Faridabad, 8 January: फरीदाबाद में MCF Election 2017 में पार्षदों के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है, इस बार इतिहास में पहली बार हो रहा है जब बीजेपी को टक्कर देने के लिए कोई पार्टी नहीं है, कांग्रेस पार्टी हार के डर से चुनाव नहीं लड़ रही है और उसके सभी नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बार फरीदाबाद में वोटरों के अधिक जोश नहीं दिख रहा है इसलिए हो सकता है कि केवल 55 फ़ीसदी मतदान हो, जिस प्रकार का जोश लोकसभा और विधानसभा चुनावों में दिखा था वह जोश MCF चुनावों में नहीं दिख रहा है, वोटरों को शायद पार्षदों या नगर निगम से किसी प्रकार की उम्मीद नहीं है इसलिए लोग घरों से वोट देने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं।
फरीदाबाद नगर निगम से फरीदाबाद के लोग इस कदर निराश हैं कि इसे फरीदाबाद नरक निगम भी कहते हैं, इससे पहले यहाँ पर कांग्रेस का राज रहता था, ज्यादातर पार्षद और मेयर कांग्रेसी थे, लेकिन इस बार हार के डर से पूर्व कांग्रेसी पार्षद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे हैं और सभी ने इमानदारी की टोपी पहन ली है। अब देखना यह है कि फरीदाबाद के वोटर कांग्रेसी नेताओं पर फिर से भरोसा करते हैं या कमल खिलाते हैं।
आश्चर्य की बात तो यह है कि सभी कांग्रेसी नेता भले ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने नोटबंदी को प्रमुख मुद्दा मनाया है और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर आग उगली है। अब देखना यह है कि वोटर्स उनकी बात पर भरोसा करते हैं या नोटबंदी का समर्थन करते हुए बीजेपी को वोट देते हैं।
आश्चर्य की बात तो यह है कि सभी कांग्रेसी नेता भले ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने नोटबंदी को प्रमुख मुद्दा मनाया है और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर आग उगली है। अब देखना यह है कि वोटर्स उनकी बात पर भरोसा करते हैं या नोटबंदी का समर्थन करते हुए बीजेपी को वोट देते हैं।
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