंत्री जेम्स एन.मैट्टिस और होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री जॉन एफ.केली की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई, लेकिन डेमोक्रेट ने सीआईए के निदेशक के रूप में माइक पोंपियो की नियुक्त को अस्थायी तौर पर रोक दिया।
ट्रंप ने शुक्रवार को अपने 16 मिनट के शपथ ग्रहण संबोधन में हजारों की तादाद में मौजूद प्रशंसकों के समक्ष कहा, "मैं अपने शरीर में हर एक सांस बाकी रहने तक आपके लिए लड़ूंगा और आपको कभी झुकने नहीं दूंगा। अमेरिका दोबारा जीतना शुरू करेगा, ऐसी जीत पहले कभी नहीं हुई होगी। हम रोजगारों को वापस लाएंगे। हमारी सीमाओं की सुरक्षा करेंगे। अपना पैसा वापस लाएंगे और अपने सपने वापस लाएंगे।"
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के दौरान अपना दाहिना हाथ पारिवारिक बाइबिल और दूसरा पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन की बाइबिल पर रखकर देश के संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और रक्षा करने का वादा किया।
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिमी कार्टर ने भी शिरकत की। हिलेरी क्लिंटन भी दर्शकदीर्घा में मौजूद रहीं।
इस बीच बराक ओबामा ने द ओबामा फाउंडेशन का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य पूरे शहर, देश तथा दुनिया में परियोजनाओं को सुगम बनाना है।
ओबामा दंपति फिलहाल छुट्टियां मनाने के लिए कैलिफोर्निया के पॉम स्प्रिंग्स में हैं। उनकी योजना वाशिंगटन में ही रहने की है। उनकी छोटी बेटी साशा ने सेकंडरी स्कूल की शिक्षा पूरी कर ली है।
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