मायवती ने कबूला, BSP का ही है 104 करोड़ रूपया, बहुत मेहनत से कमाया था, मोदी ने नोटबंदी कर दी

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Lucknow, 27 December: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है, कल बहुजन समाज पार्टी के 104 करोड़ रुपये का खुलासा हुआ है जिसे नोटबंदी के बाद किस्तों में जमा किया गया था। दिल्ली में करोल बाग़ की यूनियन बैंक शाखा में नोटबंदी के बाद किस्तों में 104 करोड़ रुपये जमा किये गए। मायावती के भाई आनंद कुमार के खाते में भी नोटबंदी के बाद 1.43 करोड़ रुपये जमा किये गए। देखते ही देखते पूरे देश में सनसनी फ़ैल गयी। मायावती को दौलत की बेटी बताया जाने लगा। मायावती घबरा गयीं और आज उन्होंने प्रेस कांग्रेस करके बीजेपी और मीडिया पर ही हमला बोल दिया। 

मायावती ने कहा कि कल से बीजेपी के हाथों बिक चुके मीडिया और अखबार मेरी बारे में उल्टी सीधी ख़बरें दें रहे हैं, बीजेपी ने अपनी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की है और मीडिया के लोग उन्हीं के कहने पर ख़बरें दिखा रहे हैं। 

उन्होंने कबूल किया कि 104 करोड़ रुपये बहुजन समाज पार्टी के ही हैं और यह पैसा चंदे में आया था। उन्हें चंदा देने वाले पूरे देश से बड़ी नोटों में रूपया लेकर आते हैं और उन्हें दफ्तर में जमा कर दिया जाता है। ऐसे ही पिछले तीन-चार महीनों से 104 करोड़ का चंदा आया हुआ था। इन पैसों को बैंकों में जमा नहीं किया गया था। अचानक मोदी सरकार ने नोटबंदी कर दी तो इन पैसों को बैंकों में जमा करना पड़ा। 

उन्होंने कहा कि मै लखनऊ में रहती हूँ, दिल्ली जाती नहीं हूँ, मै दिल्ली जाकर इन नोटों का हिसाब किताब लेने के बारे में सोच ही रही थी कि नोटबंदी हो गयी। अब हम इन पैसों को फेंक तो सकते नहीं इसलिए हमने आयकर कानून के अंतर्गत बैंक में जमा करवा दिया। 

उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि बीजेपी वाले हमारे बड़े नेताओं को परेशान करने वाले हैं, वे हमारे नेताओं से पूछताछ कर सकते हैं, वे खुद अपने खातों में नोटबंदी के बाद पैसा जमा करवा रहे हैं लेकिन उनकी जांच नहीं हो रही है। उन्होंने केवल हमारी जांच की। 

उन्होंने कहा कि बीजेपी मुझे राजनीतिक नुकसान पहुंचाना चाहती है लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं होगी और 2007 की तरह ही हम फिर से उत्तर प्रदेश में बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे। उन्होंने कहा कि 2007 में भी मुझे और मेरे परिवार को इससे भी अधिक परेशान करने की कोशिश की गयी थी लेकिन हमने बहुमत के साथ सरकार बनायी थी, इस बार भी ऐसा ही होगा। 

मायावती ने पूछना चाहिए कि - उनकी पार्टी खासकर उत्तर प्रदेश में ही है तो उन्होने दिल्ली में खाता क्यों खुलवाया, जब वे लखनऊ में रहती हैं तो लखनऊ में खाता क्यों नहीं खुलवाया। उत्तर प्रदेश के अलावा ऐसा कौन है जो उन्हें करोड़ों रुपये का चंदा देता है। आखिर उन्हें किसने चंदा दिया था। कहीं यह पैसा टिकट बेचकर तो नहीं कमाया गया है। 

अब मायावती बुरी तरह से फंस गयी हैं, अब वे मीडिया और बीजेपी को कितना भी दोष दें लेकिन उन्हें यह तो बताना ही पड़ेगा कि उन्हें इतना चंदा किसने दिया, देनदारों का नाम तो बताना ही पड़ेगा। अगर उन्होंने टिकट बेचकर पैसा कमाया है और हिसाब ना दे पायी तो मायावती का काम तमाम होना निश्चित है। 





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