श्रीनगर, 30 अप्रैल: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अब लगता है बुढ़ापे में छठिया गए हैं इसलिए अनाप शनाप बयान देते रहते हैं, कल उन्होंने फिर से अनाप शनाप बयान देते हुए कहा कि जब भी कश्मीर में कोई जवान शहीद होता है तो उसकी मौत पर ज्यादा बवाल किया जाता है ताकि मुसलमानों और इस्लाम को बदनाम किया जा सके, उन्होंने कहा कि सुकमा में 26 CRPF जवान शहीद हुए लेकिन उनकी मौत को इतना हाई लाइट नहीं किया गया जितना कुपवाड़ा हमले में शहीद हुए 3 जवानों को अधिक हाईलाइट किया गया और यह सब जान बूझकर इस्लाम को बदनाम करने के लिए किया जाता है.
उन्होंने कहा कि सुकमा हमले से अधिक चर्चा कश्मीर में कुपवाड़ा हमले की हो रही है, यह सब मुस्लिमों को जानबूझकर बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, देश में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है,
जानकारी के लिए बता दें कि कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तीन दिन पहले आतंकियों ने सेना का कैम्प पर हमला बोल दिया था जिसमें कैप्टन सहित तीन जवान शहीद हो गए थे जबकि पांच सैनिक घायल हो गए थे, एंटी काउंटर ऑपरेशन में जैश-ए-मुहम्मद के दो आतंकी भी मार दिए गए थे.
इसके कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल अटैक में 26 CRPF जवान शहीद हो गए थे, फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि इनकी शहादत की चर्चा कम हुई जो कि गलत है क्योंकि CRPF जवानों की मौत पर भी देश का खून खौल गया था और नक्सलियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग हुई थी.
उन्होंने कहा कि सुकमा हमले से अधिक चर्चा कश्मीर में कुपवाड़ा हमले की हो रही है, यह सब मुस्लिमों को जानबूझकर बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, देश में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है,
जानकारी के लिए बता दें कि कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तीन दिन पहले आतंकियों ने सेना का कैम्प पर हमला बोल दिया था जिसमें कैप्टन सहित तीन जवान शहीद हो गए थे जबकि पांच सैनिक घायल हो गए थे, एंटी काउंटर ऑपरेशन में जैश-ए-मुहम्मद के दो आतंकी भी मार दिए गए थे.
इसके कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल अटैक में 26 CRPF जवान शहीद हो गए थे, फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि इनकी शहादत की चर्चा कम हुई जो कि गलत है क्योंकि CRPF जवानों की मौत पर भी देश का खून खौल गया था और नक्सलियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग हुई थी.
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