भाजपा के लिए 'राफेल' साबित हो सकता है 'बोफोर्स': प्रशांत भूषण

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नई दिल्ली दिल्ली, 22 अक्टूबर: स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने शनिवार को केंद्र सरकार पर फ्रांस से हुए 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर हमला किया और कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के लिए बोफोर्स साबित होगा। भूषण ने यहां एक बयान में कहा, स्वराज अभियान के खुलासे और एडमांड एलेन ने जो सबूत पेश किए हैं और लगाए गए आरोप पर पत्थर की तरह मौन साध लिए जाने से स्पष्ट है कि राफेल सौदा भाजपा के लिए बोफोर्स साबित हो सकता है। 

भूषण की यह टिप्पणी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के 59 हजार करोड़ रुपये के सौदे को सबसे अच्छा सौदा करार देकर बचाव करने के दो दिन बाद आई है। 

उन्होंने कहा, जब बोफोर्स सौदे का घोटाला सामने आया था, उस समय राजीव गांधी की 'मिस्टर क्लीन' वाली छवि थी। उनका भी जवाब इसी तरह का था कि बोफोर्स तोप सौदा सबसे अच्छा है। उसके बाद घोटाले पर लीपापोती करने के लिए हस्यास्पद ढंग से सीबीआई जांच कराई गई। 

गुरुवार को स्वराज इंडिया के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक अमेरिकी वकील सी. एडमंड्स एलेन के लिखे उन पत्रों को जारी किया जिनमें कहा गया है कि रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा ने भाजपा सांसद वरुण गांधी को हनीट्रैप में फंसाया और समझौता के लिए मजबूर किया। 

उन्होंने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "वह यह कहकर बच नहीं सकते कि उन्होंने कभी भी रक्षा सलाहकार समिति की बैठक में भाग नहीं लिया और रक्षा गोपनीयता लीक करने को नकार रहे हैं और कह रहे हैं कि वह रक्षा पर संसद की स्थायी समिति की बैठकों में भी बहुत कम गए हैं और रक्षा से जुड़े किसी भी संवेदनशील चीज तक उनकी पहुंच नहीं है।" 

भूषण ने कहा, मजेदार बात है कि उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि अभिषेक वर्मा ने उन्हें रूपजाल (हनीट्रैप) में फंसवाया था। 

वरुण गांधी ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह स्वराज अभियान के नेता के खिलाफ मानहानि का आपराधिक मुकदमा दर्ज कराएंगे। 

भूषण ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को ईमेल, तस्वीरें और पत्रों के रूप में इतने अधिक सबूत मुहैया कराए जाने के बावजूद वर्मा ने सिर्फ इतना कहा है कि ये आरोप एक असंतुष्ट पूर्व साझीदार के हैं। 

भूषण ने राफेल सौदे का एक बड़ा हिस्सा रिलायंस को देने की बात कहकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि क्यों इस ठेके का करीब 30 हजार करोड़ रुपये का हिस्सा अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस डिफेंस को दे दिया गया? जबकि इस कंपनी को रक्षा से जुड़े उत्पाद का कोई अनुभव नहीं है और यह कंपनी मात्र एक साल पुरानी है। 

जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस टेलीकॉम के खिलाफ 2जी घोटाले में सीबीआई आरोपपत्र दायर कर चुकी है। 
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