पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है, बंगाल के शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को 61 नंबर पाने पर नौकरी मिल गई थी और 77 नंबर पाने वाले को रिजेक्ट कर दिया गया था. एक-एक करके अब इस घोटाले की परत खुल रही है. शिक्षक भर्ती घोटाले में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मंत्री परेश अधिकारी की बेटी को सरकारी स्कूल में नौकरी से बर्खास्त कर दिया और उसे दो किश्तों में वेतन वापस करने के लिए कहा। न्यायमूर्ति अविजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को हटाने का आदेश दिया।
पीठ ने अंकिता अधिकारी को नवंबर 2018 से उन्हें दिया गया वेतन दो किस्तों में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा करने का भी निर्देश दिया। अब तक वो कुल 41 महीनें की सैलरी ले चुकी हैं जिसे अब वापस करना पड़ेगा। जुर्माने की पहली किश्त 7 जून तक और दूसरी इस साल 7 जुलाई तक चुकानी है।
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अंकिता को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा अनुशंसित और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा नियुक्त शिक्षक के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। साथ ही अगले आदेश तक उसके स्कूल परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
अंकिता अधिकारी पर आरोप है कि उसने अपने पिता के पद का फायदा उठाकर अपना नाम स्कूल सेवा आयोग की मेरिट लिस्ट में डाला, जिसके आधार पर उसे स्कूल में सरकारी नौकरी मिली। लेकिन अब इन्हें सैलरी लौटानी होगी। इस मामलें की जांच सीबीआई कर रही है.
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