पढ़ें: कुमार विश्वास क्यों और किसके कहने पर कर रहे हैं राष्ट्रवादी बनने का ढोंग, क्या है वजह?

Kumar Vishwas also anti nationalist but he is showing that he become a nationalist and want to speak against indian army and for nation
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New Delhi: हो सकता है कि पिछले कुछ दिनों की घटनाएं देखकर आप सोच रहे होंगे कि कुमार विश्वास भी एक राष्ट्रवादी यानी देशभक्त नेता है, सौनिकों के लिए बोलता है, कश्मीर के लिए बोलता है, देश के लिए बोलता है, लेकिन आप जरा सोचिये, कुमार विश्वास ने उस वक्त सेना के लिए क्यों नहीं बोला जब उनके बड़े भाई अरविन्द केजरीवाल ने भारतीय सेना से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगकर सेना का बहुत बड़ा अपमान किया था, उस वक्त अरविन्द केजरीवाल पाकिस्तान में हीरो बन गए, उनका नाम लेकर पाकिस्तान और वहां के मीडिया ने भारतीय सेना को झूठा बताया, भारतीय सेना का अपमान हुआ, सैनिकों के आत्मविश्वास को ठेस पहुंची लेकिन कुमार विश्वास को उस वक्त ना तो सेना के सम्मान की चिंता हुई और उन्होंने ना ही केजरीवाल का विरोध किया, वे उस वक्त सेना के लिए एक शब्द भी नहीं बोले, आप ये भी सोचिये, कुमार विश्वास उस वक्त देश के लिए क्योंकि नहीं बोले जब JNU में भारत की बर्बादी के नारे लगे, देश को टुकड़े टुकड़े के नारे लगे और केजरीवाल उन देशद्रोहियों के साथ खड़े हो गए. कुमार विश्वास कहाँ गए थे उस वक्त.

आज कुमार विश्वास एक VIDEO में सैनिकों के लिए दो चार लाइन क्या बोल दिया, आप सोचने लगे कि कुमार विश्वास भी देशभक्त आदमी है, सेना के लिए बोल रहा है, कश्मीर के लिए बोल रहा है, कुछ BJP नेताओं ने भी कुमार विश्वास को देशभक्त बताना शुरू कर दिया है लेकिन ये लोग नहीं जानते कि ये साजिश का शिकार हो रहे हैं, एक बहुत बड़ी साजिश.

क्या है कुमार विश्वास के राष्ट्रभक्त बनने की वजह

अब आप सोचिये कि कुमार विश्वास एकाएक देश के लिए कैसे बोलने लगे, ये किसके इशारे पर चल रहे हैं, कौन है इनके पीछे, इनकी देशभक्त जागने का क्या कारण है, ये उस वक्त तो चुपचाप बैठे रहे जब केजरीवाल ने सेना का अपमान किया, सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगा, कुमार विश्वास उस वक्त तो शांत बैठे रहे जब केजरीवाल ने खालिस्तानी आतंकवादी के घर में रात बिताई.

अब मैं बताता हूँ कि कुमार विश्वास एकाएक राष्ट्रभक्त क्यों बन गए. पहली बात तो आप ये जान लीजिये कि आम आदमी पार्टी लगातार 6 चुनाव हारी है, अब तक केजरीवाल के हर निर्णय में कुमार विश्वास ने साथ दिया, अगर AAP पार्टी लगातार 6 चुनाव हारी है तो इसके जिम्मेदार कुमार विश्वास भी हैं.

अब आप सोचिये कि आम आदमी पार्टी 6 चुनाव क्यों हारी, इसकी सबसे बड़ी वजह है - जब से केजरीवाल ने सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया, सेना से सबूत मांगे, एकाएक राष्ट्रवादी वोटबैंक AAP के हाथों से निकल गया, हर आदमी केजरीवाल को देशद्रोही मानने लगा, पाकिस्तान में केजरीवाल के पोस्टर लगे, पाकिस्तानी मीडिया में केजरीवाल की जय जय कार हुई ये पूरी दुनिया ने देखा. उसके बाद मोदी सरकार ने नोटबंदी की तो केजरीवाल ने लगातार उसका भी विरोध किया, जो बचा खुचा वोटबैंक था वो भी उनके हाथों से खिसक गया, AAP की लगातार 6 हार की यही वजह थी.

जब आम आदमी पार्टी ने देखा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना और नोटबंदी का विरोध करना केजरीवाल को मंहगा पड़ गया है, राष्ट्रवादी वोटबैंक AAP से दूर हो गया है तो इन लोगों ने राष्ट्रवादी वोटरों को वापस AAP की तरफ मोड़ने के लिए एक स्क्रिप्ट रची.

यह स्क्रिप्ट रचने में बहुत बड़े बड़े लोग शामिल हैं, बड़ी बड़ी शक्तियां लगी हैं, बड़े बड़े लोगों का दिमाग लगा है, कई मीडिया घराने इसमें शामिल हैं, कई बड़े बड़े पत्रकार शामिल हैं और कुमार विश्वास उनकी लिखी स्क्रिप्ट के अनुसार एक्टिंग कर रहे हैं.

