लखनऊ: आपने देखा होगा कि मोदी और अमित शाह की राहुल गाँधी के सभी भाषणों पर नजर थी, दोनों ही नेता राहुल गाँधी की हर बात को नोटिस करते थे और जवाब भी देने की कोशिश करते थे लेकिन राहुल गाँधी के एक आरोप का जवाब ना तो मोदी ने दिया और ना ही अमित शाह ने, राहुल गाँधी ने अपने सभी भाषणों में ये आरोप लगाकर मोदी सरकार की जमकर ऐसी तैसी की, जमकर राजनीतिक फायदा लिया लेकिन मोदी और अमित शाह ने इस आरोप का पलटकर जवाब भी नहीं दिया।
राहुल ने नोटबंदी का मुद्दा उठाया और इसे मोदी का गलत कदम भी बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मोदी ने देश एक 50 सबसे बड़े अमीरों का 1 लाख करोड़ रुपये माफ़ कर दिया है, इसके अलग 6 लाख करोड़ रुपये और माफ़ करने वाले हैं इसीलिए उन्होंने नोटबंदी की, उन्होंने आपका पैसा बैंक में जमा करवा लिया और अब उसी पैसे से देश के 50 बड़े अमीरों का 6 लाख करोड़ रुपये माफ़ कर देंगे।
राहुल गाँधी ने साफ़ साफ़ मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होने देश के 50 बड़े अमीरों का 1.40 लाख करोड रूपया माफ़ कर दिया है, यह बहुत बड़ा आरोप था, लेकिन मोदी और अमित शाह ने अपनी एक भी रैली में इस आरोप का जवाब नहीं दिया, उन्होंने यह भी नहीं बताया कि राहुल गाँधी सच बोल रहे हैं या झूठ और डेढ़ लाख करोड़ रुपये माफ़ करने का मामला क्या है।
राहुल गाँधी के पीछे भी प्रशांत किशोर जैसे रणनीतिकारों का दिमाग काम कर रहा है, वे लोग राहुल गाँधी को ऐसे मुद्दे उठाने की सलाह देते हैं और राहुल गाँधी को भाषण लिखकर देते हैं, वे जानते हैं कि ऐसी बातें जनता के दिमाग में जल्दी बैठ जाती हैं। राहुल गाँधी ने अपनी सभी रैलियों में यह मुद्दा उठाया, मोदी सरकार पर सीधा अमीरों का लोन माफ़ करने का आरोप लगाया लेकिन मोदी ने उनके आरोप का जवाब नहीं दिया। आपको बता दें कि अगर 100 बार किसी झूठ को लगातार बोला जाए तो जनता उसे सच मान लेती है और राहुल गाँधी ने मुद्दा इसीलिए उठाया था लेकिन मोदी और अमित शाह ने उनके आरोप को नजअंदाज कर दिया जो कि उन्हें नहीं करना चाहिए था।
इसके अलावा राहुल गाँधी ने विजय माल्या का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोदी ने उन्हें पैसा देकर विदेश भगा दिया और नोटबंदी के बाद उनके 1200 करोड़ रुपये माफ़ कर दिए, बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस करके जरूर इस आरोप का जवाब दिया और बताया कि विजय माल्या को लोन दिलाने के पीछे मनमोहन सिंह का हाथ था लेकिन मोदी ने अपनी रैलियों में यह भी नहीं कहा कि उनकी सरकार तो आये केवल ढाई साल हुए हैं, विजय माल्या को लोन तो कांग्रेस सरकार ने दिया था।
इसके अलावा राहुल गाँधी ने विजय माल्या का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोदी ने उन्हें पैसा देकर विदेश भगा दिया और नोटबंदी के बाद उनके 1200 करोड़ रुपये माफ़ कर दिए, बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस करके जरूर इस आरोप का जवाब दिया और बताया कि विजय माल्या को लोन दिलाने के पीछे मनमोहन सिंह का हाथ था लेकिन मोदी ने अपनी रैलियों में यह भी नहीं कहा कि उनकी सरकार तो आये केवल ढाई साल हुए हैं, विजय माल्या को लोन तो कांग्रेस सरकार ने दिया था।
विजय माल्या पर मोदी का ना बोलना उन्हें भारी पड़ सकता है इसके अलावा डेढ़ लाख करोड़ रुपये कर्ज माफी का मुद्दा भी मंहगा पड़ सकता है, मोदी को जनता को समझाना चाहिए था कि उन्होंने लोन माफ़ नहीं किया है बल्कि इन लोन को बट्टे खाते में डाला है और नियम के हिसाब से इसकी वसूली की जाएगी। जनता को यह सब बातें नहीं पता हैं इसलिए राहुल गाँधी को जरूर इसका फायदा मिलेगा और वे बीजेपी का कुछ ना कुछ नुकसान जरूर करेंगे और इस नुकसान के जिम्मेदार स्वयं मोदी और अमित शाह होंगे। ये लोग जनता को छोटी सी बात नहीं समझा पाए कि लोन माफ़ नहीं किया है बल्कि बट्टे खाते या Non Performing Assets के अंतर्गत डाला गया है जिसका मतलब है कि यह पैसा अब सिस्टम में नहीं है, अब ना तो इसका व्याज आ रहा है और ना ही आर्थिक सिस्टम में यह पैसा मूव कर रहा है इसलिए इसे बट्टे खाते में डाला जाता है और उसकी वसूली के लिए लेनदारों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
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