अगर 1 साल और लेट हो जाता GST तो कांग्रेस का बन जाता काम, लेकिन अब तो गए: पढ़ें क्यों

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मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देश में GST लागू कर दिया, इस कानून में राज्य सरकारों के 17 और केंद्र सरकार के करीब 23 अधिभारों को ख़त्म करके एक राष्ट्रीय कर लगाया गया है, कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को पास करने में बहुत रोड़े डाले, राज्य सभा में बहुमत का पूरा फायदा उठाया लेकिन जब देश में कांग्रेस की नकारात्मक और विरोधी छवि बनने लगी तो उसे आखिरकार GST बिल को राज्य सभा में पास करना ही पड़ा. कांग्रेस चाहती थी कि यह कानून एक दो साल और लटक जाए और लोकसभा चुनाव से पहले पास हो लेकिन मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को यह बिल लागू करके कांग्रेस के सपनों पर पानी फेर दिया.

GST को लेट करने से कांग्रेस को क्या फायदा

GST कानून भारत के लिए विल्कुल नया है और भारत के टैक्स चोर व्यापारी इसके लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि अब उन्हें हर हाल में अपना बिजनेस रजिस्टर कराकर GST नंबर लेना होगा और सरकार को टैक्स देना होगा. पूरी तरफ GST लागू होने में कम से कम 6 महीने लगेंगे, मतलब व्यापारियों को GST के अंतर्गत आने में कम से कम 6 महीनें लगेंगे और इस 6 महीने में वे मोदी सरकार से बहुत नाराज रहेंगे, प्रधानमंत्री मोदी को जमकर कोसेंगे, उन्हें दोबारा वोट ना देने की कसमें खाएंगे, उनकी आलोचना करेंगे. व्यापारियों को GST में आने तक यानी 6 महीने तक बिजनेस भी ढीला रहेगा इसलिए विकास दर भी गिर सकती है.

अब आप सोचिये, अगले 6 महीनें तक मोदी सरकार और बीजेपी को गालियाँ पड़ने वाली हैं ऐसे में अगर 6 महीनें के बाद लोकसभा चुनाव हो जाँय तो क्या होगा. मोदी सरकार से नाराज करोड़ों लोग बीजेपी के बजाय कांग्रेस को वोट देंगे और 2019 में बीजेपी की हार होगी, आपको बता दें कि भारत में टैक्स चोर व्यापारियों की संख्या करीब 50 लाख है, अगर उनके परिवार में पांच पांच सदस्य होंगे तो इनकी संख्या ढाई करोड़ के आसपास बैठेगी. मतलब अगले 6 महीनें तक करीब ढाई करोड़ लोग मोदी सरकार से नाराज होंगे और बीजेपी को वोट ना करने की कसम खाएंगे, ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव हो जाँय तो ये सभी लोग कांग्रेस को वोट देंगे और बीजेपी को सत्ता से बाहर कर देंगे.

कांग्रेस क्यों कह रही है, जल्दबाजी में लागू किया गया है GST?

अगर आप कांग्रेसी प्रवक्ताओं का बयान पढ़ें तो देखेंगे, लगभग सभी कांग्रेसी प्रवक्ता कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने जल्दबाजी में GST लागू किया है, अभी इसकी जरूरत नहीं थी, पूरी तरह से तैयारी करनी चाहिए थी, व्यापारी लोग तैयार नहीं हैं. कहने का मतलब ये है कि कांग्रेस कम से कम 1 साल GST को लेट कराना चाहती थी. अगर GST एक साल और लेट हो जाता और 2018 में पास होता तो ढाई करोड़ लोग तब भी मोदी से नाराज होते, तब भी GDP गिरती, तब भी प्रदर्शन होते क्योंकि व्यापारियों को GST से परेशानी नहीं है बल्कि टैक्स देने से परेशानी है. अब आप खुद सोचिये, अगर GST 1 जुलाई 2018 में पास होता तो उसके 6 महीनें बाद लोकसभा चुनाव होंगे, ऐसे में बीजेपी का क्या हाल होता इसका आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं.

मोदी सरकार ने तोडा कांग्रेस का सपना

कांग्रेस चाहती थी कि GST लेट हो और लोकसभा चुनाव से पहले पास हो ताकि लोग मोदी से नाराज लोग कांग्रेस को वोट दें और कांग्रेस की सरकार बन जाए लेकिन मोदी ने उनका सपना तोड़ दिया. मोदी जानते हैं कि 1 जुलाई 2017 को GST लागू करने के बाद अगले 6 महीनें तक व्यापारी उनसे नाराज रहेंगे और उन्हें कोसेंगे और बीजेपी को वोट ना देंगे की कसम खाएंगे लेकिन उन्हें मजबूरी वश अपना बिजनेस रजिस्टर कराना पड़ेगा और GST नंबर लेना ही पड़ेगा.