स्क्रिप्ट के मुताबिक़ पहले तो कुमार विश्वास ने We The Nation नाम से यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया जिसमें उन्होंने देशभक्त होने का ढोंग किया, उन्होंने सेना और कश्मीर के समर्थन में बड़ी बड़ी बातें कीं लेकिन अगर आप VIDEO का सार समझें तो उसमें MODI का विरोध था. उन्होंने वीडियो में केजरीवाल के भ्रष्टाचार पर सवाल भी उठा दिया ताकि लोगों को लगे कि ये केजरीवाल का भी विरोध कर रहा है.

VIDEO के बाद मीडिया ने कुमार विश्वास और केजरीवाल के बीच मनमुटाव की स्टोरी प्लांट की, उसके बाद केजरीवाल ने AAP विधायक अमानतल्ला के मुंह से कुमार विश्वास को बीजेपी का एजेंट कहलाया, इसके बाद कुमार विश्वास ने नाराज होने का नाटक किया, और पार्टी छोड़ने का इशारा किया.

स्क्रिप्ट के मुताबिक इसके बाद कुमार विश्वास ने शर्त रखी कि अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर किया जाय तभी वे मानेंगे और सेना के लिए बोलेंगे, कश्मीर के लिए बोलेंगे, देश के लिए बोलेंगे, किसी से माफी नहीं मांगेंगे, उसके बाद अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर कर दिया गए लेकिन केवल दो दिन बाद उन्हें पार्टी में वापस शामिल करते उन्हें कई कमेटियों का हेड बनाकर उनका प्रमोशन भी कर दिया क्योंकि स्क्रिप्ट के अनुसार उन्होने बढ़िया एक्टिंग की थी, यह भी देखिये, कुमार विश्वास ने भी अमानतुल्ला की वापसी का विरोध नहीं किया, इससे साफ़ जाहिर है कि यह सब स्क्रिप्टेड है.

इसके बाद देखिये, कल आप के जल मंत्री कपिल मिश्रा को सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने ACB कमिश्नर को शीला दीक्षित को गिरफ्तार करने और टैंकर घोटाले में उनसे पूछताछ करने का पत्र लिखा था, आज कपिल मिश्रा ने खुलेआम केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते तो कुमार विश्वास कह रहे हैं कि उन्हें केजरीवाल पर पूरा भरोसा है, वे रिश्वत ले ही नहीं सकते, भ्रष्टाचार कर ही नहीं सकते. मतलब कुमार विश्वास और केजरीवाल साथ साथ खड़े हैं और स्क्रिप्ट के अनुसार काम कर रहे हैं.

स्क्रिप्ट में केजरीवाल का क्या है रोल

कुमार विश्वास और अरविन्द केजरीवाल के लिए अलग अलग स्क्रिप्ट लिखी गयी है, सेना का विरोध करेंगे, मोदी का विरोध करेंगे ताकि एंटी नेशनल, वामपंथी, मुस्लिम और मोदी विरोधी वोट उनके साथ रहे और आप को वोट दें. मतलब केजरीवाल एंटी-नेशनल, अलगाववादियों, देश के टुकड़े टुकड़े करने की चाहत रखने वालों के हीरो बने रहन चाहते हैं.

कुमार विश्वास का क्या है रोल

कुमार विश्वास सेना के लिए बोलेंगे, कश्मीर के लिए बोलेंगे, मोदी के प्रति थोडा झुकाव रखेंगे, देशभक्ति वाली वीडियो अपलोड करते रहेंगे, देशभक्ति की कवितायें गायेंगे ताकि देशभक्त वोटर और मोदी के लिए थोडा सम्मान रखने वाले लोग कुमार विश्वास के साथ रहें और आप को वोट दें. मतलब कुमार विश्वास देशभक्तों के हीरो बनना चाहते हैं.

मतलब AAP को एंटी-नेशनल, कट्टरपंथियों, मुस्लिमों के साथ साथ राष्ट्रभक्तों के भी वोट मिलेंगे, मतलब केजरीवाल अपना एंटी-नेशनल वाला रोल निभाते रहेंगे और कुमार विश्वास नेशनलिस्ट बनने का ढोंग करते रहेंगे ताकि दोनों तरफ के वोटबैंक को साधा जा सके.

आप खुद सोचिये, अगर कुमार विश्वास वाकई में राष्ट्रभक्त होते, सेना का सम्मान करते तो वे उसी वक्त कर देते जब केजरीवाल ने सेना का अपमान किया और सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगा. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, AAP के लगातार 6 चुनाव हारने के बाद वे देशभक्त बन गए.

अगर दूसरी भाषा में कहें तो कुमार विश्वास को राष्ट्रवादियों के दिल और दिमाग में घुसपैठ करने के लिए भेजा गया है और कुमार विश्वास घुसपैठ करने में कामयाब भी हो गए हैं लेकिन जल्द ही उनकी असलियत सामने आ जाएगी और राष्ट्रवादी उन्हें अपने दिल और दिमाग से निकाल फेंकेंगे क्योंकि अगर स्क्रिप्ट लिखने वाले चालाक हैं तो हम उनसे भी अधिक चालाक हैं.
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Delhi

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