नई दिल्ली: देश में आतंकवादियों, देशद्रोहियों और राष्ट्रवादियों के बीच जंग तो छिड़ी ही हुई है, मीडिया के अफजल गैंग और राष्ट्रवादी पत्रकारों के बीच भी एक तरह की जंग छिड़ी हुई है. पहले ऐसा नहीं होता था, एक चैनल दूसरे पर आवाज नहीं उठाता था, एक दो झूठ को भी लोग नजरअंदाज कर देते थे क्योंकि हर चैनल कुछ ना कुछ झूठ दिखाता है, क्योंकि जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते.
कल आज तक के राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना ने कासगंज मामले पर दंगल कार्यक्रम में डिबेट शो किया था, उन्होंने टाइटल दिया था कि कासगंज में तिरंगा फहराया तो दंगा. उन्होंने यह मुद्दा इसलिए उठाया था ताकि तिरंगा यात्रा के लिए भविष्य में कोई किसी का लाल ना छीने लेकिन उनकी आवाज दबाने के लिए ABP चैनल के पत्रकार अभिषार शर्मा ने एक विल्कुल ही झूठी कहानी रच दी और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की, उनकी बात को अफजल गैंग ने हाथों हाथ लिया और सोशल मीडिया पर रोहित सरदाना के खिलाफ अभियान छेड़ दिया, अफजल गैंग के समर्थकों ने तो आज तक के मालिक से रोहित सरदाना को बर्खास्त करने की मांग की. रोहित सरदाना भी आज तक में अलग थलग पड़ गए क्योंकि इस चैनल के अन्दर भी अफजल गैंग के काफी पत्रकार भरे पड़े हैं, इससे पहले वह जी-न्यूज़ में थे तो वहां पर उनके साथ पूरी टीम खड़ी रहती थी.
ABP के अभिषार शर्मा ने क्या फैलाया झूठ
अभिषार शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट की जिसमें उन्होंने कहा कि हमीद चौक पर मुस्लिम समुदाय झंडा फहरा रहा था, उधर से ABVP और विश्व हिन्दू परिषद् के लोग बाइक पर रैलियां निकाल रहे थे, उन्होंने भड़काऊ नारे लगाए, भगवा झंडा दिखाया.
सच - सच यह है कि यह तिरंगा यात्रा ABVP और VHP ने नहीं बल्कि चन्दन गुप्ता की संस्था संकल्प ने निकाली थी, यह बात आज कासगंज के डीएम आरपी सिंह ने बतायी है. यहाँ पर ABVP और VHP का कोई रोल ही नहीं है.
अभिषार शर्मा को शायद पता नहीं है कि ABVP आरएसएस का छात्र संगठन है, उसमें सिर्फ यूनिवर्सिटी-कॉलेज के छात्र होते हैं, दूसरा - विश्व हिन्दू परिषद् भी आरएसएस का ही संगठन है लेकिन इसमें भी बच्चों को शामिल नहीं किया जाता, इसमें सिर्फ ट्रेंड लोगों को शामिल किया जाता है, जब ABVP या VHP के लोग तिरंगा मार्च निकालते हैं तो उनके साथ हजारों लोग चलते हैं, ये लोग गलियों में नहीं जाते बल्कि रोड से निकलते हैं और हजारों लोग उनके साथ चलते हैं. मतलब अभिषार शर्मा की बात एकदम झूठ निकली. चन्दन गुप्ता के साथ सिर्फ उसकी संस्था संकल्प के 20-25 लगो और कुछ साथी थे जिसमें युवक ही थे.
अभिषार शर्मा को शायद पता नहीं है कि ABVP आरएसएस का छात्र संगठन है, उसमें सिर्फ यूनिवर्सिटी-कॉलेज के छात्र होते हैं, दूसरा - विश्व हिन्दू परिषद् भी आरएसएस का ही संगठन है लेकिन इसमें भी बच्चों को शामिल नहीं किया जाता, इसमें सिर्फ ट्रेंड लोगों को शामिल किया जाता है, जब ABVP या VHP के लोग तिरंगा मार्च निकालते हैं तो उनके साथ हजारों लोग चलते हैं, ये लोग गलियों में नहीं जाते बल्कि रोड से निकलते हैं और हजारों लोग उनके साथ चलते हैं. मतलब अभिषार शर्मा की बात एकदम झूठ निकली. चन्दन गुप्ता के साथ सिर्फ उसकी संस्था संकल्प के 20-25 लगो और कुछ साथी थे जिसमें युवक ही थे.
मुस्लिमों के ध्वज फहराने की बात गलत
अभिषार शर्मा ने दूसरा झूठ ये गढ़ा है कि मुसलमान अब्दुल हमीद चौराहे पर पहले से ध्वजारोहण कर रहे थे, अगर ऐसा है तो ध्वजारोहण की कोई फोटो या वीडियो दिखा दो, आज हर कोई सोशल मीडिया पर है, तिरंगा लगाने के बाद उसकी फोटो या वीडियो जरूर बना लेता है, लेकिन इस केस में ऐसा कुछ नहीं है, दूसरे पक्ष का बचाव करने के लिए झूठी कहानी गढ़ ली गयी है ताकि मुसलमानों को देशभक्त साबित किया जा सके.
चलो मान लिया कि मुसलमान झंडा फहरा रहे थे, तो सड़क पर झंडा फहराना और सड़क पर कुर्सियां, मेजें रखकर रास्ता रोक लेना कौन की अच्छी बात है, अगर किसी को तिरंगा फहरान था तो रोड के साइड में करता, जगह देखकर करता, स्कूल में करता, मैदान में करता, अगर रोड पर करना था तो आने जाने वालों के लिए रास्ता खुला रखता.
चलो मान लिया कि ये लोग तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और मुस्लिमों ने रोड पर कुर्सियां लगाकर रोड ब्लाक कर रखा था, अगर वे लोग कुर्सियां हटाने को बोल रहे थे तो ये लोग कुर्सियां हटाकर उन्हें फिर से लगा देते और इंसानियत का परिचय देते लेकिन वहां पर तो ऊपर से पत्थर बरसने लगे और हिन्दुओं को वहां पर अपनी बाइकें छोड़कर भागने पड़ीं.
चलो मान लिया कि ये लोग तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और मुस्लिमों ने रोड पर कुर्सियां लगाकर रोड ब्लाक कर रखा था, अगर वे लोग कुर्सियां हटाने को बोल रहे थे तो ये लोग कुर्सियां हटाकर उन्हें फिर से लगा देते और इंसानियत का परिचय देते लेकिन वहां पर तो ऊपर से पत्थर बरसने लगे और हिन्दुओं को वहां पर अपनी बाइकें छोड़कर भागने पड़ीं.
कहने का मतलब ये है कि अफजल गैंग मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचा था तो उन्हें बचाने के लिए ABP चैनल वालों ने झूठी कहानी गढ़ी, सुबह ABP के पत्रकार मुस्लिमों की बस्ती में गए और वहां पर स्क्रिप्ट तैयार की गयी. अब अफजल गैंग वाले ABP को अपना चैनल मान बैठे हैं जबकि आज तक का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. ऐसा इसलिए ताकि राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना को आज तक से निकाला जा सके.MUST WATCH: Abhisar Sharma brutally exposes @aajtak and its nationalist anchor for peddling lies about Kasganj riots. Clearly self regulation is not working for Modi-fied media which is shamelessly instigating communal tension. BEA, Editors Guild etc are all dead. pic.twitter.com/WBYDF1jRan— M S Rana⚓ (@ms_rana) January 28, 2018
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