मोहाली में कप्तान और उपकप्तान ने मिलकर मार लिया मैदान

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मोहाली, 23 अक्टूबर: न्यूजीलैंड के खिलाफ पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर हुए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में भारत को उसके दो कप्तानों ने जीत दिलाई। इस जीत के साथ भारत ने पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली।

सबसे सफल कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धौनी (80) और सभी प्रारूपों में भविष्य के कप्तान के तौर पर देखे जा रहे विराट कोहली (नाबाद 154) की नायाब पारियों की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराया।

न्यूजीलैंड से मिले 286 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कोहली और धौनी के बीच 151 रनों की साझेदारी की बदौलत 48.2 ओवरों में 289 रन बनाए और 10 गेंद शेष रहते जीत हासिल कर ली।

कोहली के साथ मनीष पांडेय (नाबाद 24) भारत को जीत दिलाकर नाबाद लौटे। कोहली को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने रोहित शर्मा (13) और अजिंक्य रहाणे (5) के रूप में शुरुआत में जल्द ही दो विकेट गंवा दिए थे, लेकिन उसके बाद धौनी और कोहली ने जिस तरह भारतीय पारी को संभाला, लग रहा था कि भारतीय टीम के जहाज को दो-दो कप्तान नेतृत्व दे रहे हों।

धौनी ने 91 गेंदों की अपनी नायाब पारी में नौ चौके और तीन छक्के लगाए। इस दौरान धौनी ने एकदिवसीय करियर में 9,000 रनों का आंकड़ा पार किया और ऐसा करने वाले दुनिया के 17वें बल्लेबाज और तीसरे विकेटकीपर/बल्लेबाज बन गए।

धौनी यह कारनामा करने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज हैं। इसके आलावा धौनी ने सर्वाधिक छक्के लगाने के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। धौनी के नाम अब एकदिवसीय में 196 छक्के हो गए हैं, जबकि तेंदुलकर ने 195 छक्के लगाए थे। हालांकि इस सूची में 351 छक्कों के साथ शाहिद अफरीदी शीर्ष पर हैं।

उधर अंत तक नाबाद रहे कोहली ने जिस अंदाज में भारत को जीत दिलाई उसने एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय टीम के भविष्य के नेतृत्व को लेकर किसी तरह की शंका या अटकल को दूर कर दिया। कोहली ने 134 गेंदों की अपनी मैच जिताऊ पारी में 16 चौके और एक छक्का लगाया। कोहली और मनीष ने चौथे विकेट के लिए 7.76 की तेज रफ्तार से 97 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को लक्ष्य रेखा से पार पहुंचाया।

हालांकि कोहली को पांचवें ओवर में एक जीवनदान मिला। मैट हेनरी की गेंद कोहली के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर वाइड स्लिप में खड़े रॉस टेलर की ओर गई, हालांकि दाहिनी और इस नीचे कैच को टेलर लपक नहीं पाए, जिसका खामियाजा पूरी किवी टीम को भुगतना पड़ा।

इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी किवी टीम दो गेंद पहले ही ऑलआउट हो गई। टॉम लाथम (61) और जिम्मी नीशम (57) की अहम पारियों के बावजूद किवी टीम 49.4 ओवरों में 285 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।

न्यूजीलैंड को शुरुआत अच्छी मिली। मार्टिन गुप्टिल (27) और केन विलियमसन (22) बड़ी पारियां तो नहीं खेल सके, लेकिन उन्होंने टीम को अपेक्षित शुरुआत जरूर दिलाई।

गुप्टिल, विलियमसन के जाने के बाद लाथम को अपनी टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी रॉस टेलर (44) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 73 रन जोड़े। न्यूजीलैंड टीम इस साझेदारी की बदौलत 28 ओवरों में 150 रन बना चुकी थी और मजबूत स्थिति में नजर आने लगी थी।

लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने यहां जबरदस्त वापसी की और लगातार तीन ओवरों में न्यूजीलैंड के तीन विकेट चटका डाले। मिशेल सैंटनर (7) भी विकेटों के इस बहाव में बच नहीं सके। उमेश यादव ने 199 के कुल योग पर टिम साउदी (13) का विकेट चटका किवी टीम की कमर ही तोड़ दी।

37.5 ओवरों में 199 के कुल योग पर आठ विकेट गंवा चुकी किवी टीम बुरी तरह संकट में नजर आ रही थी, लेकिन यहां नीशम ने मैट हेनरी (नाबाद 39) के साथ करिश्माई साझेदारी की। दोनों ने नौवें विकेट के लिए 7.52 की तेज रन गति से 84 रन जोड़ डाले और अपनी टीम को फिर से मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

47 गेंदों में सात चौके लगाकर मैच बचाऊ पारी खेलने वाले नीशम का विकेट छह गेंद पहले केदार जाधव ने लिया।

उमेश और केदार ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि बुमराह और अमित मिश्रा को दो-दो विकेट मिले। बुमराह ने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर बोल्ट का विकेट चटका किवी टीम की पारी समेटी।
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