नई दिल्ली, 21 फरवरी: अगर आपने ध्यान दिया होता तो मोदी आजकल अपनी रैलियों में दो बातें बोलते हैं, पहली तो यह कि जिसने भी देश को लूटा है वो बचेगा नहीं और दूसरी यह कि उनकी लड़ाई कुर्सी पर बैठे अधिकारियों से है जिन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए घोटाले और भ्रष्टाचार किये हैं।
मोदी की कही गयी बातें सच हो रही हैं क्योंकि अब कुर्सी पर बैठ चुके बड़े बड़े अधिकारी भी पकडे जा रहे हैं, नोटबंदी के बाद लोगों ने ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के बारे में सुना था और यह भी जाना था कि ED के हाथों में विदेशी लेन-देन की जांच करने की पूरी पॉवर होती है और अगर विदेशी बैंकों में भारत से पैसा जमा हुआ तो इसकी भी जानकारी रहती है।
आज प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व जॉइंट डायरेक्टर जे.पी.सिंह को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है और उनके साथ तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है जिसमें ED के अधिकारी संजय कुमार तथा दो बिचौलिए विमल अग्रवाल तथा चंद्रेश पटेल शामिल हैं। अब आप समझ लीजिये, जिस ED में ऐसे भ्रष्ट अधिकारी बैठे हैं तो भारत का पैसा स्विस बैंकों में कैसे नहीं जमा हुआ होगा यानी इन लोगों ने भ्रष्टाचार का नंगा नाच खेला होगा।
वित्त मंत्रालय के आदेश पर सितंबर 2015 में सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया था। इसकी जांच के बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत तथा आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज है।
आरोप है कि सट्टेबाजी में धनशोधन तथा इस तरह की अन्य गतिविधियों की जांच के दौरान सिंह तथा ईडी के अन्य अधिकारियों ने मामले के आरोपियों व संदिग्धों से कथित तौर पर रिश्वत के तौर पर बड़ी रकम ली थी।
CBI के एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "इन अधिकारियों ने आरोपियों व संदिग्धों से रिश्वत के रूप में बड़ी रकम ली।"
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