लालू यादव और विरोधियों को मिली मुंहमांगी मुराद, RSS ने फिर से दिया आरक्षण विरोधी बयान

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New Delhi, 20 January: मोदी विरोधी पार्टियों को बिहार चुनावों की तरह एक बार फिर से मुंहमांगी मुराद मिल गयी है क्योंकि आरएसएस के बड़े नेता मनमोहन वैद्य ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिया है, इससे पहेल बिहार चुनावों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिया था और बीजेपी की आंधी ख़त्म हो गयी और बुरी तरह से बिहार चुनाव हार गयी क्योंकि लालू यादव और नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को खूब भुनाया और गरीबों को भड़का कर बीजेपी के खिलाफ कर दिया। 

लालू यादव ने तो तुरंत ही इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी, उन्होंने कहा 'मोदी जी आपके RSS प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके है। बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा।'

उन्होने दूसरे ट्वीट में कहा 'आरक्षण संविधान प्रदत्त अधिकार है। RSS जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं। इसे छीनने की बात करने वालों को औकात में लाना कमेरे वर्गों को आता है।'

उन्होंने तीसरे ट्वीट में कहा 'मोदी जी आपके RSS प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके है। बिहार में रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा।

क्या कहा मनमोहन वैद्य ने

वैसे अगर मनमोहन वैद्य की बात ध्यान से पढ़ें तो उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है, गलत तो मोहन भागवत ने भी नहीं कहा था लेकिन उनकी बात को उल्टा-पुल्टा करके गरीबों के खिलाफ बना दिया गया। मनमोहन वैद्य ने भी कुछ गलत नहीं कहा, उन्होंने सिर्फ ये कहा कि आरएसएस ख़त्म होना चाहिए क्योंकि इससे लोगों में भेदभाव बढ़ रहा है, आरक्षण की जगह सभी लोगों को पढने और नौकरी के लिए सामान अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। गरीबों को आरक्षण के बजाय आर्थिक मदद की जा सकती है।

मनमोहन वैद्य ने भले ही यह बयान समाज के भले के लिए दिया हो, ऊंच नीच की खाई मिटाने के लिए दिया हो, भेदभाव मिटाने के लिए दिया हो लेकिन विरोधी उनके बयान को दलित-विरोधी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। लालू यादव ने तो तुरंत ही इस पर प्रतिक्रिया दे दी है।
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