नई दिल्ली, 12 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित करने के बाद सिर्फ आम जनता ही नहीं छुट्टी के दिन कार्यावधि से ज्यादा समय तक सेवा दे रहे बैंक कर्मी भी परेशान हैं। खत्म न होने वाली कतारों में लगे ढेरों लोगों से निपटने के दौरान बैंक कर्मियों को नकदी की समस्या से जूझ रही जनता के गुस्से का कोपभाजन भी बनना पड़ा और देश के कई हिस्सों से बैंकों की शाखाओं में मारपीट होने की खबरें आईं।
विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद बैंक खुलने के तीसरे दिन शनिवार को बैंकों के आगे कतारों की लंबाई और ज्यादा रही।
बैंककर्मियों ने बताया कि उन्हें संचालन-तंत्र की कमी से खासी समस्या हुई, क्योंकि कई शाखाओं पर इतनी बड़ी भीड़ से निपटने की पर्याप्त व्यवस्था ही नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक बैंककर्मी प्रीति ने आईएएनएस से कहा, "अचानक विमुद्रीकरण की घोषणा के कारण हम पर अतिरिक्त कार्य का बोझ बढ़ गया है। लोगों के पास नकदी नहीं है, हम उनकी समस्या समझते हैं, लेकिन हम भी अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं।"
प्रीति ने कहा, "हम समझ सकते हैं कि लोगों को दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए नकदी की जरूरत है। उन्हें बैंककर्मियों के साथ सहयोग करना चाहिए, क्योंकि बैंककर्मी भी आम आदमी ही है और दूसरों की जरूरत पूरा करने के लिए उसे अपनी छुट्टी का त्याग करना पड़ा है।"
प्रीति ने बताया कि अत्यधिक कार्य की वजह से बैंक कर्मियों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है, क्योंकि उन्हें आराम तक करने का मौका नहीं मिल पा रहा।
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लोग बैंक अधिकारियों की बात नहीं सुन रहे और बैंक कें अंदर और बाहर भगदड़ मचा रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि घंटों से कतारों में खड़े लोग झुंझला रहे हैं और गुस्सा कर रहे हैं और बैंक में काम करने के माहौल में कठिनाई पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "भीड़ अधीर हो जा रही है, वे धक्कमुक्की कर रहे हैं और भगदड़ की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बैंक में शीशे की कुछ खिड़कियां तक तोड़ दीं।"
एक अन्य बैंक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से बैंक का काम निपटा कर देर रात घर जा पा रहे हैं और अगले दिन अलसुबह ही काम पर लौटना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, "यहां तक कि हमें पानी पीने और खाना खाने तक का समय नहीं मिल पा रहा, लेकिन भीड़ बढ़ती ही जा रही है।"
कई बैंकों ने तो सीमित संख्या में लोगों को बैंक के अंदर घुसने दिया और बैंक के बाहर कतार की लंबाई बढ़ती रही।
अनेक लोगों के तो जब बैंक में अंदर जाने की बारी आई तो बैंक का कामकाज बंद करने का समय हो चुका था, जिससे उन्हें खाली हाथ मायूस लौटना पड़ा।
दक्षिण दिल्ली में एचडीएफसी बैंक की एक शाखा के प्रबंधक ने लोगों से धैर्य रखने की अपील की और कहा कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार तो नहीं है, लेकिन उन्होंने बताया, "हमें शाम 3.30 बजे तक बैंक खोले रखने का निर्देश मिला है। हम इस संबंध में और कुछ नहीं कर सकते।"
उन्होंने बताया कि बैंक में पर्याप्त मात्रा में नकदी है, लेकिन भीड़ नियंत्रण से बाहर है।
एटीएम मशीनों के बारे में पूछा गया तो शाखा प्रबंधक ने बताया कि वे एटीएम मशीनो में नकदी नहीं डाल पाए हैं।
उन्होंने बताया कि एटीएम मशीनों के सॉफ्टवेयर अपडेट करने की जरूरत है उसके बाद ही जारी किए गए 500 और 2,000 के नोट उनमें डाले जा सकेंगे।
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