रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में 'सर्विस स्टाफ' के ड्रेस कोड को लेकर हो रही आलोचना के बाद आईआरसीटीसी ने ड्रेस बदल दी है. संत समाज के दबाव और जनता के बीच आलोचना के बाद आईआरसीटीसी ने ड्रेस कोड बदलने का फैसला किया। आईआरसीटीसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सर्विस स्टाफ के पेशेवर परिधान को पूरी तरह से बदल दिया गया है. इस असुविधा के लिए खेद है।
बता दें कि रामायण एक्सप्रेस में वेटरों को भगवा कपड़े पहनाने के मामले में उज्जैन की अखाड़ा परिषद के पूर्व महासचिव डॉ. अवधेश पुरी ने विरोध दर्ज कराया था. इस संबंध में उन्होंने रेल मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम सभी के आराध्य हैं और वह संतों का बहुत सम्मान करते थे, लेकिन रामायण एक्सप्रेस में जिस तरह से गेरू के कपड़े पहने वेटरों को पेश किया गया, वह बहुत गलत है।
आईआरसीटीसी के मुताबिक इस बार पहली बार वातानुकूलित रामायण एक्सप्रेस 7 नवंबर को ट्रायल के तौर पर चलाई गई, जो पूरी बुकिंग के साथ रवाना हो गई है। इससे उत्साहित होकर अब दूसरी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन भी चलाई जाएगी। अगली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन 12 दिसंबर को चलेगी।
अगली रामायण एक्सप्रेस दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से चलेगी और 12 दिसंबर को रामेश्वरम तक जाएगी। इस बार भद्राचलम को नए गंतव्य पड़ाव के रूप में जोड़ा गया है। तेलंगाना में स्थित भद्राचलम को दक्षिण की अयोध्या भी कहा जाता है। इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या में होगा, जहां इस बार तीर्थयात्रियों को नंदीग्राम में भारत मंदिर के अलावा श्री राम जन्मभूमि और हनुमान मंदिर के दर्शन कराये जाएंगे.
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