Lucknow, 31 January: मुलायम सिंह के एक कदम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है साथ ही कांग्रेस खेमे में खलबली मच गयी है, अगर मुलायम सिंह का आदेश सपा नेताओं ने मान लिया तो कांग्रेस UP चुनावों में पूरी तरह से क्लीन बोल्ड हो जाएगी और हो सकता है कि खाता भी ना खोल पाए।
कहने में संकोच नहीं है कि उत्तर प्रदेश में BJP की लहर से डरकर कांग्रेस ने मजबूरी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को केवल 105 सीटें दी है जबकि 298 सीटों पर सपा स्वयं लड़ रही है।
अब आप जानते ही हैं कि कांग्रेस 403 सीटों के बजाय केवल 105 सीटों पर क्यों लड़ रही है, उसने सोचा कि अगर 403 सीटों पर लड़ेंगे तो लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच में होगी और हमारी एक भी सीट नहीं आएगी लेकिन अगर हम 105 सीटों पर लड़ेंगे, ऐसे में उन सीटों सपा ने उम्मीदवार नहीं उतरेंगे और सपा के वोट हमें मिलेंगे, ऐसे में हो सकता कि 10-20 सीटें जीत जाएं।
जानकारी के लिए बता दें कि समझौते के उताबिक 298 सीटों पर कांग्रेस अपने वोटरों को सपा उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहेगी जबकि 105 सीटों पर अखिलेश अपने वोटरों को कांग्रेस को वोट देने के लिए कहेंगे।
मुलायम सिंह इस गठबंधन से नाराज हैं क्योंकि कांग्रेस जिन 105 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी उनपर सपा का कोई उम्मीदवार नहीं होगा, 105 सपा नेता अपने टिकट का इन्तजार कर रहे थे लेकिन उनका टिकट कट गया, मुलायम सिंह इसलिए नाराज हैं कि अब उन नेताओं का पांच साल क्या होगा, ना तो वे चुनाव लड़ सकते हैं आगे बढ़ सकते हैं, यही सोचकर मुलायम सिंह ने कहा है कि सभी सपा नेताओं को निर्दलीय मैदान में उतरना चाहिए और कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।
अब आप ही सोचिये, कांग्रेस सोच रही थी कि हमें 105 सीटों पर सपा के वोट मिलेंगे और कुछ सीटें हम भी जीत जाएंगे लेकिन अब सपा नेता भी निर्दलीय मैदान में उतरेंगे और मुलायम सिंह उनका साथ देंगे ऐसे में सपा वोटर मुलायम सिंह के समर्थक नेताओं को वोट देंगे और कांग्रेस को निल बटा सन्नाटा मिलेगा। ऐसे में सपा और कांग्रेस के वोट बंट जाएंगे और बीजेपी को इसका लाभ मिलेगा।
मतलब मुलायम सिंह के एक कदम से UP कांग्रेस मुक्त होने वाला है। कांग्रेस ना घर की रही ना घाट की।
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