हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने वालों ने कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को आतंकवादी साबित करने की हर संभव कोशिश की, उन्हें मारा गया, तड़पाया गया, हड्डियाँ तोड़ी गयी, उनके मुंह से आतंकवादी शब्द उगलवाने की कोशिश की गयी लेकिन इनका भी कलेजा शेरों वाला था. इन्होने हड्डियाँ टूटने के बाद भी हार नहीं मानी, लाख जुल्म सहे. दोनों लोगों को 9 साल तक बिना किसी सबूत के ही जेल में रखा गया लेकिन आज दोनों लोगों की जमानत हो चुकी है और ये लोग अपन अपने घरों में पहुंचकर आजादी की सांस ले रहे हैं.
आज NIA की विशेष कोर्ट से बाहर आते ही कर्नल पुरोहित ने दो खवाहिशें जतायीं, उन्होंने कहा कि मैं अपने परिवार से मिलना चाहता हूँ और दूसरा अपनी सेना की ड्यूटी ज्वाइन करना चाहता हूँ. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में मेरी पत्नी, मेरा बेटा मेरा डॉगी है. मैं उनसे मिलना चाहता हूँ.
इससे पहले उन्होंने NIA की विशेष कोर्ट में अपनी पत्नी को फोन करने की अनुमति मांगी. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पत्नी अपर्णा पुरोहित से बहुत दिनों से बात नहीं की है, क्या मैं उनसे बात कर सकता हूँ. इसके बाद जज की अनुमति ने उन्होंने अपनी पत्नी से बात की.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कल सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी कर्नल पुरोहित को जमानत दे दी. इस ब्लास्ट में 4 लोगों की मौत हो चुकी थी जबकि 60 लोग घायल हो गए थे. कहा जा रहा है कि यह विस्फोट SIMI ने किया था लेकिन हिन्दुओं को आतंकवादी साबित करने के लिए तत्कालीन सरकार ने इसमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित और उनके कुछ साथियों को फंसा दिया.
Sale logoko,sobog sikhnywaly saja milni chahiay,besorom. Behaia logoko.hum umidkorty hain ,ey sorkar uchit or niaypurna karbai korygi.
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