मैनपुरी में जीते तो ठीक, रामपुर में हारते ही सपा ने उठा दिया EVM पर सवाल

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी और रामपुर में हुए उपचुनाव के नतीजे कल घोषित कर दिए गए, जैसा हर चुनाव में होता आया है कि विपक्षी पार्टियाँ चुनाव हारते ही अपनी गलती पर ध्यान देने की बजाय EVM पर ठीकरा फोड़ देती हैं, वही इस उपचुनाव में भी हुआ, रामपुर में चुनाव हारते ही सपा ने ईवीएम ने पर सवाल उठा दिया। जबकि मैनपुरी में सपा चुनाव जीती है इसलिए वहां ईवीएम ठीक है, कोई सवाल नहीं उठा रहा है.

समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील यादव ने ट्वीट कर न सिर्फ रामपुर उपचुनाव की हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा बल्कि यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के लिए भी ईवीएम को दोषी ठहरा दिया। सुनील यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, वोट काउंटिंग में आख़िरी के चार पाँच राउंड में जादूई वोटों का बक्सा खुलता है और 20-22 राउंड तक लीड लेने वाला प्रत्याशी चमत्कारी रूप से मार्जिनल अंतर से हार जाता है! इस चमत्कारी बक्से ने पिछले विधानसभा चुनाव में 80-90 सीटें भाजपा की झोली में डाल दी थी! सुनील यादव ने अपने ट्वीट में साफतौर पर ईवीएम का जिक्र नहीं किया लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव ईवीएम से ही होते हैं, वोट भी उसे में कैद रहते हैं. चाहे उसे बक्शा कहो या ईवीएम एक ही हैं.


गौरलतब है कि सपा नेता आजम खान की सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर में उपचुनाव हुए थे, सपा और भाजपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी लेकिन अंत में सफलता भाजपा को मिली। भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना को कुल 81371 वोट मिले तो वहीँ सपा उम्मीदवार मोहम्मद आसिम रजा को 47271 वोट मिले। आसिम रजा को जिताने के लिए आजम खान ने पूरी ताकत झोंक दी थी, क्योंकि ये आजम खान की प्रतिष्ठा का चुनाव था लेकिन आजम खान अपनी प्रतिष्ठा बचाने में नाकामयाब रहे और पहली बार रामपुर में कमल खिल गया. मैनपुरी में अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने लगभग 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है, वहां कोई ईवीएम पर सवाल नहीं उठा रहा है. 

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