ATM दिनभर खुले रहे लेकिन बोले 'कैश नहीं है हमारे पास', 10 मिनट में सभी ATM हुए खाली

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नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| नोटबंदी के फैसले के बाद शुक्रवार को देश के हर बैंक, डाकखाने और एटीएम में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग इन जगहों तक पहुंचे जरूर लेकिन इनमें से काफी बड़ी संख्या ऐसे लोगों की रही जिन्हें पैसा नहीं मिला। देश अभूतपूर्व नकदी की कमी से जूझता दिख रहा है। शुक्रवार को एटीएम खुले। उम्मीद थी कि इससे बैंकों पर बोझ घटेगा और समस्या भी घटेगी। लेकिन, पहले तो सुबह कई एटीएम पर पैसा पहुंचने में ही देर हुई। इसके बाद भीड़ इतनी ज्यादा पहुंची कि अधिकांश एमटीएम में कैश खत्म हो गया।

देश में करोड़ों लोगों का कहना है कि अब उनके पास रोजमर्रा के खाने-पीने तक के लिए पैसा नहीं बचा है।

जो हालात हैं, उसे देखते हुए देश में आज (शुक्रवार को) भी लोग लंबी और बेचैन करने वाली कतारों में कुल मिलाकर संयम से खड़े रहे और समस्या पैदा करने वाले हंगामे से बचते रहे। लेकिन, शुक्रवार का दिन गुरुवार की तरह भी नहीं था। शुक्रवार को अधिक भीड़ दिखी, बैंकों के साथ सड़कों पर गुस्सा दिखा, बेचैनी भी दिखी।

राष्ट्रीय राजधानी में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नाराज ग्राहकों ने एक निजी बैंक के दो कर्मचारियों की पिटाई कर दी।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक बैंक में भीड़ हिंसक हो उठी। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर हालात पर काबू पाया। नोट बदलने के लिए जनपद के मेरठ रोड पर सूजडू औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में जमा भीड़ ने बैंक की जाली तोड़ दी। पुलिस ने भीड़ को बाहर खदेड़ा, जिसके बाद वहां बवाल हो गया। 

लोगों ने बाहर निकलकर बैंक पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए और पुलिस पर भी जमकर पथराव किया गया। बचाव में पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दी, जिससे भगदड़ मच गई। 

इसी बीच आसपास से और अधिक पुलिस बल पहुंच गया। करीब दस मिनट तक पुलिस और भीड़ का टकराव होता रहा। एक महिला को र्छे भी लगे, जबकि एक लड़की समेत दो अन्य लोग भी घायल हो गए। उत्तेजित भीड़ ने मेरठ रोड जाम कर दिया। 

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में भी एक बैंक में शुक्रवार को पुराने नोट बदलकर नए नोट देने में देरी और एटीएम से रकम के न निकलने पर गुस्साए ग्राहकों ने हंगामा किया और तोड़फोड़ की। हालांकि, पुलिस ने इसे सामान्य घटना बताया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने आईएएनएस से कहा, "बैंक में ग्राहकों ने जो कुछ किया है, वह सामान्य बात है। तोड़फोड़ नहीं हुई है, मीडिया ने घटना को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया है।" 

सरकारी पक्ष ने नोटबंदी के फैसले को कालाधन के खिलाफ जरूरी बताते हुए अपना पक्ष रखा। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, "मैं इन राजनीतिक दलों की परेशानी समझ नहीं पा रहा हूं। ये विमुद्रीकरण का विरोध क्यों कर रहे हैं?"

सड़क पर कुछ परेशान लोगों से इसका जवाब सुनने को मिला। नोएडा के एक दुकानदार मनोज कुमार ने कहा, "हमें नहीं पता कि इस कदम से कालाधान रुकेगा या नहीं लेकिन हमें बहुत बड़ी परेशानी में डाल दिया गया है।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसद मार्ग स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा के सामने पुराने नोट बदलवाने के लिए लोगों की कतार में शामिल होकर सबको चौंका दिया।

राहुल को कतार में देख मीडियाकर्मी जब उनके पास पहुंचे और यहां खड़े होने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा, "मैं पुराने नोट बदलवाने और 4,000 रुपये लेने आया हूं।"

उन्होंने उनके कतार में लगते ही दूसरे लोगों को वहां से हटाने वाले बैंक अधिकारियों की आलोचना की और झल्लाते हुए मीडियाकर्मियों से कहा कि कौन जानना चाहता है कि वह कतार में क्यों खड़े हैं।

राहुल ने कहा, "मैं कतार में खड़े रहना चाहता हूं..लोग बहुत मुश्किल में हैं, घंटों से खड़े हैं। मैं यहां क्यों खड़ा हूं, यह न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझेंगे और न बड़े मीडिया हाउसों के आपके करोड़पति मालिक समझेंगे।" 

सरकार की आलोचना उसके अचानक लिए गए फैसले को लेकर हो रही है जिसने घरों और कारोबारियों को समान रूप से परेशान कर दिया है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, "देश में अराजकता जैसी स्थिति है।"

आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे कतार में खड़े अशिक्षित लोगों की मदद करें।

विमुद्रीकरण का राजनीतिक असर भी दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला उन पर भारी पड़ता दिख रहा है।

देश में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने के फैसले के बाद सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर मोदी के तीन लाख से अधिक फालोअर ने उनका साथ छोड़ दिया है।

ट्विटर की ओर से प्राप्त सूचना के मुताबिक, मोदी के नोट संबंधी ऐलान के बाद ट्विटर पर उनके 3,13,312 फॉलोअर ने उनका साथ छोड़ दिया।

मोदी के ट्विटर पर 2.4 करोड़ से अधिक फॉलोअर रहे हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि देश में विमुद्रित मुद्रा बदलने के लिए बैंकों के पास पर्याप्त नकदी है। इतना जरूर है कि बैंकों को अपने एटीएम को सही अवस्था में लाने में थोड़ा समय लगा है।

बैंक कर्मियों का कहना है कि लोग पारिवारिक वजहों को बताकर 4000 रुपये से अधिक का राशि देने पर जोर डाल रहे हैं।

इस अफरातफरी के आलम में कुछ दुखद घटनाएं भी हुईं। केरल के कन्नूर में स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर में नोट बदलवाने पहुंचे 48 वर्षीय व्यक्ति की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई।

मुंबई में नोटों को बदलने के लिए यहां एक बैंक की शाखा के बाहर कतार में खड़े एक बुजुर्ग को शुक्रवार अपराह्न् दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।

अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विश्वनाथ वर्तक उत्तर-पूर्व मुंबई के मुलुंड उपनगर में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा के बाहर कुछ पुराने नोट बदलने के लिए कतार में खड़े थे। उमस और गरमी के कारण वर्तक (73) कतार में बेहोश हो गए और गिर पड़े। उसके थोड़ी ही देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें गंभीर हृदयाघात हुआ था।

इस दुखद घटना के अलावा भी मुंबई में विभिन्न बैंकों और एटीएम पर कतारबद्ध लाखों लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें घंटों कतारों में खड़े रहना पड़ रहा है, लेकिन न तो वहां बैठने की कोई व्यवस्था है, और न पीने के पानी व शौचालय की व्यवस्था है।

सर्वाधिक परेशानी वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, और अस्वस्थ लोगों के लिए है, क्योंकि उन्हें सड़कों और फुटपाथों पर घंटों कतार में खड़े रहना पड़ रहा है और बैंक शाखाओं या स्थानीय प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।

मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल के महाराणा प्रताप नगर की बैंक स्ट्रीट में कई बैंकों के एटीएम हैं। इन एटीएम पर सुबह छह बजे से ही ग्राहकों की कतारें लगने लगीं। यहां पहुंचे ग्राहक उस वक्त मायूस हो गए, जब मशीन से रुपये उपलब्ध न होने की पर्ची निकली। जिन मशीनों से रकम निकली, वहां से ग्राहक संतुष्ट होकर लौटे।

एमपी नगर में एटीएम पर पहुंचे मंगल बिसेन ने संवाददाताओं से कहा, "मैं सुबह आठ बजे से एटीएम की कतार में लगा हूं। बैंक अधिकारियों ने बताया है कि अभी एटीएम में रकम नहीं है, दोपहर दो बजे के बाद ही इस मशीन में रकम डाली जा सकेगी, क्योंकि अभी नए नोट नहीं आए हैं।"

राज्य के इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन जैसे महानगरों से लेकर कस्बों तक से एटीएम मशीनों में रकम न होने की सूचना आई। 

देहरादून से खबर है कि उत्तराखंड में भी बैंकों और एटीएम के बाहर हजारों लोग पंक्ति में खड़े नजर आए।

हालांकि राज्य की राजधानी देहरादून में बैंकों के बाहर टेढ़ी-मेढ़ी कतारों में लोग कुल मिलाकर अनुशासित दिखे, लेकिन छोटे शहरों के कुछ बैंक शाखाओं पर लोगों और सुरक्षा गार्डो के बीच हाथापाई की सूचना है।

बिहार में भी जगह-जगह से एटीएम से रकम नहीं निकलने और कई के खराब रहने की सूचना मिली। राज्य में बड़ी संख्या में एटीएम बंद रहने की भी खबर मिली है।

स्टेट बैंक ने बताया है कि बीते दो दिन में उसने पूरे देश में 53000 करोड़ रुपये जमा किए हैं और 1500 करोड़ मूल्य की मुद्रा बदली है।
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