राजनाथ सिंह बोले, हम सिर्फ बोलते नहीं एक्शन भी करते हैं, कश्मीर समस्या का हमारा एक्शन शुरू है

rajnath-singh-stated-we-will-solve-kashmir-problem-completely

New Delhi: पिछले महीने जब सुकमा जिले में नक्सल अटैक हुआ था और 25 CRPF जवानों को मौत के घाट उतार दिया गया था राजनाथ सिंह की बहुत आलोचना हुई थी, लोगों से इन्तजार नहीं हो रहा है, लोग तुरंत नक्सलियों को मरते हुए देखना चाहते थे, ऐसे में जब राजनाथ सिंह ने इस घटना की निंदा की तो लोगों ने उन्हें निंदा मंत्री बोलकर उनकी आलोचना शुरू कर दी लेकिन राजनाथ सिंह ने तुरंत एक्शन लिया, सुकमा में पैर मिलिट्री कमांडो तैनात किये, CRPF को नक्सलियों की खोज में लगा दिया, दर्जनों नक्सली पकडे गए हैं और एक्शन अभी भी जारी है.

इसी तरह से कश्मीर समस्या के लिए भी राजनाथ सिंह की आलोचना की जाती है क्योंकि खुफिया एजेंसियां उनके हाथों में हैं, कश्मीर में रोजाना सैनिकों की हत्याएं साबित करती हैं कि खुफिया एजेंसियां फेल हैं लेकिन पिछले 10 दिनों से कश्मीर भी जबरजस्त एक्शन शुरू हुआ है, आतंकियों को ढूंढ ढूंढकर मारा जा रहा है, अलगाववादियों से पूछताछ हो रही है, NIA पीछे लग गयी है, चारों तरफ से अलगाववादियों, नक्सलियों, देशद्रोहियों, आतंकवादियों और पत्थरबाजों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है.

आज राजनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि हमें कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकालना शुरू कर दिया, NIA ने जांच शुरू कर दी है लेकिन मैं अभी उसपर कोई टिप्पड़ी करना उचित नहीं समझता.

राजनाथ सिंह ने हमने ऐसे ही नहीं बोला था कि हम कश्मीर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, हम स्थाई समाधान निकालकर रहेंगे लेकिन इसमें थोडा समय लगेगा क्योंकि जो समस्या 1947 से चली आ रही है वह चुटकी बजाकर या 1-2 महीने में नहीं निकाला जा सकता लेकिन जो हमारे कदम आगे बढ़ रहे हैं वो कश्मीर की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में ही बढ़ रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि हम कश्मीर के मुस्तकबिल यानी भविष्य की राह का हर पत्थर हटायेंगे, इतना ही नहीं कश्मीर के लिए कुदरत ने तो नेमतें और सलाईयत दी हैं, उन हाथों को देश के विकास और कश्मीर के विकास लिए प्रयोग करेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि कुदरत ने पत्थर फेंकने के लिए कश्मीरी युवाओं को हाथ नहीं दिए हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए हमारी सरकार कितनी संवेदनशील है इसका आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जब यहाँ पर बाढ़ का संकट आया तो सबसे पहले हमारे प्रधानमंत्री मोदी यहाँ पर आये, पहली दिवाली हमारे प्रधानमंत्री ने श्रीनगर में मनाई, जम्हूरियत में बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है, हम किसी से भी बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन कुछ ऐसी भी ताकतें हैं जो पाकिस्तान की शह पर नौजवानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि - उस पाकिस्तान के दम पर जो अपना पूर्वी भाग जो आज बांग्लादेश बन गया है उसे नहीं संभाल पाया, जो बलोचिस्तान नहीं सम्भाला पाया, जो खैबर-पंख्तूनवा नहीं संभाल पाया, जो सिंध नहीं संभाल पाया, जो फाटा नहीं संभाल पाया, वह पाकिस्तान क्या करेगा. उस पाकिस्तान के दम पर ये लोग किस ख्वाब हो हासिल करना चाहते हैं ये बात हमें समझ में नहीं आती. मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि ये जो भी साजिशें हो रही हैं वो जातीय फायदे के लिए हो रही हैं. उन ताकतों द्वारा जो कुछ भी किया जा रहा है वह कश्मीर के जवानों के साथ धोखा है. उन नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती.
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India

Post A Comment:

0 comments: