MP में शिवराज का कमाल, साढ़े 5 लाख करोड़ निवेश का प्रस्ताव

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इंदौर, 23 अक्टूबर: मध्यप्रदेश के इंदौर में दो दिन तक चले वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट) में निवेश्कों ने औद्योगिक विकास संभावनाओं के बीच राज्य में निवेश में बड़ी दिलचस्पी दिखाई। विभिन्न निवेशकों ने साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव दिए। केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर उद्योगपतियों ने भी राज्य के औद्योगिक माहौल को सराहा। सम्मेलन के समापन मौके पर केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को कहा कि मध्यप्रदेश में बेहतर नेतृत्व और जन-केंद्रित नीतियों से विकास हुआ है। प्रदेश की विकास दर लगातार 10 प्रतिशत से अधिक रही है। भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टेंडअप इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भारत को सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्था बताया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को वर्ष 2016-17 के लिए विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बताया है। जीएसटी को 23 राज्य ने पारित किया है। 

सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय की बदलती भूमिका का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि उनका विभाग सिर्फ कूटनीति की जिम्मेदारी नहीं निभा रहा, बल्कि घरेलू विकास में भी अब भूमिका निभा रहा है, और यही कारण है कि देश में बीते साल से विदेशी पूंजी निवेश में 53 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

उन्होंने कहा, "यह पहला मौका है जब देश के विदेश मंत्रालय ने घरेलू विकास का बीड़ा उठाया है। इससे पहले कभी भी विदेश मंत्रालय की प्राथमिकता में घरेलू विकास नहीं रहा। वह सिर्फ कूटनीति का मंत्रालय हुआ करता था, लेकिन आज हम कूटनीति भी कर रहे हैं, बाहर संकट में फंसे भारतीयों की सुरक्षा भी कर रहे हैं और देश के विकास के लिए पूंजी निवेश भी आमंत्रित कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "देश में पिछले साल के मुकाबले 53 फीसदी विदेशी पूंजी निवेश बढ़ा है। यह पूंजी राज्यों में आ रही है, यह पूंजी राज्यों में आए इसके लिए विदेश मंत्रालय में डिवीजन भी बनाया गया है, जिसे स्टेट डिवीजन नाम दिया गया है। इसका जिम्मा संयुक्त सचिव के अधिकारी को सौंपा गया है। ये अधिकारी राज्यों को प्रेरणा देने के साथ उनकी मदद भी करते हैं।"

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकैया नायडू ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से विकास कर रहा है इस राज्य के लिए इस्तेमाल होने वाला बीमारू शब्द अब अतीत की बात हो गई। पिछले दस साल में मध्यप्रदेश, मुख्यप्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा कि 18 हजार 900 मेगावाट बिजली उपलब्ध होना एक रिकार्ड है।

इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध है। निवेशक निर्यात बढ़ाने के लिए उत्पादक उद्योगों में निवेश करें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए आवश्यक उपकरण जैसे मोटराइज्ड ट्रायसाइकिल, कृत्रिम हाथ-पैर, श्रवण यंत्र अभी विदेशों से बुलाए जाते हैं। इन उपकरणों के निर्माण के उद्योग देश में ही शुरू किए गए हैं।

केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने केंद्र की मौजूदा सरकार को औद्योगिक विकास हितैषी करार देते हुए कहा कि उद्योगों को वन व पर्यावरण संबंधी मंजूरी (क्लियरेंस) 120 दिन में मिलती है, लेकिन वह इस कोशिश में जुटे हैं कि इसकी अनुमति दो माह के भीतर मिल जाए। 

दवे ने निवेशकों से कहा कि अगर उन्हें उद्योग लगाने में कोई समस्या आ रही है तो वह सीधे उन्हें फोन कर सकते हैं, क्योंकि उनका कोई पीए नहीं है और वह खुद ही अपना फोन उठाते हैं।

उन्होंने कहा कि अभी पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने में 120 दिन लगते हैं। वह इस समय में कमी लाकर इसे 50-60 दिनों पर लाना चाहते हैं। इस दिशा में काम हो रहा है।

दवे ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक पर्यावरण (इंडस्ट्रियल इंवायरमेंट) और वातावरण पर्यावरण (एटमॉसफेयर इंवायरमेंट) को उद्योगों के अनुकूल बताया।

केंद्रीय पेटोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी करते हुए कहा कि इसमें मध्यप्रदेश बड़ी भूमिका निभा सकता है। 

प्रधान ने बीते 13 वर्षो में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह राज्य तेजी से विकास कर रहा है। सड़क, बिजली और पानी के मामले में यहां की तस्वीर बदली है।

इंदौर में दो दिन चले इस सम्मेलन में 42 देशों के चार हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और 2630 निवेशकों ने 562847 करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इस सम्मेलन के समापन मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने अगला सम्मेलन 16-17 फरवरी 2019 को करने का ऐलान किया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि इस बार उनका करारनामों पर जोर नहीं था। उनके पास 2630 निवेश के प्रस्ताव आए हैं, इन प्रस्ताव के जरिए 5,62,847 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करने की इच्छा जताई गई है। 

राज्य सरकार को मिले प्रस्ताव में आदित्य बिड़ला समूह द्वारा विभिन्न क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये, सिनटेक्स लिमिटेड द्वारा 2,000 करोड़ रुपये, प्राक्टर एंड गेंबिल द्वारा 1,100 करोड़ रुपये, मायलान लेव द्वारा 700 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव शामिल है। 

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम, भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा 2700 मेगावट क्षमता सौर ऊर्जा की संयंत्रों की स्थापना पर 20700 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया है, जिसमें इंडियन ऑयल कॉरपाोरेशन के 4,760 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव सम्मिलित है।

इसके अलावा ल्यूपिन इंडिया लिमिटेड द्वारा 380 करोड़ रुपये, एस्सार समूह द्वारा 4,500 करोड़ रुपये, हेटिच द्वारा 400 करोड़ रुपये, आईटीसी लिमिटेड द्वारा 600 करोड़ रुपये, मयूर यूनिकोटर्स द्वारा 200 करोड़ रुपये, अजंता फार्मा द्वारा 400 करोड़ रुपये, वर्धमान द्वारा 780 करोड़ रुपये, सागर मैन्युफैक्चरिंग द्वारा 965 करोड़ रुपये, रूसान फार्मा द्वारा 700 करोड़ रुपये, छिंदवाड़ा प्लस एसईजेड विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये, और एवगल लिमिटेड द्वारा 230 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव सरकार के पास आए हैं।
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