रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में वार्ता के लिए सोमवार दोपहर नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके आने के समय का अभी खुलासा नहीं किया गया है। हालाँकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगु रविवार देर रात पहुंचे। पुतिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 21वें भारत, रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे। बागची ने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के बारे में भी चर्चा की जायेगी।
अरदिंम बागची ने कहा कि भारत, रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन पिछली बार सितम्बर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा के समय व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड महामारी के कारण यह सम्मेलन नहीं हो सका। प्रवक्ता ने कहा कि नवम्बर 2019 में ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं की आपसी बातचीत पहली बार हो रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच छह बार टेलीफोन पर बातचीत भी हुई है।
बागची ने बताया कि पहला भारत, रूस टू प्लस टूू संवाद छह दिसम्बर को नई दिल्ली में होगा। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रहमण्यम जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। रूस की ओर से विदेश मंत्री सरगेई लैवरोफ और रक्षा मंत्री सरगेई सोइगु हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि टू प्लस टूू संवाद का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच इस वर्ष 28 अप्रैल को टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान किया गया था। बागची ने कहा कि इस संवाद के दौरान आपसी हित के राजनीतिक और रक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि टू प्लस टूू संवाद की नई व्यवस्था से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के और मजबूत होने की संभावना है।
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