लखनऊ, 23 मार्च: उत्तर प्रदेश में दर्जनों अवैध बूचडखानों को बंद कर दिया गया है जबकि सकड़ों को बंद किया जाने वाला है, कम से कम 200 अवैध बूचड़खाने उत्तर प्रदेश में चल रहे हैं जिसमें करीब पांच हजार पशुओं को काटा जाता है, जानवरों को काटे जाने की वजह से कई जगह प्रदुषण होता है, कई गंभीर बीमारियाँ पैदा होती हैं, बूचडखाना बंद होने से उत्तर प्रदेश के लोग खुश हैं क्योंकि जहाँ जहाँ भी बूचडखाने चल रहे हैं वहां से बदबू बहुत आती है।
कुछ मोदी विरोधी मीडिया वाले बूचडखाने बंद होने से दुखी हैं क्योंकि बूचडखानों में काम करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं, कुछ पत्रकार भी रो रहे हैं और बूचडखाना में काम करने वाली की बेरोजगारी का रोना रोते कह रहे हैं कि अब ये लोग क्या करें, इनकी दुकानें खाली हो गयी हैं, इन पत्रकारों को जानवर काटने वालों की तो चिंता है लेकिन हजारों जानवरों की जान बचने की ख़ुशी नहीं है।
कुछ भी हो लेकिन ट्विटर पर लोग इन पत्रकारों को करारा जवाब दे रहे हैं, लोग कह रहे हैं कि अब बूचडखाना मालिकों को गाय भैंस काटने के बजाय गाय भैंस पालना चाहिए और घी-दूध बेचकर पैसे कमाना चाहिए, इससे जानवरों की जान भी बचेगी और उन्हें रोजगार भी मिल जाएगा।
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