बीजेपी की दिग्गज सांसद मिनाक्षी लेखी ने आज लोकसभा में बोफोर्स घोटाले का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा टीवी चैनल के माध्यम से सामने आया है जिसमें Minstom नामक एक व्यक्ति जिसनें बोफोर्स की जांच की थी, उसके मुताबिक़ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और स्वीडन के प्रधानमंत्री के बीच अलेप्पो में लेन-देन हुआ और उस लेन-देन के जो दस्तावेज थे वे आज भी भारत सरकार के डब्बों में बंद हैं. उन्होंने बताया कि स्विट्जरलैंड की बैंकों ने कुछ काम किया था लेकिन उन दस्तावेजों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई और जो प्राइमरी दस्तावेज भेजे गए थे उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई.
मिनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस लगातार यह कह रही है कि ये 30 साल पुराना मुद्दा है, गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने चाहिए तो मेरा यह मानना है कि गड़े मुर्दे जब तक विधिवत तरीके से दफ़न नहीं होते तो वो भूत पिशाच बनकर घूमते रहते हैं.
मिनाक्षी लेखी ने कहा कि आज के समय में जो बोफोर्स का जिन्न है वो वापस बोतल से बाहर आ गया है और जब जिन्न बोफोर्स के बोतल से आया है तो इसका विधिवत दफ़न होना चाहिये और विधिवत दफ़न तभी हो सकता है जब उसकी जानकारी पूरे देश को हो. उन्होंने कहा कि इस मामले की हम दोबारा से जानकारी चाहते हैं ताकि भ्रष्टाचार का इतना बड़ा मुद्दा सुलझ सके.
उन्होंने कहा कि मुझे तो इतना याद है, जब 1990 में मैंने वकालत ज्वाइन की थी तो एनके चावला के कोर्ट के अन्दर यह मामला चल रहा था और किस तरीके से जमानत दी जा रही थी जबकि वो जमानत का केस ही नहीं था.
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