Photo Credit: Amit Kataria Facebook Page |
कटारिया बैंक पहुँचते ही लाइन में सबसे पीछे खड़े हो गए और जब उनका नंबर आया तो आधार कार्ड की फोटोस्टेट काँपी देकर उन्होंने नोट बदलवाए।
अपने पाठकों को बता दें कि अमित कटारिया एक दबंग अधिकारी हैं ये चर्चा में उस समय आये थे जब छत्तीशगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री की आगवानी के दौरान इन्होंने अपनी आँखों पर से काला चश्मा नहीं उतारा था। स्थानीय जहां भी परेशान होती है वहाँ कटारिया को भेजती है कटारिया सरकार की उम्मीदों पर हमेशा खरे उतरते हैं। अधिकारियों की लापरवाही बर्दास्त नहीं करते हैं।
अपने पाठकों को बता दें कि अमित कटारिया एक दबंग अधिकारी हैं ये चर्चा में उस समय आये थे जब छत्तीशगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री की आगवानी के दौरान इन्होंने अपनी आँखों पर से काला चश्मा नहीं उतारा था। स्थानीय जहां भी परेशान होती है वहाँ कटारिया को भेजती है कटारिया सरकार की उम्मीदों पर हमेशा खरे उतरते हैं। अधिकारियों की लापरवाही बर्दास्त नहीं करते हैं।
कटारिया 2004 बैच के IAS अधिकारी हैं। भाजपा नेता जो अब विधायक हैं उन्हें अपने आफिस से गेटआउट बोल चुके हैं। बताया जाता है कि कटारिया मात्र एक रूपये तनख्वाह लेते हैं। गुड़गांव के रहने वाले अमित ने इंजीनियरिंग की सर्वोच्च संस्थाओं में से एक आईआईटी दिल्ली से इलेकट्रानिक्स में बीटेक किया है। बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें देश विदेश की नामी गिरामी कंपनियों से लाखों के पैकेज पर नौकरी का आफर मिला था, लेकिन वे आईएएस बनना चाहते थे। इसलिए सभी आफर ठुकरा दिया। कटारिया के परिवार का दिल्ली और आसपास रियल स्टेट का कारोबार है। शापिंग माल और कई कांप्लेक्स भी हैं। अमित की पत्नी प्रोफेशनल पायलट हैं। उनसे कई गुना ज्यादा उनकी पत्नी की आमदनी है।
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