New Delhi, 5 April: बड़े बड़े नेताओं पर झूठे आरोप लगाना केजरीवाल को मंहगा पड़ रहा है क्योंकि वे अपने झूठे आरोपों की भरपाई दिल्ली की जनता से कराना चाहते हैं, उनके एक एक आरोप की कीमत करोड़ों रुपये हैं, इन आरोपों के बचाव के लिए वे देश के सबसे मंहगे वकील राम जेठमलानी को करोड़ों रुपये देते हैं और वो भी सरकारी खजाने से।
अभी हाल ही में केजरीवाल ने राम जेठमलानी को दिल्ली की जनता की खून पसीने की कमाई में से करीब 4 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है, अभी तो केस की शुरुआत है और हो सकता है कि राम जेठमलानी की फीस 20-30 करोड़ तक पहुँच जाती क्योंकि अभी केस ख़त्म नहीं हुआ है, राम जेठमलानी हर पेशी के लिए केजरीवाल से 20 लाख रुपये लेते हैं, अभी उन्हें 100-200 बार और पेश होना पड़ सकता है, इसलिए हो सकता है कि उन्हें 20 करोड़ रुपये और देने पड़ें और ये पैसे दिल्ली की जनता की जेब से जाएंगे।
बीजेपी ने केजरीवाल के इस कारनामें को पकड़ लिया है, दिल्ली के बीजेपी प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल के इस कारनामें को जनता के सामने जाहिर किया था, अब तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल को दिल्ली में जनमत संग्रह कराने की खुल्ली चुनौती दी, उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल में हिम्मत है तो वो दिल्ली के किसी भी कोने में जनमत संग्रह कराकर जनता से पूछें कि वह उनके गुनाहों की भरपाई करना चाहती है, क्या जनता केजरीवाल के झूठे आरोपों का करोड़ों का खर्च चुकाना चाहती है या नहीं।
बग्गा ने केजरीवाल को इस मुद्दे पर डिबेट की भी चुनौती दी है, उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर केजरीवाल क्यों खामोश हैं।
बग्गा ने केजरीवाल को इस मुद्दे पर डिबेट की भी चुनौती दी है, उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर केजरीवाल क्यों खामोश हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि केजरीवाल और उनके आपिये नेताओं ने DDCA में घोटाले का हवाला देकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के घिनौने आरोप लगाए थे, आरोप तो कोई बात नहीं, केजरीवाल एंड पार्टी ने अरुण जेटली को चोर, भ्रष्टाचारी, घोटालेबाज और पता नहीं कितने अपशब्द कह डाले थे, उसके बाद अरुण जेटली ने केजरीवाल और 5 अन्य आप नेताओं पर 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा ठोंका था, केजरीवाल अरुण जेटली के खिलाफ कोई सबूत नहीं दे सके, अब उनका फंसना तय माना जा रहा है, अपने बचाव के लिए उन्होंने सबसे मंहगे वकील राम जेठमलानी को नियुक्त किया है और उन्हें हर पेशी के लिए 20 लाख रुपये की फीस देते हैं, अब तक 4 करोड़ रुपये का बिल बन चुका है, आगे पता नहीं कितने करोड़ का बिल फटेगा और यह सब पैसा दिल्ली की जनता की जेब से जाएगा।
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