New Delhi, 5 Feb: सोशल मीडिया पर इस वक्त बीजेपी के लिए काफी प्रचार चल रहा है क्योंकि लोग चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी की सरकार बने लेकिन बीजेपी की राह में बहुत मुश्किल है। बीजेपी की राह में सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि मुस्लिम उनके खिलाफ इकठ्ठे होकर वोट करते हैं, मतलब जिधर मुस्लिम वोटर मुड़ गए उसी पार्टी की जीत तय है।
अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनानी है तो हिन्दुओं को सिर्फ बीजेपी वोट वोट देना पड़ेगा जो कि संभव नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश में हिन्दू समाज जातिवाद में जकड़ा हुआ है इसलिए लोग अपनी जाति देखकर वोट देते हैं, अगर यादव होगा तो सिर्फ मुलायम सिंह को वोट देगा, अगर पंडित होगा तो सिर्फ पंडित उमीदवार को वोट देगा, अगर OBC होगा तो OBC उम्मीदवार को वोट देगा और अगर दलित होगा तो मायावती को यानी बसपा को वोट देगा।
हिन्दू जातिवाद में बंटा है जबकि मुस्लिमों में शिया, सुन्नी, अहमदी, कुरैशी आदि जातियां होती हैं लेकिन ये लोग अपनी जाति नहीं देखते बल्कि धर्म के आधार पर वोट करते हैं, ज्यादातर मुस्लिम उस पार्टी को वोट देते हैं जो बीजेपी के खिलाफ जीत सकती है, मतलब ज्यादातर मुस्लिम सिर्फ बीजेपी को हराने के लिए वोट करते हैं।
ऐसा नहीं है कि हिन्दू हमेशा ही जातिवाद में बनते रहते हैं, जब उन्हें खतरे का अहसास होता है तभी इकट्ठे होते हैं, जैसा कि लोकसभा चुनाव 2014 में हुआ था, उस वक्त सभी हिन्दू इकठ्ठे हो गए थे और बीजेपी की बम्पर जीत हुई थी, अगर उत्तर प्रदेश चुनावों में भी सभी हिन्दू इकठ्ठे होकर बीजेपी को वोट देंगे तो बीजेपी की जीत निश्चित हो जाएगी लेकिन ऐसा संभव नहीं है क्योंकि विधानसभा में सभी जातियों से लोग खड़े हो जाते है इसलिए वोट बंट जाते हैं इसलिए इस चुनाव में भी उसी पार्टी की जीत हो सकती है जिसे मुस्लिम वोट देंगे।
सपा और कांग्रेस ने इसीलिए गठबंधन किया है, इन लोगों ने सोचा कि हमारे एक होने से मुस्लिमों में यह सन्देश जाएगा कि अब ये दोनों बीजेपी को हरा सकते हैं इसलिए इन्हें ही वोट देना है। अगर मुस्लिम वोट सपा-कांग्रेस को चले गए तो अखिलेश एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
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