अब शायद भारत के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं क्योंकि अब राजाओं के बेटे नहीं बल्कि गरीबों के बेटे राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बन रहे हैं, 2014 लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी की गयी थी लेकिन देश वासियों ने एक चाय वाले के बेटे मोदी को प्रधानमंत्री चुना, इसी प्रकार से एक साधारण परिवार में जन्मे रामनाथ कोविंद को आज राष्ट्रपति चुना गया है, इस मामले में कांग्रेस की उम्मीदवार मीरा कुमार को भी राजा माना जाएगा क्योंकि वह बिहार के बड़े नेता बाबू जगजीवन राम की पुत्री हैं और लोकसभा स्पीकर भी रह चुकी हैं वहीँ रामनाथ कोविंद ने अपनी आँखों से गरीबी देखी है.
इसके अलावा किसान के बेटे वेंकैया नायडू भी उप-राष्ट्रपति बनने वाले हैं, मतलब देश के तीनों महत्वपूर्ण पदों पर गरीब परिवार में जन्में व्यक्ति ही बैठेंगे.
पहले ऐसा लगता था कि प्रधानमंत्री पद पर सिर्फ गाँधी परिवार का नाम लिखा है लेकिन समय बदल गया है, अब गरीबों के बेटे प्रधानमंत्री भी बन रहे हैं, पार्टी के अध्यक्ष भी बन रहे हैं और राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति भी बन रहे हैं.
कांग्रेस ने दिया था संघ मुक्त भारत का नारा
कांग्रेस पार्टी ने जवाहरलाल नहरू के समय में ही संघ मुक्त भारत का नारा दिया था, जवाहर लाल नेहरु ने भी कई बार संघ पर प्रतिबन्ध लगाया, उनकी बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा इंदिरा गाँधी ने भी कई बार संघ पर प्रतिबन्ध लगाया, स्वयं सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और अन्य कांग्रेसी नेता भी संघ मुक्त भारत की बात करते हैं लेकिन संघ मुक्त भारत बनाने से पहले कांग्रेस खुद ही भारत से मुक्त हो रही है.
2014 से पहले कांग्रेस का ही प्रधानमंत्री था, इस वक्त राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्य सभा के डिप्टी चेयरमैन सब के सब कांग्रेस पार्टी से हैं. राज्य सभा में इससे पहले कांग्रेस का बहुमत था और कांग्रेस की ही चलती थी लेकिन अब समय बदल गया है.
अब प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सब संघी
अब प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सब संघी
कांग्रेस के लोग भारत को संघ मुक्त बनाने की बात करते थे लेकिन अब राष्ट्रपति भी संघी होगा, उप-राष्ट्रपति भी संघी होगा, प्रधानमंत्री मोदी खुद संघी थे, भारत के आधे से अधिक मुख्यमंत्री संघी हैं, आगे भी कई संघी मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
अब भारत में जहाँ देखो वहां संघी ही संघी दिखाई देने वाले हैं, कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर है, अब तक राज्य सभा में उनकी दादागिरी चलती थी, जमकर हल्ला गुल्ला मचाते थे, उनपर कोई कार्यवाही नहीं होती थी लेकिन जल्द ही वेंकैया नायडू राज्य सभा चेयरमैन की कुर्सी संभाल लेंगे. उसके बाद कांग्रेसी हल्ला मचाएंगे तो इनकी खैर नहीं होगी. अब नहीं चलेगी दादागिरी. अब नहीं अटका पाएंगे बिल.
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