जब ये व्यापारी GST के अंतर्गत आ जाएंगे और टैक्स देना शुरू कर देंगे तो इन्हें बहुत लाभ मिलने लगेंगे, अपना बिजनेस बढाने के लिए व्यापार लोन मिलेगा, सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, क्रेडिट कार्ड मिलेंगे, कार लोन मिलेगा, घर खरीदने के लिए लोन मिलेगा, बच्चों के लिए एजुकेशन लोन मिलेगा. मतलब आप सोच भी नहीं सकते कि व्यापारियों को कितना लाभ मिलेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो लोग टैक्स नहीं देते उन्हें सरकार व्यापारी मानती ही नहीं क्योंकि उन्होंने अपने बिजनेस रजिस्टर ही नहीं कराया होता, ऐसे में उन्हें किसी तरह का सरकारी लाभ नहीं मिलता.

मतलब जब व्यापारी GST नंबर ले लेंगे, बिजनेस रजिस्टर करा लेंगे, टैक्स देना शुरू कर देंगे तो सरकार उन्हें उनके क्रेडिट के आधार पर लोन देगी, किराना व्यापारी लोन लेकर स्टोर खोल सकेंगे, कपड़ा व्यापारी बड़ी बड़ी दुकानें खोल सकेंगे, अन्य व्यापारी बड़े बड़े स्टोर, बड़ी बड़ी दुकानें खोल सकेंगे, लोन लेकर घर और कारें खरीद सकेंगे. अब आप खुद सोचिये, जब इन नाराज व्यापारियों को ये लाभ मिलने लगेंगे और कमाई बढ़ जाएगी तो यही व्यापारी जो GST की वजह से मोदी से नाराज हैं ये मोदी की जय जय कार करना शुरू कर देंगे, ये बोलेंगे - यार GST तो बहुत बढ़िया चीज है, हम तो फ़ालतू में मोदी सरकार से नाराज हो रहे थे, मतलब आज जो ढाई करोड़ लोग मोदी सरकार से नाराज हैं, ये लोग वापस मोदी और बीजेपी की माला जपना शुरू कर देंगे, टैक्स देंगे, पैसा कमाएंगे और ख़ुशी से अपना जीवन जियेंगे.

इसीलिए मोदी ने लोकसभा चुनाव के लगभग 2 साल पहले 1 जुलाई 2017 को GST कानून लागू किया, अब 6 महीनें ढाई करोड़ लोग मोदी से नाराज रहेंगे, मजबूरीवश अपना बिजनेस रजिस्टर कराओकरायेंगे और टैक्स भरेंगे. जब एक साल बाद व्यापारियों की पहले से अधिक कमाई होने लगेगी और सरकार से मुंहमांगा लोन मिलेगा, तो ये फिर मोदी से खुश हो जाएंगे और 2019 में फिर से मोदी को लाएंगे. इसके अलावा जब टैक्स से सरकार की आमदनी बढ़ेगी तो अच्छी सड़कें बनेंगी, 24 घंटे किफायती बिजली मिलेगी, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनेंगे, अच्छे अस्पताल बनेगें, अच्छे स्कूल और कॉलेज बनेंगे तो इनकी ख़ुशी मोदी सरकार से बढ़ जाएगी.

कांग्रेस को भी GST के फायदे के बारे में पता है

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस पार्टी GST बिल पास नहीं करना चाहती थी, वह खुद अपने कार्यकाल में GST बिल पास करना चाहती थी और इसके लिए 1 अप्रैल 2010 की डेडलाइन भी दे रखी थी लेकिन कांग्रेस सरकार राज्यों की मांग नहीं पूरी कर पायी इसलिए यह बिल लटक गया.

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को GST के फायदे के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें सब कुछ पता है, उन्हें यह भी पता है कि GST लगने के बाद टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी टैक्स देंगे, सरकार की बहुत आमदनी होगी, विकास के लिए पैसे आएँगे, सड़कें, स्कूल, अस्पताल, खेल स्टेडियम, वाटर प्रोजेक्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, बिजली प्रोजेक्ट आदि बनाए जाएंगे, विकास पर जितना पैसा खर्च होगा देश की विकास दर उतनी बढ़ेगी. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस पार्टी में भी एक से बढ़कर एक धुरंधर बैठे हैं, स्वयं डॉ मनमोहन सिंह बहुत बड़े अर्थशास्त्री रहे हैं, उन्हें सब पता है कि GST से क्या फर्क आएगा, उन्हें पता है कि GST के बाद GDP बढ़ेगी, यही नहीं कांग्रेस को यह भी पता था कि नोटबंदी से देश को फायदा होगा, कालाधन ख़त्म हो जाएगा, नकली नोट ख़त्म हो जाएँगे, बैंक मालामाल हो जाएंगे लेकिन उन्होंने जान बूझकर विरोध किया. 
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