आज भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी का कार्यकाल समाप्त हो गया. वे 37 साल तक लोकसभा और राज्य सभा सांसद रहे, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम करने के बाद कांग्रेस कार्यकाल में राष्ट्रपति बने, जब वे चुनाव लड़े थे तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच 36 का आंकड़ा था इसलिए बीजेपी ने उनका समर्थन नहीं किया था इसके बावजूद भी पिछले 3 वर्षों में उन्होंने मोदी सरकार से किसी भी तरह का बैर नहीं किया, मोदी और उनके बीच खूब बनी, बहुत तगड़ी दोस्ती हो गयी.
आज अपने अंतिम भाषण में प्रेसिडेंट प्रणब मुख़र्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ऐसी बात बोल दी जिसे कांग्रेस कभी नहीं सुनना चाहेगी और अगर उसने सुन लिया तो उसे बहुत जलन होगी.
प्रणब मुख़र्जी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में मेरी पहली जिम्मेदारी थी संविधान की रक्षा करना, मैंने संविधान की रक्षा करने की शपथ ली थी इसलिए मैंने ना सिर्फ शब्दों से बल्कि आत्मा से भी संविधान की रक्षा करने का प्रयास किया.
उन्होने आगे कहा - संविधान की रक्षा के इस मिशन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सहयोग और साथ मिला, उन्होने हर कदम पर मुझे उचित सलाह दी जिसकी वजह से मेरा काम काम आसान हो गया.
उन्होंने कहा कि मैं अब यहाँ से जा रहा हूँ तो अपने साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपने कार्यकाल की खूबसूरत यादें भी ले जा रहा हूँ, मैं उनका साथ और विनम्र व्यवहार हमेशा याद रखूँगा. चुकिं मैं राष्ट्रपति पद से मुक्त हो रहा हूँ तो मेरा पार्लियामेंट का सफ़र भी ख़त्म हो रहा है.
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