कर्नल पुरोहित को जमानत मिलने से बहुत दुखी होंगे हिन्दू आतंकवाद की साजिश रचने वाले: पढ़ें कौन

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'हिन्दू भी आतंकवादी होते हैं' यही साबित करने के लिए मालेगांव ब्लास्ट की साजिश रची गयी और साध्वी, प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित और कुछ अन्य हिन्दुओं को आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया गया, इनके खिलाफ ना तो सबूत थे और ना ही कोई गवाह, इसके बावजूद भी इन्हें 9 साल तक जेल में रखा गया और शारीरिक प्रताड़ना दी गयी, इनसे ब्लास्ट का इल्जाम देने के लिए बहुत दबाव बनाया गया, बहुत प्रताड़ना दी गयी लेकिन ये भी शेर दिल थे, इतनी मार पड़ने, हड्डियाँ टूटने के बाद भी इन्होने कबूल नहीं किया कि हम आतंकवादी हैं.

उधर इन्हें जेल में डालने के बाद कांग्रेस के बड़े बड़े नेता सभी रैलियों में कहने लगे कि हिन्दू भी आतंकवादी होते हैं, भगवा आतंकवादी होते हैं, उदाहरण के लिए ये लोग साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम लेते थे लेकिन अब ये लोग ऐसा नहीं कर पाएंगे इसलिए बहुत दुखी होंगे क्योंकि मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं इसलिए दोनों को इस मामले में जमानत मिल गयी.

आपको पता दें कि कर्नल पुरोहित पिछले 9 वर्षों से जेल में बंद थे लेकिन उनकी फ़रियाद ना सिविल कोर्ट ने, ना हाई कोर्ट ने सुनी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मायूस नहीं किया और उन्हें न्याय दिया. मतलब कहें तो कर्नल पुरोहित को न्याय मिलने में देर तो हुई लेकिन आखिर जमानत मिल ही गयी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के साथ साध्वी प्रज्ञा को भी आरोपी बनाया गया था लेकिन उन्हें कुछ महीनों पहले जमानत मिल गयी थी, इसके बाद पुरोहित ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी क्योंकि उनके खिलाफ अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया था और ना ही उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. वैसे भी वे 9 साल सजा काट चुके हैं इसलिए दोषी साबित होने पर भी उन्हें कोई सजा नहीं मिलने वाली.

यह फैसला न्यायाधीश आर के अग्रवाल और एएम सप्रे की बेंच ने किया. इस केस की पैरवी सीनियर वकील हरीश साल्वे ने की थी, उन्होंने कहा कि कर्नल पुरोहित पर आरोप राजनीतिक फायदे के लिए लगाए गए थे, उन्हें फंसाया गया था.
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