अब टेक्नोलॉजी की वजह से बेईमानों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए सुधर जाएं: MODI

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नई दिल्ली, 31 दिसम्बर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से बाहर जो धन था, वह बैंकों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में वापस आ गया है। बेईमान लोगों के लिए, आगे के रास्ते बंद हो चुके हैं। बेईमान लोगों को भी अब टेक्नोलॉजी की ताकत के कारण कानून-नियम का पालन करते हुए मुख्यधारा में आना होगा। मोदी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देने के साथ-साथ हर तबके और वर्ग के लिए कई नई घोषणाएं भी कीं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, कुछ ही घंटों के बाद हम सब 2017 के नववर्ष का स्वागत करेंगे। दिवाली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ का गवाह बना है। आठ नवंबर के बाद की घटनाएं हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती हैं।"

उन्होंने कहा, "देशवासियों ने जो कष्ट झेला है, वो भारत के उज्जवल भविष्य के लिए नागरिकों के त्याग की मिसाल है। अब प्रयास है कि नए वर्ष में जितना हो सके उतना जल्दी बैंकों को सामान्य स्थिति की तरफ ले जाया जाए। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, दूर-दराज वाले इलाकों में प्रो-एक्टिव होकर हर छोटी से छोटी कमी को दूर किया जाए ताकि गांव के नागरिकों की, किसानों की कठिनाइयां खत्म हों।"

मोदी ने कहा, "सरकार के पास दर्ज जानकारी के हिसाब से देश में सिर्फ 24 लाख लोग यह मानते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपए सालाना से ज्यादा है। क्या किसी देशवासी के गले ये बात उतरेगी? ये सरकार सज्जनों की मित्र है और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लौटाने के लिए उपयुक्त वातावरण को तैयार करने के पक्ष में है।"

उन्होंने कहा, "आज काफी संख्या में नौजवान मुख्यधारा में लौट रहे हैं। अगर हम जागरूक रहें, तो अपने बच्चों को हिंसा और अत्याचार के उन रास्तों पर वापस लौटने से बचा पाएंगे। इस अभियान की सफलता इस बात में भी है कि अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से बाहर जो धन था, वो बैंकों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में वापस आ गया है। बेईमान लोगों के लिए, आगे के रास्ते बंद हो चुके हैं। बेईमान लोगों को भी अब टेक्नोलॉजी की ताकत के कारण कानून-नियम का पालन करते हुए मुख्यधारा में आना होगा।"

बैंक कर्मचारियों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, "बैंक कर्मचारियों ने इस दौरान दिन-रात एक किए हैं। हां, आपके इस भगीरथ प्रयास के बीच, कुछ बैंकों में कुछ लोगों के गंभीर अपराध भी सामने आए हैं। कहीं-कहीं सरकारी कर्मचारियों ने भी गंभीर अपराध किए हैं और आदतन फायदा उठाने का निर्लज्ज प्रयास भी हुआ है। इन्हें बख्शा नहीं जाएगा।"

उन्होंने कहा, "बैंकिंग सिस्टम के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है। बैंकों के पास एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में, इतने कम समय में, धन का भंडार पहले कभी नहीं आया था। बैंक अपनी परंपरागत प्राथमिकताअओं से बाहर निकलकर अब देश के गरीब, निम्न मध्य वर्ग और मध्यम वर्ग को केंद्र में रखकर अपने कार्य का आयोजन करें। तब बैंक भी लोकहित के इस अवसर को हाथ से ना जाने दें।"

मोदी ने कहा, "नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही है। स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी देश में लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है। गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, और मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिए हैं। अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीमें बनाई गई हैं। इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में चार प्रतिशत की छूट और 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बनने वाले घरों की संख्या को बढ़ा दिया है। यानी जितने घर पहले बनने वाले थे, उससे 33 प्रतिशत ज्यादा घर बनाए जाएंगे। गांवों के निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना शुरू की जा रही है। 2017 में गांव के जो लोग अपने घर का निर्माण करना चाहते हैं या विस्तार करना चाहते हैं, एक-दो कमरे और बनाना चाहते हैं, ऊपर एक मंजिल बनाना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपए तक के ऋण में तीन प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले साल की तुलना में इस वर्ष रबी की बुवाई छह प्रतिशत ज्यादा हुई है। फर्टिलाइजर भी नौ प्रतिशत ज्यादा उठाया गया है। अब किसान भाइयों के हित में कुछ और अहम निर्णय भी लिए गए हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने खरीफ और रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया था, उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में ट्रांसफर करेगी। सहकारी बैंक और सोसायटीज से किसानों को और ज्यादा कर्ज मिल सके, इसके लिए उपाय किए गए हैं। नाबार्ड ने पिछले महीने 21 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की थी। अब सरकार इसे लगभग दोगुना करते हुए इसमें 20 हजार करोड़ रुपए और जोड़ रही है।"

मोदी ने कहा, "सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्डो को रूपे कार्ड में बदला जाएगा। इससे किसान कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद-बिक्री कर पाएगा। सरकार ने तय किया है कि छोटे कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए करेगी।"

मोदी ने कहा, "छोटे उद्योगों के लिए कैश क्रेडिट लिमिट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा डिजिटल माध्यम से हुए लेनदेन पर वर्किं ग कैपिटल लोन 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक करने को कहा गया है। अब तक जो कारोबारी साल में दो करोड़ रुपए तक का व्यापार करते थे, उनके कर की गणना आठ प्रतिशत आय को मानकर की जाती थी। अब ऐसे व्यापारी के डिजिटल लेन देन पर कर की गणना छह प्रतिशत आय मानकर की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा, "गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक देशव्यापी योजना की शुरूआत की जा रही है। अब देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए 6,000 रुपए की आर्थिक मदद देगी। सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक स्कीम शुरू करने जा रही है। 7.5 लाख रुपये तक की राशि पर 10 साल तक के लिए सालाना आठ प्रतिशत की ब्याज दर सुनिश्चित की जाएगी। ब्याज की ये राशि वरिष्ठ नागरिक हर महीने पा सकते हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "अब वक्त आ चुका है कि सभी राजनेता और राजनीतिक दल देश के ईमानदार नागरिकों की भावनाओं का आदर करें। हमारे देश में सामान्य नागरिक से लेकर राष्ट्रपति जी तक सभी ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराए जाने के बारे में कभी ना कभी कहा है। अब समय आ गया है कि इस पर बहस हो, रास्ता खोजा जाए।"

मोदी ने कहा, "कुछ समय के बाद 2017 का नया वर्ष प्रारंभ होगा। भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ इस लड़ाई को हमें रुकने नहीं देना है। नए वर्ष की नई किरण, नई सफलताओं का संकल्प लेकर आ रही है। आइए हम सब मिलकर चल पड़ें, बाधाओं को पार करते चलें..एक नए उज्जवल भविष्य का निर्माण करें।"
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