Shirdi, June 2: मोदी सरकार और बीजेपी सरकारों के अच्छे कामों को को देखकर विरोधियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, ये लोग मोदी के खिलाफ अपना गुस्सा निकालने के लिए कहीं गाय काट रहे हैं, कहीं गाय का सर लेकर घूम रहे हैं और कहीं पर गाय का दूध सड़कों पर फेंककर उसे बर्बाद कर रहे हैं.
कहने को तो ये लोग किसान हैं लेकिन इन्हें दूध फेंकते देखकर लगता नहीं है कि ये किसान हैं क्योंकि किसान अपने पशुओं को अपने बच्चों की तरह प्यार करता है, वह उनका दूध कभी सड़कों पर नहीं फेंक सकता, इसी तरह से किसान खुद उगाई सब्जियों को भी नहीं फेंक सकता क्योंकि असली किसान एक टमाटर को मुरझाता नहीं देख पाते, वे ट्रक भरकर टमाटर कैसे बर्बाद करेंगे, वे खून पसीने से उगाई गयी सब्जियों को कैसे बर्बाद कर सकते हैं, कम से कम किसान को ऐसा कदापि नहीं कर सकते.
ये किसान कर्जामाफ़ी की मांग कर रहे हैं साथ ही दूध की कीमतें बढाकर 50 रुपये करने की मांग कर रहे हैं, अब आप ही सोचिये, गरीबों को आज भी दूध मंहगा लग रहा है, वे 40 रुपये में भी दूध नहीं खरीद पा रहे हैं, जब सरकार दूध का दाम 50 रुपये से ऊपर कर देगी तब तो गरीब जीते जी मर जाएंगे, महाराष्ट्र की देवेन्द्र फडनवीस सरकार ने कहा है कि यह प्रदर्शन किसान नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों के उकसावे पर किया जा रहा है, ऐसा काम किसान कभी नहीं कर सकते.
महाराष्ट्र सरकार ने राजनीतिक पार्टियों के अंदेशे को समझते हुए सिरडी में धारा 144 लागू कर दी है, अब तक कई नकली किसान पकडे जा चुके हैं. कल से ही ये लोग सब्जियां और दूध बर्बाद कर रहे थे.
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