मैं जनसमूह से निकला था, इसी में समा जाऊँगा, अपने पीछे कुछ नहीं छोडूंगा: प्रणब मुख़र्जी

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मुंबई, 17 मार्च: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां शुक्रवार को कहा कि वह जनसमूह के बीच से आए हैं और इसी में समा जाएंगे, अपने पीछे कोई विरासत नहीं छोड़ेंगे। राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वह सार्वजनिक जीवन से भी निवृत्त हो जाएंगे। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मुखर्जी के संबोधन के बाद एंकर राजदीप सरदेसाई ने जब पूछा कि वह अपने पीछे क्या विरासत छोड़ेंगे, तो मुखर्जी ने कहा, "मैं जनसमूह का हिस्सा हूं और इसी में समा जाऊंगा। मैं कोई विरासत नहीं छोड़ूंगा।"

राष्ट्रपति ने इसके पहले अपने संबोधन में यह भी कहा कि सार्वजनिक पद जनता की सेवा के सिवा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि मैंने कभी नहीं सोचा कि सर्वोच्च पद पर होने से मेरी बुद्धिमत्ता बढ़ गई या मेरा महत्व बढ़ गया। मैंने हमेशा यही सोचा कि पद सेवा के अलावा कुछ नहीं है, और वह भी जनता की सेवा।"
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