New Delhi, 11 December: नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स वाले और पुलिस मिलकर सबसे अधिक चोरों का शिकार कर रहे हैं, कल दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट 1 स्थित T&T Law Firm में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने छापा मारा जहाँ से 13.56 करोड़ रूपया बरामद हुए, चौंकाने वाली बात यह थी कि उन रुपयों में 2.60 करोड़ रुपये 2000 के नोटों के रूप में थे।
Raided T&T law firm in GK I,amount of atleast 8 crores expected,of which atleast 2+ crores in new notes: Delhi Police Crime Branch pic.twitter.com/565CMYdoi0— ANI (@ANI_news) December 10, 2016
Delhi: Out of the Rs 13.65 crore seized from T&T law firm in GK I, Rs 2.60 cr is in new currency notes.Handed over to Income tax department— ANI (@ANI_news) December 11, 2016
इससे पहले चेन्नई में कुछ ठेकेदारों के यहाँ छापे मारे गए थे जहाँ से 130 करोड़ रूपया बरामद हुए थे जिसमें से 26 करोड़ रुपये 2000 रुपये के नोटों के थे। इसके अलावा कई और जगह छापे मारे गए तो वहां से भी करोड़ों रुपये पकडे गए। इनकम टैक्स वाले जहाँ भी छापे मार रहे हैं वहां से पुराने नोटों के अलावा 2000 रुपये के नोट जरूर बरामद हो रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि कालेधन के जमाखोर चोर और बेईमानों बैंक मैनेजरों के साथ मिलकर अपना काफी धन सफ़ेद कर चुके हैं, बैंक वालों ने जनता के बजाय 2000 रुपये के नोट कालेधन वालों को सप्लाई कर रहे हैं और बदले में मोटा कमीशन खा रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनकम टैक्स वालों को पता कैसे चल जाता है कि उस स्थान पर 2000 के नोटों के बंडल छिपाए गए हैं। क्या 2000 के नोटों में सच में चिप या कोई अन्य ट्रैकिंग डिवाइस लगी है जिसकी वजह से इनकम टैक्स वालों को पता चल जाता है कि इस स्थान पर नोट छिपाए गए हैं।
यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार ने चोरों को पकड़ने के लिए ही 2000 रुपये के नोट छापे थे। कल उन्होंने एक रैली में खुद कहा कि चोरों को पता नहीं है कि मोदी ने चोर दरवाजे पर भी कैमरे लगा रखे हैं। क्या 2000 रुपये के नोटों में लगी ट्रैकिंग डिवाइस ही मोदी सरकार का कैमरा है। मोदी ने यह भी कहा था कि 8 नवम्बर के बाद जितने भी लोगों ने पाप किया है और जनता के सपनों को चूर चूर करने की कोशिश की है उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। एक महीना, दो महीना, तीन महीना, 6 महीना लगेगा, लेकिन ये लोग पकडे जाएंगे।
अगर 2000 के नोट ना होते तो क्या होता?
ऐसा लगता है कि जैसे मछली को फंसाने के लिए कांटे में आटे की गोलियां लगा दी जाती हैं वैसे ही चोरों को पकड़ने के लिए 2000 के नोट छाप दिए गए। शायद सरकार को पता था कि कालेधन के चोर बैंकों से साठ-गांठ करके अपना कुछ ना कुछ कालाधन सफ़ेद करेंगे, बैंक वाले उन्हें 2000 रुपये के नोटों के बण्डल देंगे, उस बंडल को कालेधन के चोर अपनी तिजोरी में रखेंगे, इनकम टैक्स वालों को ट्रैकिंग डिवाइस के माध्यम से पता चल जाएगा कि उस घर में नोटों का बंडल छिपा है, उस घर में इनकम टैक्स वाले छापा मारेंगे और नए नोटों के साथ साथ पुराने नोट भी जब्त कर लेंगे, इस तरह कालेधन चोर के साथ चोर बैंक मैनेजर भी पकडे जाएंगे और बैंकों में भी सफाई अभियान पूरा हो जाएगा। अगर 2000 के नोट ना छापे गए होते तो धनकुबेरों का खजाना पहले की तरह छिपा ही रहता।
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