मुख़्तार अंसारी को मायावती खुद कहती थी UP का खूंखार बदमाश, अब उसी से मिला लिया हाथ, दिया टिकट

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Lucknow, 26 January: उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए मायावती किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं, वह अपनी पार्टी और अपने प्रेरणाश्रोत बाबा साहेब अंबेडकर के उसूलों से भी समझौता कर रही हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले तक मायावती मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बदमाश बताती थीं लेकिन अब खुद उसे अपने पार्टी में शामिल कर लिया है और उसे, उसके भाई और बेटे को बसपा से टिकट भी दिया है। 

इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने मुख्तार अंसारी को पाक साफ़ भी बता दिया, उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी पर अभी आरोप साबित नहीं हुआ है, उसे बीजेपी ने जानबूझकर फंसाया है, जब मीडिया ने उनसे कड़े सवाल किये तो उन्होंने कहा कि अगर मुख्तार अंसारी बदमाशी करते थे तो उन्हें एक मौका सुधरने का भी तो देना चाहिए। हमारी पार्टी ने उन्हें टिकट देकर एक बार सुधरने का मौका दिया है।  

जानकारी के लिए बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ जिले के खतरनाक बदमाश हैं, वह कई बार विधायक भी रहे हैं और अभी भी विधायक हैं, वह अपने बाहुबल के दम पर जेल में बैठे बैठे ही चुनाव जीत लेते हैं, इससे पहले वे बसपा से भी विधायक थे लेकिन मायावती ने खुद उन्हें बदमाश बताकर उन्हें पार्टी से निकाल दिया, उसके बाद मुख्तार अंसारी ने अपनी खुद की पार्टी कौमी एकता दल बनायी। आज मायावती ने कौमी एकता दल का बसपा में विलय करवा लिया और उन्हें, उनके भाई और बेटे को बसपा से टिकट दे दिया। 

यह सब मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुस्लिम वोटरों को बसपा की तरफ झुकाने के लिए किया है, उन्हें पता है कि मुख्तार अंसारी कितना भी बदमाश और आतंकवादी हो, सभी मुस्लिम उससे प्रेम करते हैं इसलिए अगर उसे बसपा में शामिल कर लिया जाए तो सभी मुस्लिम वोट बसपा को मिल जाएंगे और वे उत्तर प्रदेश का चुनाव जीत जाएंगी। 

मायावती ने इस बार दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम यानी DBM का फ़ॉर्मूला अपनाया है, उन्होंने अपनी पार्टी में ज्यादातर टिकट मुस्लिमों को दिए हैं, उसके बाद ब्राह्मण हैं और तीसरे नम्बर पर दलित हैं। मायावती ने ऐसा इसलिए किया है ताकि उन्हें मुस्लिमों, ब्राह्मणों और दलितों के वोट मिल जाएं। अगर उनका फ़ॉर्मूला फिट बैठ गया तो वे चुनाव जीत भी सकती हैं। 
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