कमाल है, कांग्रेस के ये दो प्रधानमंत्री सत्ता में रहते हुए खुद ही बन गए थे भारत रत्न: पढ़ें

why-jawahar-lal-nehru-indira-gandhi-receive-bharat-ratna-hindi
why-jawahar-lal-nehru-indira-gandhi-receive-bharat-ratna-hindi

New Delhi, 21 January: भारत रत्न देश का सबसे बड़ा सम्मान है, केंद्र सरकार हर वर्ष एक एक या दो विशिस्ट लोगों को भारत रत्न अवार्ड देती है, हर वर्ष ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों के नाम भारत रत्न के लिए भेजे जाते हैं और इन्हीं में से एक या दो को भारत रत्न दिया जाता है। भारत रत्न के नाम का चुनाव स्वयं प्रधानमंत्री करते हैं और अंतिम निर्णय के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं। 

अब आप खुद सोचिये, क्या कोई प्रधानमंत्री सत्ता में रहते हुए अपने ही नाम की सिफारिश भारत रत्न के लिए कर सकता है, क्या कोई प्रधानमंत्री जो स्वयं भारत रत्न का चुनाव करता है, वह यह कह सकता है कि आप मुझे ही भारत रत्न दे दो। शायद नहीं। 

लेकिन कांग्रेस पार्टी के दो प्रधानमंत्री सत्ता में रहते हुए अपने ही नाम का चुनाव भारत रत्न के लिए कर दिया और अवार्ड भी ले लिया। ये प्रधानमंत्री थे जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी। 

जवाहर लाल नेहरु वर्ष 1947 से 1964 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, इन्होंने वर्ष 1955 में अपने ही नाम ही सिफारिश भारत रत्न के लिए कर दी, वे 17 साल तक प्रधानमंत्री रहे। उनके 17 साल प्रधानमंत्री रहने के बावजूद भी भारत में हर तरफ गरीबी थी, हर तरफ भ्रष्टाचार था, 80  फ़ीसदी लोग गरीब थे।

इसी प्रकार से कांग्रेस प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी वर्ष 1966-1977 तक और 1980-84 तक प्रधानमंत्री रहीं, इन्होंने भी 1971 में अपने ही नाम की सिफारिश भारत रत्न के लिए कर दी और अवार्ड ले भी लिया। ये भी करीब 15 साल तक देश की प्रधानमंत्री थी लेकिन देश गरीब का गरीब ही रहा, इन्होने उल्टा देश में आपातकाल लगा दिया। 

अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि इन्होने देश के लिए ऐसा क्या किया था कि अपना ही नाम भारत रत्न के लिए भेज दिया, अच्छा होता कि ये लोग अपना कार्यकाल पूरा करते और दूसरे प्रधानमंत्री इनके काम का आकलन करके इन्हें इनके नाम का चुनाव भारत रत्न के लिए करते लेकिन शायद इन लोगों को लगता था कि अगर दूसरा प्रधानमंत्री आ गया तो इन्हें भारत रत्न नहीं देगा इसलिए इन्होने स्वयं ही भारत रत्न ले लिया।
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India

Post A Comment:

0 comments: