मोदी के जाल में फंस गए हैं कांग्रेसी, ऐसा बयान दे रहे हैं जो उन्हें ही बर्बाद कर देगा, सब ख़त्म

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New Delhi, 23 December: इस वक्त प्रधानमंत्री मोदी एक मदारी हो गए हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी उनके खेल में उलझकर उनके इशारे पर नाच रही है, उनके नेता उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं जिसे देखते हुए जनता उन्हे हाल ही के कई चुनावों में सबक सिखा चुकी है और आने वाले चुनावों में भी ऐसा ही होगा। नोटबंदी की बौखलाहट में कांग्रेस नेता ऐसे ऐसे बयान दे रहे हैं जो उन्हें नहीं देने चाहिए। कांग्रेस नेता अपने ही बयानों से अपनी पार्टी का बंटाधार कर रहे हैं। 

आप खुद सोचिये, कोई कांग्रेस नेता कह रहा है कि देश के आधे भाग में बिजली नहीं है, कोई कह रहा है कि 60 फ़ीसदी जनता गरीब है, कोई कह रहा है कि देश में वाई-फाई और इन्टरनेट नहीं है, कोई कह रहा है कि देश एम् गरीबी और बेरोजगारी है, कोई कह रहा है कि टेक्नोलॉजी की बात मत करो, कोई कह रहा है कि कैशलेस की बात मत करो, कोई कह रहा है कि ऑनलाइन बैंकिंग की बात मत करो और कोई कह रहा है कि कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात मत करो। 

अब आप ही सोचिये, दुनिया में किसी भी देश को देख लीजिये, हर देश आगे बढ़ना चाहता है, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहता है, गरीबों को ही देखिये, पहले ब्लैक एंड वाइट फोन आता था लेकिन अब सभी स्मार्ट फोन लेने लगे हैं, पहले बैंकों में खाता नहीं खुलवाते थे लेकिन अब खुलवाने लगे हैं, पहले कोई डेबिट कार्ड से ATM से पैसे नहीं निकालता था लेकिन अब निकालने लगे हैं, पहले कोई डेबिट कार्ड से खरीदारी नहीं करना चाहता था लेकिन आज करने लगे हैं, मतलब सभी लोग आगे बढ़ना चाहते हैं, सभी आधुनिक होना चाहते हैं लेकिन ये कांग्रेस नेता नोटबंदी के विरोध में इतना बौखला गए हैं कि इन सभी चीजों का विरोध करते हैं। इन्हें नहीं पता है कि गरीब से गरीब आदमी अखबार पढता है और उसे दुनिया में हो रहे बदलावों का पता होता है। सभी लोग बदलना चाहते हैं। 

नोटबंदी के विरोध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस प्रकार से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे कि उन्होंने देश की 50 फ़ीसदी जनता को गरीब बता दिया, उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि वे 1971 से देश की अर्थव्यवस्था की कोर टीम का हिस्सा रहे हैं, तीन साल RBI गवर्नर रहे हैं, पांच साल देश के वित्त मंत्री रहे हैं और 10 साल देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि लोग उनसे सवाल करेंगे कि इतना दिन सत्ता में रहने के बावजूद भी आपने गरीबी दूर क्यों नहीं की। 

कांग्रेस के एक नेता कहते हैं कि 50 फ़ीसदी गाँवों में बिजली नहीं है, वाई-फाई नहीं है। उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि वे देश के पूर्व वित्त मंत्री और गृह मंत्री रहे हैं इसके बावजूद भी वे देश को बिजली नहीं दे पाए, लोग उनसे सवाल पूछ सकते हैं। 

सबसे अनोखे हैं राहुल गाँधी, वे कहते हैं कि देश के 1 फीसदी अमीर लोगों के पास कालाधन है, 99 फ़ीसदी लोग ईमानदार हैं, उन्हें लगता है कि उनके ऐसा कहने से 99 फ़ीसदी लोग उन्हें वोट दे देंगे, उन्हें शायद पता नहीं है कि पढ़ा लिखा और इमानदार आदमी कांग्रेस को कभी वोट नहीं देता, दो दिन पहले चंडीगढ़ चुनावों में पूरे देश ने देख लिया है, चंडीगढ़ को देश का सबसे साक्षर शहर माना जाता है लेकिन वहां के लोगों ने कांग्रेस को साफ़ कर दिया। 

राहुल गाँधी सोचते हैं कि लोग अखबार नहीं पढ़ते, लोग बेवकूफ हैं और उनकी बातों में आ जाएंगे, वे जब भाषण देते हैं तो यह समझकर देते हैं कि रैली में आये सभी लोग बेवकूफ हैं जबकि यह पूरी तरह से गलत है, अगर कोई बच्चा 10वीं भी ठीक से पढ़ ले तो राहुल गाँधी की बात सुनकर जिन्दगी भर कांग्रेस को वोट नहीं देगा क्योंकि राहुल गाँधी की बातें केवल बेवकूफों के लिए होती हैं। 

अब आप खुद सोचिये, वे कहते हैं कि मोदी अमीरों ने आठ लाख करोड़ का लोन ले रखा है, मोदी उनके आठ लाख करोड़ रुपये माफ़ करना चाहते हैं इसीलिए उन्होने नोटबंदी कर दी। अब आप खुद सोचिये, मोदी को आये तो भी केवल ढाई साल हो रहे हैं, इतने कम समय में तो वे 8 लाख करोड़ का लोन बाँट नहीं देंगे, लोन लेने में भी कई महीनों लग जाते हैं, उनके बाद कई साल इमारत बनाने, मशीने लगाने और अन्य चीजों में लग जाते हैं, मतलब लोन वापस करने की हालत में पहुँचने में चार-पांच साल लग जाते हैं। इसका मतलब है कि लोन कांग्रेस के समय में दिया गया होगा, ऐसे लोगों को दिया गया होगा जिनका नेचर लोन लौटाने का नहीं रहा होगा। अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ने ऐसे लोगों को लोन दिए ही क्योंकि जो लोन लौटाना नहीं चाहते। कांग्रेस बार बार विजय माल्या को भी लोन देती रही और अंत में वे देश छोड़कर भाग गए। 

मतलब कांग्रेसी नेता नोटबंदी के विरोध में इस कदर से मानसिक संतुलन खो बैठे हैं कि उन्हें यह भी नहीं पता कि क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं बोलना चाहिए। वे अपनी ही बर्बादी की नींव रख रहे हैं, वे प्रधानमंत्री मोदी को आने वाले पांच चुनावों के लिए मुद्दा दे रहे हैं। मोदी उन्हें उनकी ही बातों से ऐसा धोयेंगे कि कांग्रेस पार्टी पांच राज्यों के चुनावों में साफ़ हो जाएगी। 
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