हत्यारों, घोटालेबाजों को बाईज्जत बरी कर रहे हैं जज, भागकर पछता रहे होंगे दाऊद और विजय माल्या

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भारत से भागकर खतरनाक आतंकवादी दाऊद इब्राहीम और भारत के बैंकों का पैसा खा जाने वाला भगोड़ा विजय माल्या विदेश में बैठकर पछता रहे होंगे, ये दोनों सोच रहे होंगे कि भारत से भागकर गलती की, अगर भारत में ही रह रहे होते तो भारत के जज उन्हें अब तक बाईज्जत बरी कर चुके होते.

दाऊद इब्राहीम का भारत में अच्छा खासा गैंग चल रहा था लेकिन 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट करने के बाद वह पाकिस्तान भाग गया लेकिन अगर वह यहाँ होता तो जरूर भारत के जज उसे आजाद कर देते क्योंकि उसके द्वारा बम रखने के कोई सबूत नहीं हैं. भारत के जजों ने जिस तरह से सन्देश के आधार पर अरुषी-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपत्ति को आजाद कर दिया उसी तरह से दाऊद इब्राहीम को भी आजाद कर देते.

इसी तरह से विजय माल्या ने भी भारत से भागकर गलती की, अगर यहाँ पर होता तो भारत के जज उसे संदेह के आधार पर बाईज्जत बरी कर देते, अगर बरी ना करते तो कोई ना कोई वकील बिजनेस में नुकसान दिखाकर उन्हें आराम से बचा सकता था, जज भी वकील के कहने पर ही फैसले सुनाते लेकिन दोनों भागकर गलती कर बैठे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ दिनों ने भारत की अदालतें अजीबोगरीब फैसले सुना रही हैं, पहले सलमान खान को हिट एंड रन मामले में बरी कर दिया जबकि पूरी दुनिया जानती है कि उनकी गाडी से कुचलकर ही चार लोगों की मौत हुई थी, उसके बाद अरुषी-हेमराज मर्डर केस में फैसला आया, दुनिया जानती थी कि अरुषी और हेमराज को तलवार दंपत्ति ने मारा है उसके बाद भी कई साल जेल में बिताने के बावजूद भी उन्हें बाईज्जत बरी कर दिया.

कल 2G घोटाले पर फैसला देते हुए CBI कोर्ट ने ऐ राजा और कनिमोझी को बाईज्जत बरी कर दिया जबकि ऐ राजा ने 15 महीनें जेल में बिताये हैं जबकि कनिमोझी ने छह महीनें जेल में बिताये हैं, यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने खुद घोटाले के बाद उनके जारी किये 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे, उसके बाद भी दोनों को बाईज्जत बरी कर दिया गया.

आज बॉम्बे हाई कोर्ट ने चौंकाने वाला फैसला सुनाते हुए आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमें को ख़ारिज कर दिया और उन्हें क्लीन चिट दे दी जबकि खुद महाराष्ट्र के राज्यपाल ने CBI को उनपर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. यही नहीं इस घोटाले की वजह से उन्हें इस्तीफ़ा भी देना पड़ा है.

जजों और अदालतों के ऐसे फैसले सुनकर लोग भारतीय न्यायिक व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं, कुछ लोग कह रहे हैं कि, 2G नहीं हुआ, आदर्श घोटाला नहीं हुआ, अरुषी और हेमराज को किसी ने नहीं मारा, जेसिका को किसी ने नहीं मारा, बोफोर्स नहीं हुआ, ये हमारी न्यायिक व्यवस्था को क्या हो गया है.
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